बहू का भी मायका होता है – नीलिमा सिंघल

मनीषा खुशी खुशी अपना काम मशीन की तरह निपटाए जा रही थी आज उसको अपने मायेके  जाना था, वो चिन्तामुक्त थी क्यूंकि उसकी सासु माँ ने बताया था कि कुछ दिन सिम्मी नहीं आएगी । सिम्मी मनीषा की इकलौती नन्द थी पर 100 के बराबर थी पूरे ससुराल में उसी का हुकुम चलता था सिम्मी … Read more

पीहर की खुशबु – नीलिमा सिंघल 

पीहर ये नाम आते ही हर लड़की का मन तड़पने लगता है पर निशा को कभी भी पीहर से लगाव नहीं रहा उसने पहले आए रिश्ते पर ही हाँ कर दी क्यूंकि वो इस पीहर रूपी जेल से छुटकारा चाहती थी, चौंक गए ना आप सब, निशा के लिए उसका पीहर बाबुल का घर कभी … Read more

सरिता – भगवती सक्सेना गौड़

सरिता के मोबाइल की घंटी बहुत देर से हल्ला मचा रही थी, दौड़कर बोली, “हल्लो, मम्मा, कैसी हो।” “ठीक हूँ, बेटा, तुमसे बात करने का मन कर रहा था, रातभर व्याकुल रही।” “अरे क्या हो गया, कुछ गाने, भजन सुन लो, कारवां ऑन करो, तुम्हे तो गाने बहुत पसंद है।” “अरे वो सब ठीक है, … Read more

मां की ममता – सुषमा यादव

#### मायका, बेटी का टूरिस्ट प्लेस ### ,,भाग, एक,, ,,,,,, शादी होने के साढ़े तीन साल बाद  मैं  पेरिस से अपने मायके म, प्र, के एक शहर आ रही थी,, चूंकि मेरी छोटी बहन दिल्ली में रहती है , इसलिए मैं उसके साथ एयरपोर्ट से सीधे उसके फ्लैट में आ गई,, मुझे अपनी मां के … Read more

अवस्था – विनय कुमार मिश्रा

माँ जी ने दो दिनों से अनाज नहीं खाया, लिक्विड पर कब तक रहेंगी?” “क्यों?..उनकी पसंद का कुछ..” “सबकुछ पूछा..जिद्द भी किया..पर बच्चे की तरह कर रहीं हैं” मैं कुछ दिनों के लिए ऑफिस टूर पर था, हालांकि जाना ज्यादा जरूरी नहीं था। आते ही नीलिमा ने बताया तो मैं चिंतित हो उठा। बच्चे अपने … Read more

तलाश – राम मोहन गुप्त

(मायका_बेटियों का टूरिस्ट प्लेस) – राम मोहन गुप्त … _ … _ … _ … _ … _ … _ … ‘सुनिये, परसों मैं मम्मी से मिलने चली जाऊँ’ अनन्या ने नयन से, लगभग बताने वाले अंदाज में पूछा। ‘हाँ, क्यों नहीं, मैं भी साथ चलता हूँ, काफी वक्त हो गया सभी से मिले हुये … Read more

देने का सुख – अंजू अग्रवाल ‘लखनवी’

लंबे लॉकडाउन के बाद जब कॉलेज खुला तो अंतिमा अपनी साड़ी का ड्राअर खोलकर कंफ्यूज हो गई! इतने दिनों से साड़ी पहनने का कोई काम नहीं पड़ा था तो सब गड़बड़ हो गया! थोड़ा वजन बढ़ने से पुराने ब्लाउज के फिट आने की संभावना कम थी! वैसे भी सुबह जल्दी जल्दी उठकर भागम-भाग करने की … Read more

शराबी पति – सुधा सिंह

नेहा का जन्म है साधारण से परिवार में हुआ था वह तीन बहने थी एक भाई  मां दूसरों के घर में चौका बर्तन करती थी पिता की हालत बहुत अच्छी नहीं थी इसलिए नेहा जब से बड़ी हुई उसने भी एक घर पकड़ लिया था चौका बर्तन के लिए वहां  जाने लगी..  नेहा बचपन से … Read more

सीनियर सिटीज़न –  सीमा नेहरू दुबे 

यहाँ सबसे पहले एक बात कही जायेगी कि मन की कोई उम्र नही होती, कम्बखत वो बुड्डा ही नही होता, उसकी उमंगे और तरंगे तो यू ही रहती है पर ये तन है जो सारी उम्र हर खुशी, गम और मुसीबतो को अपने उपर लेता है और बैचारा बुढापे की तरफ चल देता है, खैर … Read more

बड़ी भाभी – मीना माहेश्वरी 

मायका   भैया की शादी में भाभी को विदाई में रोते देख मैं भी बहुत रोई थी ।  मेरे रोने पर सब हंस पड़े थे कि भाभी का स्वागत रो _रो कर करेंगी क्या ? क्यों भाभी पसंद नही आई क्या ?  उस दिन मुझे ये नही पता था कि एक दिन यही भाभी  हमारे लिए … Read more

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