दीदी आप समझाओ ना पापा को कह रहे है कोई जरूरत नहीं है नौकरी करने की अब शादी कर लो फिर तुम्हारे ससुराल वाले जो कहे वो करना अगर वो राजी हो तो कर लेना नौकरी ।
नौकरी के चक्कर मैं फिर उम्र निकल जायेगी फिर अच्छे लड़के नही मिलते अभी रिश्ता आया है सोनल दुखी होती हुई अपनी बड़ी बहन मोनल से बोली
मोनल बोली तू चिंता मत कर मैं समझाऊंगी जो मेरे साथ हुआ वो तेरे साथ नही होने दूंगी मै कल ही घर आऊंगी
मोनल मन ही मन सोच रही थी पापा फिर बही गलती कर रहे मेरी नौकरी की बात पर भी यही बोले थे की अच्छा रिश्ता आया है फिर तुम तो पढ़ी लिखी हो बाद मैं भी कर लेना फिर सोनल भी शादी लायक हो रही है हम भी अपनी जिम्मेदारी से फ्री हो जाए पापा की परेशानी देख मोनल मान गई क्योंकि उनकी मां काफी पहले ही गुजर चुकी थी मोनल ने ही सोनल ,छोटे भाई और घर की जिम्मेदारी उठा ली थी उसका बहुत मन था की पढ़ लिख कर नौकरी करे इस कारण घर के साथ पढ़ाई मैं भी पूरा मन लगाती लेकिन शादी के बाद ससुराल वाले नौकरी नही करने दे रहे थे
क्योंकि घर की जिम्मेदारी कौन उठाता और फिर बात बात मै खर्चे का ताना भी मारते की सोच समझ कर खर्च करो तुम्हारा पति दिन भर मेहनत करता है मोनल को बहुत बुरा लगता उसने अपने पति से कहा तो बोले सही बात तो है इस बात से उसका दिल और छलनी हो जाता किसी से कुछ कह भी नही पाती मां के जाने से पापा वैसे ही परेशान थे और जिद्द करती नौकरी तो ससुराल छूटने का डर इसी वजह से अंदर ही अंदर घुट रही थी जरूरत की चीजों को भी परेशान रहती पापा की आय भी कुछ ज्यादा नही थी उस पर बहन और भाई की पढ़ाई का खर्च अलग पर आज सोनल की बात सुनकर उसने पक्का मन बना लिया की अपनी बहन को परेशान नही होने देगी मां के जाने के बाद उसने ही मां बनकर पाला था तो और लगाव हो गया था ।
दूसरे दिन ही घर का काम निपटा कर मायके पहुंच गई उसे देख पापा बोले अच्छा हुआ बेटी तू आ गई अब तू ही समझा सोनल को शादी के लिए मान जाए तो मैं अपनी जिम्मेदारी से फ्री हो जाऊं
मोनल बोली पापा पहले आप सुनो लड़की की शादी करके ही मां -पिता जिम्नेदारी से फ्री नही होते बल्कि भविष्य मैं भी वो खुश रहे इस बात का ख्याल रखना भी उनकी जिम्मेदारी है
क्यों तू खुश नही है क्या ससुराल मैं पिताजी चिंता से बोले
तब मोनल बोली पापा मैं आपको परेशान नही करना चाहती थी पर अब सवाल सोनल का है इसलिए बताना पड़ रहा है मोनल ने सब बता दिया
सुनकर पिताजी बोले मुझे माफ कर देना बेटा मुझे लगा बेटी की शादी कर देना ही माता -पिता की जिम्मेदारी होती है पर तू सही कह रही उनको भविष्य की खुशियां देना भी हमारा फर्ज है।
मोनल बोली हां पापा मै ये नही कह रही की नौकरी करने से ही खुशियां मिलेगी पर अपने पैरों पर खड़े रहना जरूरी है अगर कल को जरूरत महसूस नहीं हो तो नौकरी छोड़ तो सकते है पर शुरू करना मुश्किल हो जाता है इसलिए मैं आपको समझा रही हूं।
मैं समझ गया बिटिया अब मैं सोनल को नौकरी करने दूंगा और दामाद जी से भी बात करूंगा तेरे लिए तू इतनी परेशान रही और मैं समझ ही नही पाया ।
कोई बात नहीं पापा मैं सोनल के लिए ही खुश हूं सोनल खुशी से दीदी के गले लग गई
स्वरचित
अंजना ठाकुर