जीना इसी का नाम है – मधु वशिष्ठ 

आन्टी जी पड़ोस के घर में ही रहती थीं। 80 साल की उम्र में भी उन्होंने कोई काम वाली नहीं रखी थी। उनके बेटे और बेटी दोनों अमेरिका में रहते थे। आंटी और अंकल दोनों काॅलेज से रिटायर्ड थे। सुबह उठकर दोनों मिलकर घर की सफाई करते, फिर काफी देर तक पार्क में एक्सरसाइज करते। … Read more

पंजाबन बहु – ममता गुप्ता

ऋतु एक बहुत ही समझदार ओर पंजाबन  लड़की थी।वह पंजाब की रहने वाली थी। ऋतु ने पढ़ाई में भी काफी सारे अवार्ड प्राप्त कर कर रखे थे, ऋतु ओर मोहित  साथ साथ ही पढ़ते थे,साथ साथ पढ़ने की वजह से दोनों अच्छे मित्र बन गए और मित्रता कब प्यार मे बदल गया और दोनों ने … Read more

पिया तोसे नैना लागी रे  – कामेश्वरी करी

डॉक्टर शैलेंद्र ग़ुस्से से अपने कपड़े एक झोली में डालकर मेन डोर को ज़ोर से बंद कर घर से बाहर निकल जाता है । उसने डोर इतने ज़ोर से बंद किया कि बच्चों को लेकर कमरे में दुबक कर बैठी लीला चौंक गई । बच्चे ज़ोर से हे !हे !हे !!!!कहकर चिल्लाते हुए बाहर आ … Read more

ऊँनी मोजे – नीरजा कृष्णा

इधर ठण्ड बहुत बढ़ गई थी…दिल्ली में तो शीतलहरी चल पड़ी थी। दादी जी बार बार विराट के लिए ऊँनी मोजे और मफ़लर आदि लाने के लिए कह रही थीं। आज दिव्या का मूड बन गया…वो विराट को लेकर शौपिंग के लिए निकली। साउथएक्स में एक रेहड़ीवाले के पास अच्छा स्टॉक दिखाई दिया… वो रूकी…उसे … Read more

खुशी ज्यादा दिन की मेहमान नहीं होती  – मनीषा भरतीया

मालिनी और नितिन की लव मैरिज हुई थी।,बहुत जद्तोजहत के बाद दोनों परिवारों ने शादी के लिये हां की थी।”क्योंकि  लड़की पजांबी और लड़का मारबाड़ी था।,” लेकिन मालिनी के गुणों और सस्कारों को देखते हुये नितिन के खानदान ने शादी के लिये हांमी भर दी।,पुजा ने भी आते ही अपने व्यवहार और गुणों से सबका … Read more

 झूठ – पुष्पा कुमारी “पुष्प”

“बंटी कहीं नजर नहीं आ रहा है!. कहीं गया है क्या?” अपने दफ्तर से अभी-अभी लौटे नीरज ने अपनी पत्नी सुनीता से जानना चाहा। “आज मैंने उसे डांटा है!. इसलिए अपने कमरे में मुंह फुलाए बिस्तर पर पड़ा है।” “लेकिन तुमने उसे डांटा क्यों?. यह तो बताओ?” “बंटी आजकल बहुत झूठ बोलने लगा है!. इसलिए … Read more

अनोखा बंधन – पुष्पा पाण्डेय 

बहुत देर से कुमुद उमाकांत का इंतजार कर रही थी। सुबह का गये तीन बज गये, परेशान होना स्वाभाविक था। कहकर गये थे एक घंटे में आ जाऊँगा। मोबाइल भी घर पर ही छोड़ गये। विचारों का मंथन चल ही रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी।  ” अरे, इतनी देर कहाँ लगा दिए?” “मेरा … Read more

अन्जाना सा बंधन ” – सीमा वर्मा 

ट्रिन … ट्रिन… ट्रिन ‘ हैलो ,हाँ माँ बोलो , ‘ बेटा , आज फिर तुम्हारी बूआ आई थीं कह रही थीं।  कि अच्छा मध्यमवर्गीय परिवार है। पिता बैंक में नौकरी करते थे। दो बहन और एक भाई है।  उसका नाम ‘ श्रेया’ है। तुम्हारा फोन नम्बर दे दिया है। तुम्हें भी भेज रही हूँ … Read more

ब्युटीफुल* – *नम्रता सरन” सोना”*

“पापा, हज़ार रुपये दो” अंकित ने लापरवाह अंदाज़ मे कहा। “क्यों, इतने रुपयों की क्या ज़रूरत आन पड़ी” वीरेंद्र ने बेटे से पूछा। “चिल करो यार पापा, वीकेंड पार्टी देनी है फ्रैंड्स को”अंकित ने कहा। “पैसों को यूं मौज मस्ती में उड़ाना, अच्छी बात नही है, कुछ समीर से भी सीखो, मुंबई के कितने बड़े … Read more

बंधन रिश्तों का – बेला पुनीवाला 

  खुशाली, जो घर में सब की प्यारी और लाड़ली बिटियाँ है, जो सब की आँखों का तारा है, सच कहूंँ तो, खुशाली बड़े लाड दुलार से पली और बड़ी हुई। खुशाली के दो बड़े भाई, जो उसे बात-बात पे सताया करते और साथ ही में मम्मी और पापा की लाड़ली और अपने बड़े भाभी की … Read more

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