आप बेटी की मां होकर जंवाई की शिकायत कर रही है। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

मधु जी हमेशा की तरह अखबार पढ़ रही थी और रीवा रसोई का काम निपटा रही थी क्योंकि  उसे जल्दी ही काम पर जाना था।

तभी फोन की घंटी बजती है, रीवा फोन उठाती है, दूसरी तरफ रीवा की मां बोल रही थी, अपनी सास को फोन दें, मुझे उनसे बात करनी है, रीवा ने अपनी सास से कहा, “मम्मी जी, मेरी मां का फोन आया है, वो आपसे बात करना चाहती है, रीवा ने अपनी सास मालती जी को फोन देते हुए कहा।

अच्छा, पर तेरी मम्मी मुझसे क्या बात करना चाहती है, फोन पकड़ते हुए मधु जी बुदबुदाई।

मम्मी जी, वो आपसे राहुल की कुछ शिकायत करना चाहती है, ये सुनते ही मधु जी आग-बबूला हो गई और बिना बात किये ही फोन काट दिया।

क्या!! राहुल की शिकायत करना चाहती है, तेरा और तेरी मां का दिमाग तो ठीक है? लड़की वाली होकर भी वो लड़के की मां से शिकायत करना चाहती है, आजकल क्या जमाना आ गया है, पहले लडकी वाले लड़के वालों के आगे नजरे नीची किये रहते थे और आजकल शिकायत करने लगे हैं, तूने ही अपनी मां के कान भरे होंगे, भला उन्हें हमारे घर की रामकहानी से क्या मतलब होगा, तू नहीं बतायेगी तो उन्हें पता कैसे चलेगा? अपने ही पति की बुराई अपनी मां से करते हुए तुझे शर्म नहीं आती है, पहले मुझसे तो बोलती, सीधे अपनी मां तक बात पहुंचा दी”?? मधु जी की बात खत्म हो ही रही थी कि फिर से फोन की घंटी बजती है, इस बार मधु जी खुद ही फोन उठा लेती है, उधर से रीवा की मम्मी बोलती है, समधन जी नमस्ते आपके और घर-परिवार के क्या हाल है?

अल्पना जी का मधुर स्वर सुनकर मधु जी भी सामान्य हो जाती है, हां, सब ठीक है.. और बताइये आज आपने कैसे याद किया? कुछ जरूरी बात थी क्या?

मधु जी ने शंकित स्वर में जानना चाहा।

हां, समधन जी, मुझे अपने जंवाई बाबू राहुल से काफी शिकायतें हैं , तो सोचा सीधा आपको ही बोल दूं, आप ही अपने बेटे की कमियों को दूर कर सकती है, अल्पना जी ने संयत होकर कहा।

इधर अब मधु जी का स्वर थोड़ा सा तेज हो गया था, आप दुनिया की पहली सास होगी जो अपने जंवाई की शिकायत उसी की मां से कर रही है, आपको तो पुरस्कार मिलना चाहिए, आप भी हद करती है, हम लड़के वाले हैं और अपनी मर्जी से अपने हिसाब से रहेंगे और बहू को रखेंगे, भला शिकायत करने वाली आप कौन होती है? आप अपने रिश्ते की मर्यादा में रहिए तो अच्छा रहेगा, वरना मेरे बेटे के लिए हजारों लड़कियां आज भी लाइन में खड़ी है, शाम तक आपकी बेटी को वापस भिजवा देंगे।

मधु जी, मै दुनिया की पहली सास होगी जो आपके बेटे की शिकायत आपसे कर रही है, शिकायत तो हर सास को अपने जंवाई से होती है ,पर वो कुछ कह नहीं पाती है और अपनी बेटी को दुखी देखकर दुखी होती रहती है,  जब आपके बेटे की गलती होगी तो आपको ही बोलूंगी ? दुनियाभर में ढिंढोरा पीटने नहीं जाऊंगी, जैसे आप मेरी बेटी का ढिंढोरा पीट रही है, वो पढ़ी-लिखी है नौकरी कर रही है, उसे कुछ काम नहीं भी आता है तो आप प्यार से सीखा सकते हैं या मुझसे कह सकती थी, लेकिन सभी रिश्तेदारों के सामने मेरी बेटी का अपमान आपके बेटे ने किया है, ये तो ठीक नहीं है, पत्नी अपमान की नहीं सम्मान की अधिकारी होती है, और उसी को जंवाई बाबू इज्जत नहीं दे सकें।

रीवा ने आपसे भी कहा था लेकिन  आपने उसकी सुनी और अनसुनी कर दी तो वो क्या करें? यूं ही घुटकर जीती रहें, रात को भी जंवाई बाबू देर से आते हैं, उसे समय नहीं देते हैं, और हमने दोनों की विधिवत् शादी करवाई है, कोई सामान आपके घर नहीं भेजा है जो पसंद नहीं आया तो वापस भिजवा दोगे??

आपके बेटे को हजारों लड़कियां मिल जायेगी तो मेरी बेटी भी पढ़ी-लिखी कमाऊ है, उसे भी कई लडके मिल जायेंगे। 

आप अपने बेटे को समझाओ, उस पर ध्यान दो, अब शादी हो गई है तो उसके कुछ फर्ज भी बनते हैं, वो अपने फर्ज से कैसे पीछे हट सकते हैं?

आज आपकी बेटी पर कोई दुख आयेगा तो आप क्या चुपचाप सहेगी ? कुछ ना करेगी? अभी तो आपकी बेटी आपके पास है, लेकिन जब उसकी शादी होगी और उसे अपने पति और ससुराल वालों से कुछ शिकायत होगी तो वो किससे कहेंगी?

समधन जी, अब पुराना ज़माना लद गया है, बेटी दी है तो उसकी खुशी की जिम्मेदारी भी हमारी है, बेटी को कोई तकलीफ़ होगी, शिकायत होगी तो हम मायके वाले उसका पूरा साथ देंगे, ये नहीं कि तेरा घर है तू जानें, ये कहकर पल्ला नहीं झाड़ लेंगे, बेटी जिगर का टुकड़ा होती है, वो जीवन भर खुश रहे, हर मां यही चाहेंगी।

जब सास बहू की शिकायत मायके वालों से कर सकती है तो बेटी की मां जंवाई की शिकायत उसकी मां से क्यों नहीं कर सकती है? आजकल तो बराबरी का जमाना है , बेटी भी किसी मामले में बेटे से कम नहीं है।

ये सुनकर मधु जी की बोलती बंद हो गई, क्योंकि आज उनकी समधन अल्पना जी ने जो भी कहा , कुछ गलत नहीं कहा है।

अभी दो महीने पहले, राहुल और रीवा की शादी हुई थी, दरअसल राहुल अभी शादी नहीं करना चाहता था और मधु जी राहुल की शादी करके जल्दी से फ्री होना चाहती थी, उनका मानना था कि बहू आये और घर संभाल लें, पर राहुल के लिए जो रिशता आया वो रीवा का था, रीवा एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी, और उसके घरवालों को राहुल पसंद भी आ गया था, राहुल की एक छोटी बहन है जो अभी कॉलेज में ही पढ़ रही थी। 

राहुल ने मधु जी के कहने पर शादी तो कर ली थी पर वो अपनी पत्नी के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं निभा रहा था, वो ही पहले की तरह दोस्तों के साथ देर तक बाहर रहना और उनके साथ ही बाहर घुमने चले जाना, रीवा दिन भर काम करती और रात को राहुल का इंतजार करती, पर राहुल देर से आता और सो जाता था। इस बात को एक महीना और अब दो महीने हो गये थे, रीवा ने अपनी सास से कहा था पर उन्होंने ये कहकर टाल दिया, मर्द है बाहर घूमने भी जायेगा, शादी हो गई तो इसका मतलब ये थोड़ी है कि तेरे ही पल्लू से बंधा रहेगा, ये सुनकर रीवा बहुत परेशान हुई और उसने अपनी मां से कह दिया, ताकि इसका कोई तो हल निकले।

मधु जी दो मिनट तो चुप रही फिर बोली, “समधन जी

मै आज ही राहुल  से बात करूंगी और उसे समझाने का प्रयास करूंगी, आखिर बहू के प्रति भी उसकी कुछ जिम्मेदारियां हैं।

अल्पना जी की शिकायत की बात मधु जी ने अपने बेटे राहुल से कही और उसे समझाया कि वो रीवा के साथ अच्छे से व्यवहार करें और उसे पूरा सम्मान दें।

कुछ दिनों में सब सामान्य हो गया, “अल्पना जी ने मधु जी को फोन करके कहा, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद, आपने मेरी हर शिकायत दूर कर दी”।

नहीं, समधन जी मै तो शर्मिंदा हूं कि मेरे बेटे की वजह से आपकी बेटी को परेशानी हुई, पर अब ऐसा कभी नहीं होगा, आपको कभी शिकायत का मौका नहीं मिलेगा, और दोनों समधन आपस में खुशी से बात

करने लगी।

धन्यवाद

लेखिका

अर्चना खंडेलवाल

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