टीस -गुरविन्दर टूटेजा

—————    रात के पौने बारह बज रहे थे…आँखें बंद कर गरिमा लेटे लेटे सोच रही थी कि पता ही नही चला कि कैसे शादी को पच्चीस साल गुजर गये…पर शुरुआत में हुई वो बातें आज भी टीस सी मन में चुभ जाती है…..!!!!  जब समीर देखने आये थे तो वो तभी कम पसन्द आये पर … Read more

किरायेदार – गोविन्द गुप्ता

एक मकान अपना हो यह सपना सभी का होता है यही सपना पाले नरेश और मीना दिल्ली के एक किराये के छोटे से अपार्टमेंट में रहने आये , नरेश एक कम्पनी में मैनेजर था और मीना स्कूल टीचर, दोनो की जिंदगी मस्ती से कट रही थी, सुवह निकल जाना शाम को आना और बाजार में … Read more

राधिका का सफर – संगीता अग्रवाल 

” सॉरी मिस्टर राहुल आपकी बीवी कभी मां नही बन सकती !” अपनी पत्नी राधिका को लेकर अस्पताल आए राहुल से डॉक्टर ने कहा। ” क्या…..पर डॉक्टर कोई इलाज तो होगा कोई उम्मीद कुछ तो !” राहुल बोला। ” देखिए राहुल जी चमत्कार पर मैं विश्वास नहीं करती और हकीकत आपको बता ही चुकी मैं … Read more

प्यार – अनुज सारस्वत

******* “अरे यार कसम से मौसम मस्त हो रखा ठंड है एक दो लड़कियाँ मिल जाये तो काम बढ़िया हो जायेगा।जम के प्यार किया जायेगा। साला अपना नसीब ही खोटा है। कोई मिली नही इतने दिन हो गये इस शहर में रहते हुए जब से गाँव छोड़कर आया” उमंग ने शराब का जाम एक बार … Read more

काश! बेटी की बातों में ना आती – तृप्ति उप्रेती

 “चाय बना दूं”? सुरभि जी ने पास बैठे दिनकर जी से पूछा। “इच्छा तो नहीं है। तुम पियोगी तो थोड़ी मैं भी पी लूंगा”। दिनकर जी अखबार समेटते हुए बोले। सुरभि घुटनों पर हाथ रखकर धीरे-धीरे उठी और रसोई में जाकर चाय बनाने लगी। सर्दियां शुरू हो चली थी। ऐसे में उनके जोड़ों का दर्द … Read more

माँ तो हूँ ही अब से पिता भी हूँ – डॉ उर्मिला शर्मा

सविता ने गैस पर एक तरफ कड़ाही चढ़ाकर भटूरे तलना शुरू किया तथा दूसरे बर्नर पर कुकर में छोले बन रहे थे। ये आखिरी सिटी बजी और वह गैस ऑफ ही करने वाली थी कि गुड्डू के कमरे से उसके और पीहू के झगड़ने की आवाज़ आयी। अक्सर ये दोनों भाई- बहन ऐसे ही जब … Read more

पिया की पाती – अनुपमा

#बैरी_पिया अनुज और बच्चे सभी बहुत उत्साहित है आज मम्मी पापा जी की 50 वीं शादी की सालगिरह जो है , अनुज ने एक छोटी सी पार्टी रखी है , बड़ी दीदी , छोटी दीदी , भैया जी व कुछ करीबी लोगो को बुलाया गया है । बच्चे तो इतने उत्साहित है की उन्होंने उस … Read more

रंग शरबतों का – Anamika Pravin

सुरैया ने जैसे तैसे खुद को भीगने से बचाने के लिए पास के कैफे में एंटर किया । बचते बचते भी साड़ी नीचे से गीली हो ही गई । नज़र उठा कर देखा तो पूरा कैफ़े खचाखच भरा पड़ा था । ” ओहो ! एक भी टेबल खाली नहीं है , क्या पूरे शहर में … Read more

हम तो हैं ही सर्वगुण संपन्न – पूजा मनोज अग्रवाल

 बात उन दिनों की जब हम M.A द्वितीय वर्ष की परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।हमारी बड़ी बहन का विवाह हुए करीब डेढ़ वर्ष बीत चुका था, तो हमारी मां को हमारे भी विवाह की चिंता सताने लगी ….।         मां ने पिताजी से कहकर पंडित जी को घर बुलवाया ,और हमारा जन्म दिन  व समय … Read more

एक नया इतिहास – वीणा

सुबह से ही रिमझिम बारिश हो रही थी।मौसम खुशनुमा हो गया था।प्रिया बालकनी में बैठ धीरे धीरे चाय के घूँट भर रही थी , पर उसका मन द्रुत गति से अतीत की गलियों में विचर रहा था ।                   उसे याद आने लगा वह दिन ,जब एक हादसे ने उसकी खूबसूरत , हसीन सी जिंदगी को … Read more

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