कृतज्ञ –  किरण केशरे

Post Views: 10 हाँ छमिया ही तो थी , एक दिन गली के तीन चार कुत्ते उसके पीछे पड़ गए थे। घबरा कर भागते हुए घर के खुले गेट से आकर सोफे के नीचे आकर दुबक ही तो गई थी वह!  कुत्ते भौंकते हुए गेट तक आ पहुँचे थे ! माली ने डण्डे से उन्हें … Continue reading कृतज्ञ –  किरण केशरे