Moral stories in hindi : हाँ वो मोटी थी बचपन से ।शुरू से खाने पीने की शौकीन ,हँसने कूदने मस्ती करने वाली। इधर उधर गोलू सी मटकती फिरती ।कोई भी उसको उसके असली नाम निकिता से नहीं बुलाता था ।यहाँ तक कि घरवाले भी उसे गोलू ,गोलगप्पा ही बुलाते और दोस्त सहेलियां कोई टुनटुन कहते ,कोई कहते “अरे संभल के धरती हिल रही है देखो भूकम्प आ गया।”वो किसी की बात का बुरा न मनाती न ही किसी के चिढाने पर रोती बिसूरती ,उल्टा हँस कर यही कहती कि” खाते पीते घर की हूँ जलते क्यों हो ,तुम भी खाओ पिओ ऐश करो ।
जिन्दगी जीने का नाम है
खाने पीने का नाम है।
वो थोड़ी बहुत फिल्मी शिल्मी थी तो अक्सर डाॅयलाग मारा करती ।अपने पतले दोस्तों को देख कहती “ये जीना भी कोई जीना है लल्लू।कभी कहती बाॅडी है या कंकाल
क्या बना रखा है अपना हाल
कुछ लेते क्यों नहीं ।”
जो भी हो अपने मोटापे को उसने न कभी दोष माना न उसको छिपाने ढकने की कोशिश की।वो कहती ” भगवान ने सारी वैराइटी के लोग बनाए हैं । सभी रूप ,रंग,आकार में अलग अलग होते हैं और मुझे तो उन्होंने स्पेशल ढाँचे में गढ़ा है और उसके बाद ढाँचा तोड़ दिया ताकि और कोई हमारे जैसा महानुभाव पैदा न हो ।”ऐसा कह के हँस पड़ती।
सब उसकी इसी जिन्दादिली पर फिदा थे ।घर बाहर अपनी खुशमिज़ाजी के कारण सबकी चहेती थी।सब,पार्टी,महफ़िलों की रौनक थी ,गली मोहल्ले की स्टार थी ।घर की खनक,गुंजन थी। पढ़ाई लिखाई कर वो एक स्कूल में शिक्षिका हो गई थी ।
लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती गई ,वैसे ही मोटापा उसके लिए अभिशाप बनता जा रहा था ।उसके साथ की सब सहेलियों की शादी हो गई थी । मोटापे की वजह से उसके लिए कोई रिश्ता नहीं आता था और भूले भटके कोई आ जाता तो उनके हाव भाव से ही नापसंदगी दिख जाती ।उसे बहुत अपमान लगता।
इस कहानी को भी पढ़ें:
उसने माँ बाप को कह दिया कि “आगे से किसी को भी घर बुलाकर हमारी बेइज्जती न कराया करें । मैं कोई नुमाईश की चीज नहीं ,मेरे अंदर भी भावनाएँ हैं ।मुझे भी दर्द होता है ।” तब पहली बार उसके घरवालों को हँसती मुस्कुराती लड़की में उदासी की झलक दिखाई दी ।अब वे उसे खाने के लिए ,डेली वाॅक के लिए ,जिम जाकर वजन कम करने के लिए टोकने लगे।कभी-कभी तो वो अपने पर नियन्त्रण करती,जिम भी जाती लेकिन ज्यादा दिन तक निभा न पाती तो फिर वैसे ही हो जाती।
लेकिन तभी उससे छोटी बहन जो कि आजकल की लड़कियों की तलह स्लिम ट्रिम ,वैल मैन्टैन्ड थी ,उसके लिए बहुत अच्छे घर का रिश्ता आ गया ।घरवाले चाहते तो यही थे कि बड़ी की पहले हो लेकिन उसके कोई आसार नजर नहीं आ रहे थे और यह रिश्ता वो खोना नहीं चाहते थे इसलिए उन्हें हाँ करनी पड़ी ।ऊपर से तो निकिता भी खुश दिखने की कोशिश करती लेकिन अंदर ही अंदर कुछ बेध रहा था उसे,जिसकी चोट दिखाई नहीं पड़ रही थी लेकिन अंदर ही अंदर उसको छलनी जख्मी कर रही थी ।उसने इस बात को इतना मन से लगा लिया कि उसकी शादी के बाद वह “डिप्रेशन” में आ गई । किसी काम में मन नहीं लगता था ।शिक्षण से भी अवकाश ले लिया।घर से बाहर निकलना बंद कर दिया ।बस अपने कमरे में पड़ी “आँसू” बहाया करती ।डाॅक्टर के पास भी नहीं जाती ।घरवाले उसकी इस हालत से बहुत दुखी थे ।हँसती खेलती लड़की को मानो ग्रहण लग गया था।वे उसे बहुत समझाते लेकिन वो वैसे ही निस्पंद ही पड़ी रहती ।एक दिन उसकी मम्मी ने उसकी सब करीबी सहेलियों को फोन करके घर आने का अनुनय किया ।जब वो आईं तो उन्हें उसकी स्थिति के बारे में बताकर उसे एन्टरटेन करने या बाहर ले जाने को कहा जिससे उसमें कुछ सकारात्मकता आ सके। उसकी सहेलियां भी उसकी हालत देखकर हतप्रभ रह गईं।उनकी गोलू ,टुनटुन अस्थिपंजर सी हो गई थी ।गाल धँसे ,बाल रूखे ,चेहरे पर मलिनता ,आँखो में आँसू। कभी आज तक उसे ऐसे नहीं देखा था उन्होंने लेकिन फिर सभी ने आपस में विचार करके कैसे भी उसको फिर से पहले वाली निकिता बनाने का वादा किया। उस दिन उन्होंने बहुत धमाल मचाया उसके आँसूओं पर उसकी स्टाइल में फिल्मी गाने गाकर डाॅयलाग मार के उसको हँसाने की कोशिश करती रहीं ।
एक तो राजेश खन्ना की मिमिक्री करते हुए टेढी होकर उसकी ही अदा में बोली ” पुष्पा आई हेट टियर्स रे”उसकी मिमिक्री इतनी उम्दा थी कि सबके साथ निकिता के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई ।अब तो सब उसको खुश करने के लिए अपने अपने हुनर दिखाने लगीं ।
एक ने गाना गाया “रोते रोते हँसना सीखो ,हँसते हँसते रोना तो कोई यह गाना गाने लगी
इस कहानी को भी पढ़ें:
आँसू नहीं ये मोती है
देखो पलकों से टूटे ना
हौंसला न कभी कम हो
धीरज कभी छूटे ना
तो कोई कुमार विश्वास बनकर यह गाती
मुझे सब लोग कहते हैं तेरी आँखो में आँसू हैं
जो तू समझे तो मोती है जो न समझे तो पानी है ।
सच में उन सब की कोशिश रंग लाईं और निकिता खिलखिला उठी।
तब उन लोगों ने उसे समझाया कि “मोटापा कोई बीमारी नहीं यह तो कुदरत की देन है ,कोई पतला ,कोई मोटा ,कोई काला ,कोई ठिगना ।कोई भी परिपूर्ण नहीं। जो सचमुच तेरे से प्यार करेगा वो तेरे शरीर से नहीं ,तेरे मन से करेगा और मन तो तेरा कुन्दन है जिसे अब तक वो जौहरी ही नहीं मिला जो उसकी परख कर सके ।फिर वो उसे छेड़ते हुए बोलीं “तेरे लिए भी तो भगवान ने किसी मोटे को पैदा किया ही होगा ना। तू शादी डाॅट काॅम में अपनी प्रोफाइल डाल तो देख कितने लड़कों की लाइन लग जाएगी।।
बहुत दिनों बाद उसके चेहरे पर सकारात्मक मुस्कराहटों का उजाला फैला ।
सच में उसने जब मैरिज एप्पस पर अपनी प्रोफाइल डाली तो बहुत से प्रपोजल आए जिनमें कई लड़के उसकी तरह गोलू मोलू थे ।उनमें से एक लड़के का प्रपोजल उसने एक्सेप्ट कर लिया ।उससे मिली और पहली बार में उसे वो भा गया और उसे निकिता । वह भी उसकी तरह गोलू ,खुशमिजाज व बिन्दास था ।उसने बताया कि उसे भी मोटापे की बजह से कई लडकियाँ रिजेक्ट कर देतीं थीं तो वो भी निराश हताश हो गया था ऐसा कहते हुए उसकी आँखे भर आईं। निकिता भी उसका दर्द महसूस कर सकती थी क्यों कि वो भी ऐसी ही मनःस्थिति से गुजरी थी ।उसने उसका थाम के अपने पहले के चुलबुले अंदाज में रीतेश को कहा “आई हेट टियर्स पुष्पा”और फिर दोनों खिलखिला के हँस पड़े।
पूनम अरोड़ा