आपने अभी तक पढ़ा अभिषेक और चांदनी का एकलौता बेटा विभू पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाने वाला हैँ ! उसके ज़रूरत का सामान लेने तीनों लोग बाजार ज़ाते हैँ तभी रास्ते में किसी का एक्सीडेंट हुआ था ,उसे देखकर चांदनी गाड़ी रोकने को कहती हैँ ! अब आगे …..
अभिषेक -ओह चांदनी ,यहाँ तो एक्सीडेंट हुआ हैँ ,मैं सही पहचान रहा हूँ तो य़े मिस्टर पांडेय हैँ ना जो रेलवे कोलोनी में हमारे घर के सामने रहा करते थे !
चांदनी -यस यस ,यू आर राइट अभिषेक !आई स्टिल रिमेम्बर ! इन्हे होस्पिटल ले चलो जल्दी ,बहुत खून बह गया हैँ इनका तो ! प्लीज हेल्प कीजिये ! ऐसे तमाशा मत देखिये ! दौड़ता हुआ विभू भी अपने पापा अभिषेक की मिस्टर पांडेय जी को गाड़ी में ले जाने में मदद करने लगा ! बाप बेटे को उठाते देख एक दो लोगों ने आगे बढ़कर उन्हे गाड़ी में बैठाने में सहायता की !
जल्दी से सभी लोग पास के ही श्री राम होस्पिटल में पहुँच गए !
डॉक्टर – इनका तो खून बहुत बह चुका हैँ ! आप लोगों ने लाने में देरी कर दी ! फिर भी कोशिश करते हैँ ! वैसे आप लोग कौन हैँ इनके !
अभिषेक – इंसान हैँ ,जो इंसानियत के नाते एक घायल आदमी को इलाज के लिए बड़ी उम्मीद से आपके पास लेकर आये हैँ ! आप अपना काम करिये ! बताईये कहाँ साईन करने हैँ ?
डॉक्टर -बट ,इट्स पुलिस केस ! क्या हुआ इनके साथ ?? मार पीट ,य़ा किसी ने जानबुझकर मारा या एक्सीडेंट ??
विभू – आप कैसी बातें कर रहे हैँ डॉक्टर साहब ! ये सब पुलिस देख लेगी ! आप इलाज शुरू कीजिये ! जब इंसान ही नहीं बचेगा तो इन सबका क्या फायदा !
डॉक्टर – हम भी नियम कानूनों में बंधे हैं ,,पहले पुलिस को आ जाने दिजिये ! तब आगे बढ़ते हैँ !
चांदनी – हाउ यू डू दिस ! आप इनकी हालात देख रहे हैँ ! इनके परिवार के ऊपर क्या बीतेगी अगर आपकी लापरवाही से इन्हे कुछ हो गया तो क्या आप खुद को माफ कर पायेंगे !
डॉक्टर – हमारे पास रोज ऐसे हजारों केस आते हैँ ! ऐसे ही हम बिना पूछताछ के इलाज करने लगे तो कितनी मुसीबत आ जायेगी हमारे लिए ,आपको अन्दाजा भी हैँ !
चांदनी – ठीक हैँ ,तो आप इलाज नहीं करेंगे ?? आपका यहीं कहना हैँ ना !
डॉक्टर – पुलिस को आ जाने दिजिये उसके बाद इलाज शुरू करते हैँ ,तब तक के लिये आप लोग यहाँ इंतजार कीजिये !
अभिषेक- विभू,अपने डॉक्टर अंकल जो मथुरा में सीएमओ हैँ ,डॉक्टर रविप्रकाश ,उनका नंबर हैँ तेरे पास !
विभू – यस पापा ,आई हैव ! लिजिये !
अभिषेक – हेलो ,डॉक्टर रवि ,आई एम अभिषेक! क्या आपने पहचाना ,कानपुर से बोल रहा हूँ !
डॉक्टर रवि – यस यस,मिस्टर वर्मा ,आपको नहीं पहचानाऊंगा ! मेरे बचपन के सहपाठी रहे हैँ आप ! आज कैसे याद कर लिया अपने गरीब दोस्त को !
अभिषेक – रवि ,मेरे पड़ोसी मिस्टर पांडेय जी का एक्सीडेंट हो गया हैँ ,बहुत खून बह गया हैँ ! डॉक्टर पुलिस के आने से पहले इलाज करने से मना कर रहे है ! क्या करूँ यार ??
डॉक्टर रवि – मेरी बात कराना डॉक्टर से ,ऐसे कैसे कर सकते हैँ वो !
अभिषेक डॉक्टर से – लिजिये ,बात कीजिये !
डॉक्टर – कौन हैँ ,मेरे पास इतना टाइम नहीं !
अभिषेक – एक मिनट बात कर लिजिये बस !
डॉक्टर – हेलो ,,कौन ??
डॉक्टर रवि – आई एम सीएमओ ऑफ कानपुर सीएचसी !
डॉक्टर – यस सर ,आई नो यू !
डॉक्टर रवि – आप इलाज क्यूँ नहीं शुरू कर रहे मिस्टर पांडेय जी का! बाकी काम होते रहेंगे ,आप इलाज शुरू कीजिये !
डॉक्टर (बिना बहस किये ) -यस सर !
इन्हे ओटी में लेकर जाओ ! इनका ओपरेशन शुरू करना हैँ !
आप लोग चिंता मत कीजिये ! हम पूरी कोशिश करेंगे !
अभिषेक – देखा चांदनी ,विभू ! कितना खराब जमाना आ गया हैँ ! आज के ज़माने में कोई सीधे तरीके से काम तो करता ही नहीं ! जब तक आपकी पहुँच किसी ऊँचे ओहदे के लोगों से नहीं होगी तो लोग आपको पूँछेंगे भी नहीं ! तभी आधे गरीब ,मिडल
क्लास लोग अस्पताल में बिना इलाज के ही दम तोड़ देते हैं!
विभू – यस ,यू आर राइट पापा ! हमारी इन्डिया तभी पीछे हैँ !
चांदनी – अभिषेक ,मिस्टर पांडेय जी के घर का नंबर मिला हो कहीं तो फ़ोन कर दो घर पर उनके !
अभिषेक – हाँ ,उनके पास फ़ोन तो था नहीं ,उनका एक पर्स मिला हैँ ! उसमें डायरी में कुछ नंबर लिखे हुए हैँ ! देखता हूँ ,किसी फैमिली मेम्बर का नंबर हो तो !
अभिषेक ने डायरी में लिखे पहले नंबर पर ही फ़ोन लगाया ! नाम था – नवीन ,ये उनके बेटे का नंबर था !
अभिषेक – आप मिस्टर सुमित पांडेय जी के बेटे बोल रहे हैँ !
नवीन – जी ,हाँ बोल रहा हूँ !
अभिषेक – आप श्री राम होस्पिटल आ जाईये तुरंत ! आपके पापा का एक्सीडेंट हुआ हैँ !
नवीन – ठीक हैँ ,शाम को ऑफिस ओवर होने के बाद आता हूँ ! आज मेरी मीटिंग हैँ ! वैसे भी पापा तो रोज ही घर से निकल ज़ाते हैँ ! रोज ही चोट लगाते हैँ ! कहाँ तक ……….
आगे की कहानी कल यहीं इसी पेज पर पढ़ियेगा !
तब तक के लिए राधे राधे
स्वरचित
मौलिक अप्रकाशित
मीनाक्षी सिंह
आगरा