होम मेकर – ऋतु गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : तान्या को सोहम के साथ बैंगलोर आए तीन महीने हो गए थे, तान्या एक सुलझी हुई हाउस वाइफ है। साधारण घर परिवार में पली-बढ़ी और घर गृहस्थी के कामों में इतनी निपुण की जब से वो सोहम की जिंदगी में आई है, उसने उसकी जिंदगी में जैसे बहार  ही ला दी।

सोहम भी बहुत खुश है तान्या जैसी जीवनसंगिनी पाकर, दोनों का एक प्यारा सा बेटा है जिसका नाम है अनवित। अभी तक तो तान्या का सारा समय बेटे अनवित को संभालने में ही निकल जाता था, पर जबसे बेटे ने स्कूल जाना शुरू किया है उसे खाली पन खलने लगा है । कितना करके भी फोन में, टीबी में समय बर्बाद करना उसे पसंद नहीं है।सोहम तो एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं,सुबह निकल शाम को ही वापस आते हैं।

जब कभी सोहम तान्या को ऑफिस की पार्टी में साथ ले जाता, तो ना जाने क्यों तान्या बुझी बुझी सी रहती, क्योंकि वहां जाकर हर किसी का लगभग एक ही सवाल होता कि आप क्या करती हैं,मानो हाऊस वाइफ तो जैसे बिल्कुल बेकार है,कुछ करती ही नहीं। सही भी था क्योंकि ज्यादातर सोहम के हर आफिस मित्र की जीवन साथी या तो जॉब कर रही होती या किसी और अन्य चीज से जुड़ी हुई होती।

क्या करती हो के सवाल पर तान्या अक्सर परेशान हो जाती, तो कोई एक दूसरे से कहता हाऊस वाइफ है तान्या जी, और उसे नीचा दिखाने का प्रयत्न करता। तब तान्या मन ही मन अपनी पहचान खोजती, सोचती थी उसने कोई प्रोफेशनल डिग्री नहीं ली तो क्या उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं, क्या हाउसवाइफ इसी तरह नगण्य मानी जाती रहेगी? ना चाहते हुए भी तान्या  धीरे धीरे अवसाद की ओर जाने लगी।

अगली बार जब सोहम के ऑफिस की पार्टी की बात चली तो उसने मना किया कि वो पार्टी में नहीं जाएगी । अब तो सोहम को भी लगा कि बात तो कुछ गंभीर है, नहीं तो हर समय फूलों की तरह खिलखिलाने वाली तान्या, बाहर घूमने फिरने का शौक रखने वाली तान्या ,पार्टी के लिए मना कर दे समझ नहीं आता।

सोहम ने तान्या का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा,क्या बात है तान्या ? इतनी अपसेट क्यूं हो ?बताओ तो सही, यूं चुटकी बजाते बजाते तुम्हारी समस्या का समाधान ना कर दूं तो मेरा नाम सोहम नहीं।

इतना सुनकर तान्या पहले थोड़ा सा मुस्कुराई,पर जल्द  ही उसकी रुलाई फूट गई। कब से दिल में दबे जज्बात आंखों के रास्ते बहने लगे, जब उसने अपने दिल की सारी बात सोहम को बताई तो सोहम खिलखिला कर हंसने लगा, कहने लगा बस इतनी सी बात मेरी जान , अभी सुलझा देते हैं तुम्हारी परेशानी को।

तुम्हें याद होगा, मैंने तुम्हें सबसे पहले कहां देखा था, तुम्हारा एक शो था, क्लासिकल डांस का, हमारे रुड़की आईआईटी में। मैं तभी से जान गया था कि कुछ तो बात है तुम्हारे अंदर ।तुम्हारे नृत्य की एक-एक मुद्रा मेरे अंदर घर बनाती चली गई और बस में तुम्हारा हो गया।

 तुम्हारे डांस पर फिदा होकर ही मैंने तुम्हें प्रपोज किया था। मैं भी बहुत दिनों से इस बात को सोच रहा था कि तुम्हें भी किसी तरह बिजी होना चाहिए। हालांकि मैं नहीं मानता कि हाऊस वाइफ कुछ नहीं करती, उल्टा मैं तो कहता हूं ,हाऊस वाइफ ही सबसे ज्यादा काम करती है।

चलो फिर भी आज जब बेटा भी स्कूल जाने लगा है तो क्यों ना तुम्हारी उसी जादू भरी कला से यहां बैंगलोर वालों का भी परिचय कराया जाए।

तान्या आश्चर्य से सोहम की ओर देखने लगी ,जैसे उसकी आंखें पूछती थी क्या सच में मैं कर पाऊंगी? सोहम ने भी उसके बिना बोले ही दिल की बात समझ कर उसका हाथ अपने हाथों में लेकर कहा, तुम कर पाओगी तान्या। कला कभी नहीं मरती, हमेशा रहती है एक कलाकार के अंदर।

बस फिर क्या था सोहम ने आफिस से हफ्ते भर की छुट्टी लेकर

तान्या की डांस क्लास की सारी प्लानिंग की, बैनर और बोर्ड बनवाएं, वो भी तान्या के नाम पर, तान्या डांस क्लासिस।

बस फिर क्या था तान्या को महीने भर में ही एक नई पहचान मिलने लगी, अरमानों को पंख लग गए। अगली ऑफिस की पार्टी में किसी ने भी ये नहीं पूछा कि आप क्या करती हैं?

बल्कि उनका सवाल था कि क्या हम अपने बच्चे का एडमिशन आपकी डांस क्लास में करवा सकते हैं,?

अब एक होम मेकर तान्या आगे बढ़ रही थी एक नई पहचान के साथ।

सोच रही थी कि किसी ने कितना सच कहा है……..

“हर एक इंसान में एक से  हुनर नही होते,

नहीं तो बगिया के सारे फूल एक से नहीं होते।”

ऋतु गुप्ता

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