हमारे आयुर्वेद में हर तरह के रोग के इलाज के लिए किसी न किसी जड़ी बूटी के बारे में जानकारी दी गई है लेकिन आज आपके लिए 10 महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं।
पुदीना
दोस्तों हमारे आयुर्वेद में पुदीना को एक प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी बूटी के रूप में गिनती की जाती है पुदीने की पत्तियां हमारे खून को साफ करती हैं। पुदीना कब्ज नाशक भी होता है। अगर गले में खराश है उससे भी आपको निजात दिलाती हैं सिर दर्द से मुक्ति दिलाती हैं पुदीना के अंदर एंटी बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो हमारे शरीर को बाहरी बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है।
लेमन ग्रास
दोस्तों लेमनग्रास एक प्रमुख आयुर्वेदिक पौधा है जो कि अधिकांश उत्तरी भारत में पाया जाता है लेमनग्रास को अधिकतर चाय में डालकर इस्तेमाल किया जाता है लेमन ग्रास को पीने से शरीर के अंदर का दर्द चुटकियों में गायब हो जाता है। लेमन ग्रास की चाय पीने से तनाव से भी मुक्ति मुक्ति है।
सफेद कमल
दोस्तों सफेद कमल की बीज और पत्तियां बहुत ही फायदेमंद होता है यह कई तरह के पेट की बीमारियों मे और आंखों के इंफेक्शन के इलाज में उपयोग किया जाता है। सफेद कमल के बीजों को कामोत्तेजक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
हल्दी
दोस्तों सामान्यतः हम हल्दी को मसाले के रूप में प्रयोग करते हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता है कि हल्दी मसाला न होकर आयुर्वेदिक दवाई है हल्दी की जड़ से लेकर पतियों तक सभी औषधियों गुणों से भरपूर होते हैं। हल्दी के अंदर एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। हल्दी शरीर के जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, पाचन क्रिया और दिल तथा लीवर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है कुछ मामलों में देखा गया है कि हल्दी कैंसर जैसी खतरनाक सेल को भी खत्म करने में सहायक होती है
गुलाब
दोस्तों गुलाब फूल नहीं बल्कि आयुर्वेदिक औषधि है गुलाब की पत्तियां खाने से दिल के रोगियों को राहत मिलता है अगर आपके शरीर में किसी तरह की सूजन हो गई है तो गुलाब की पत्तियां चबाने से सूजन कम होता है गुलाब की पत्तियां चबाने से ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ जाता है और आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है।
मेहंदी की पत्तियां
दोस्तों हम लोग मेहंदी की पत्तियों को हाथों में रचाने के लिए प्रयोग करते हैं लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मेहंदी की पत्तियां भी आयुर्वेदिक औषधि के रूप में कार्य करती है कई लोगों को मूत्र विसर्जन करने में शिकायत होती है ऐसे लोगों को मेहंदी की पत्तियों को चबाना चाहिए यह मूत्रवर्धक होती है। मेहंदी की पत्तियों का उपयोग कब्ज के इलाज में भी किया जाता है। कई तरह के बीमारी जैसे छाले, अल्सर, चोट, बुखार, ब्रेन हेमरेज और मासिक धर्म में भी मेहंदी की पत्तियों का उपयोग किया जाता है
सब्जा
दोस्तों सब्जा फ़लूदा मे कुलिंग एजेंट के तौर पर उपयोग किया जाता है। इसके अंदर ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है इसके सेवन से हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है इसे खाने से हमारी स्किन भी अच्छी हो जाती है और किसी भी तरह की सूजन से निजात दिलाता है।
कपूर
दोस्तों आयुर्वेद में कपूर के भी कई सारे फायदे बताए गए हैं इसकी छाल से बैक्टीरिया और फंगस से निजात मिलती है कपूर का इस्तेमाल कामोत्तेजक औषधि के रूप में भी किया जाता है। कपूर के तेल से खांसी दमा हिचकी और लीवर की बीमारी तथा दांत के दर्द के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। कपूर से मांसपेशियों और नसों के दर्द, डिप्रेशन के शिकार रोगियों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है
ईसबगोल
दोस्तों ईसबगोल की भूसी कब्ज का रामबाण औषधि है। ईसबगोल के इस्तेमाल से हमारी आंतों को ठंडक मिलती है और बहुत जल्दी क़ब्ज से राहत मिलता है इसबगोल को पीसकर जोड़ों के दर्द पर लगाने से भी राहत मिलता है।
दालचीनी
दोस्तों दालचीनी का प्रयोग भारतीय मसालों में गरम मसाला के रूप में किया जाता है। लेकिन आयुर्वेद में इसके भी कई सारे फायदे बताए गए हैं दालचीनी का सेवन से हमें दर्द में राहत मिलता है दालचीनी किडनी को डिटोक्स करने में भी सहायता करता है और हमें स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है