कीमत – मीनाक्षी चौधरी

शाम को खाना खाने के बाद मैं रोज ही टहलते हुये आइसक्रीम खा कर आती और चैन से सो जाती।

ये सिलसिला लगभग एक महीने से चल रहा था।

ऐसा लगता था जैसे मुझे आइसक्रीम खा कर चैन सा मिलता है, या शायद लत लग गयी थी।

मुझे खबर भी न हुयी कि एक नन्हा सा बच्चा मुझे रोज आइसक्रीम खाते देखता है, और एक दिन वो भी आइसक्रीम को मचलने लगा  था।

पता जब चला जब आइसक्रीम वाला उसे झिड़क रहा था।

बच्चे के पास केवल एक रूपया था वो जिद पर अडा़ था,

और लगभग एक धंटे से आइसक्रीम वाले के पास खड़ा था।

आइसक्रीम वाला व्यस्त था बीच बीच में जब उसका ध्यान बच्चे की तरफ जाता वो उसे भगाता, पर बच्चा टस से मस भी न होता और एक रूपया दिखा कर आइसक्रीम की मांग फरमाता।

ऐसे ही उसे खड़े खड़े दो घंटे हो गये थे।

मैं दूर खड़ी ये सब उत्सुकता वश व बच्चे की लगन को सराहती ये देख रही थी और बच्चे की लालसा को परख रही  थी।



मैने देखा बच्चे के पैर शायद दुखने लगे थे क्योंकि वो बार बार अपने पैरो को दबा रहा था।

पर बाल हट तो देखो आइसक्रीम खाये बिना जाना नहीं चाह रहा था।

मुझे तरस आया मैने उसे पास बुलाया और उसे पांच का नोट पकड़ाया और कहा जाओ आइसक्रीम ले लो।

उसने मेरी तरफ देखा पर पांच का नोट नही पकड़ा और आइसक्रीम वाले को एक रूपया देकर फिर से आइसक्रीम मांगने लगा।

मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब अब की बार आइसक्रीम वाले ने उससे एक रूपया लेकर उसे आइसक्रीम पकड़ा दी थी और वो उसको चूसता हुआ अपनी ही मौज में भागा चला जा रहा था।

मै आइसक्रीम वाले के पास गयी और उसे डांटते हुये पूछा? इतनी देर से बच्चा आइसक्रीम की जिद कर रहा था तो  नही दी , अब कैसे दे दी?

तो आइसक्रीम वाले ने मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और बोला मैडम ये मेरा ही बच्चा है।

मेरे साथ आ जाता है थोड़ी बहुत देर मेरे साथ रह कर घर चला जाता है पास में ही मेरा घर है।

आप रोज आती हैं, आइसक्रीम खाती है तो इसे भी लगा मैं भी रोज आइस्क्रीम खाऊँ। मैं इसे कष्ट देकर आइसक्रीम की कीमत समझाना चाह रहा था क्योंकि बच्चो को अगर आसानी से कोई चीज उपलब्ध हो जाती है तो उन्हें उसकी कीमत का अहसास नही होता और कीमत का अहसास कराना जरूरी होता है। मैं ये भी देखना चाहता था कि ये आइसक्रीम पाने के लिये क्या क्या कर सकता है? आपने इसे पैसे देने चाहे पर इसने नही लिये मेरे संस्कार व इसकी लालसा की हद मुझे पता चले, मुझे अच्छा लगा। अब इतने पैर दुखने के बाद ये रोज आइसक्रीम नही मांगेगा |

 कवयित्री मीनाक्षी चौधरी

देहरादून (मौलिक)

 

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