एक बार फिर (भाग 15) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :

शेखर लंदन जाता है। जब उसका फोन नहीं आया तो प्रिया उसे फोन करती है। फ़ोन किसी लड़की ने उठाया
अब आगे-
हैलो!
आप कौन ???
मुझे शेखर से बात करनी है। वो कहां हैं।
दूसरी तरफ से आवाज आई आप कौन बोल रही हैं???
मैं प्रिया बोल रही हूं। उनकी होने वाली वाइफ
“उनकी होने वाली वाइफ” उस लड़की की आवाज़ में हैरानी थी उसने फोन तुरंत डिस्कनेक्ट कर दिया।
प्रिया सोच में डूब गई उसका फोन किसी और के पास क्यों था??
कौन थी वो??? उसने फोन क्यों डिस्कनेक्ट किया??
उसका नेचर देख कर मुझे उस पर कभी यकीं नहीं होता। मैं एक बार पहले ही धोखा‌ खा चुकी हूं दोबारा बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी। उसकी आंखें भर आई।
अब उसे फोन नहीं करूंगी। मैं खुद को एक फ्राड रिश्ते नहीं बांध सकती।
जब उसका फोन आएगा तब बात करूं नहीं जब वो सामने होगा तब उससे सारी बात क्लीयर करूंगी।
सोचते सोचते उसका सिर भारी हो गया।
रात करीब साढ़े दस बजे शेखर का कॉल आया। उसका मन तो नहीं था बात करने का पर फिर भी उसने कॉल ले ली।
हैलो!
उसकी आवाज में ठंडा पन था???
क्या हुआ??? तबीयत तो ठीक है तुम्हारी शेखर की आवाज में चिंता थी।
नहीं मैं ठीक हूं।
सॉरी तुम्हारा कॉल आया था उस समय ले नहीं पाया जरा बिजी था। प्रिया उस लड़की के बारे में पूछना चाहती थी पर उसने नहीं पूछा।
कुछ सेकंड के लिए चुप्पी छा गई।
क्या सोच रही हो??? मैंने इसलिए ही तुम्हें कॉल नहीं किया देखना चाहता था कि तुम्हारा कॉल आएगा या नहीं??? बस आ रहा हूं तीन दिन बाद।
आप आएंगे तो मैं आपसे मिलना चाहती हूं।
मुझे पता नहीं था कि तुम मुझे इतना मिस कर रही हो। वो शरारत से मुस्कराया।
कहीं ऐसा तो नहीं है कि तुम शादी से पहले दूर रहने वाली पॉलिसी खुद खत्म कर रही हो???
मुझे कुछ जरूरी बात करनी है आपसे उसकी आवाज सर्द थी जो शेखर ने महसूस की।
क्या कोई सीरीयस बात है??? आपके आने पर बात करेंगे।
उसने फोन रख दिया।
प्रिया का पूरा हफ्ता बेचेनी में बीता। वो अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचती रही।
खुद शेखर ने शादी के लिए दी से बात की थी अपनी फैमिली को भी लाया। जीजा जी की बीमारी में उसका केयरिंग होना क्या वो सब झूठ था???
बीच-बीच में वह खुद को दिलासा देती हो सकता है मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही हूं।
शेखर वापस लौट आया था।
अगले दिन उसने फोन किया कहां मिलोगी???
तुम दीदी के घर पर हो???
नहीं कल शाम अपने घर लौट आई हूं।
ठीक है आज शाम तुम्हारे ऑफिस के बाद तुम्हारे घर पर मिलता हूं।
मैं भी बेचैन हूं तुमसे मिलने के लिए।
प्रिया की खामोशी उसे समझ नहीं आ रही थी।
शाम को वो ऑफिस से घर पहुंची। मालती खाना बना कर जाने की तैयारी में थी। उसने पूछा मेमसाब चाय बना दूं।
नहीं मालती मैं खुद बना लूंगी। ये कुछ पैसे लो बच्चों के लिए कुछ ले जाना।
मेमसाब आप इतनी सुस्त क्यों हैं??? तबीयत ठीक है आपकी??? नहीं मैं ठीक हूं मालती बस थक गई हूं।
मालती के जाने के बाद वो फ्रैश हुई उसने गाउन पहना अपने बालों को खोल कर खुद को मिरर में देखा। उसे महसूस हुआ कि वो परेशान दिख रही है।
फिर जा कर बेडरूम में लेट गई। करीब आधा घंटे तक लेटी रही।
डोरबेल की आवाज से उठी। उसने डोर खोला तो शेखर था।
उसने दरवाजा बंद कर दिया और अंदर आ गई।
शेखर उसे देख कर मुस्कराया कैसी हो?? उसकी आवाज में कोमलता थी।
ठीक हूं। वो फीकी हंसी हंस दी।
बैठिए पानी लेंगे???
“हां “
वो किचन में गई और पानी ले आई। उसने पानी लिया और टेबल पर रख दिया। वो खड़ा उठा और उसने उसे बाहों में ले लिया। प्रिया चुपचाप खड़ी रही।
उसकी बाहों का घेरा कसने लगा पर प्रिया की तरफ से कोई विरोध नहीं था। अब वो दोनों बहुत करीब थे। जानती हो कितना प्यार करता हूं तुमसे??? तुम नहीं समझोगी क्योंकि तुम्हारे अंदर दिल नहीं है। मैं तुम्हारे बगैर नहीं रह सकता।
प्रिया ने धीरे से उसकी बाहों से खुद को आजाद कर दिया।
मैं सामाजिक वर्जनाओं में यकीं रखती हूं। रिश्तों में मर्यादा बहुत जरूरी है।
कहीं ऐसा न हो कि शादी से पहले तुम मुझे विचलित कर दो और हदें टूट जाएं वो शरारत से बोला।
हां मैंने आपको कुछ बात करने के लिए बुलाया था।
हां तो करो बात और मुझे रोमांस करने दो।
वो लड़की कौन थी?? जिसने आपका फोन रिसीव किया था।
अच्छा तो ये बात तो तुम फोन पर भी पूछ सकती थी। बाय द वे वो तुम्हारी सौतन थी??? उसने मुस्कुराते हुए कहा।
मैं ‌रिश्तों को लेकर बहुत सीरियस हूं और इस बारे में मजाक पसंद नहीं करती।
अगर आपको किसी और में इंटरेस्ट है या कोई और आपकी लाइफ में है तो मैं इस रिश्ते से आपको आजाद करती‌ हूं वैसे भी अभी तो कोई रिश्ता हुआ ही नहीं है तो कैसी आज़ादी ??? आप वैसे भी आजाद है।
शेखर ने मुस्करा कर उसे फिर से अपनी बाहों में ले लिया। अच्छा तो तुम मुझे किसी के साथ बांटना नहीं चाहती।
और क्या कह रही थी कि कोई रिश्ता नहीं हुआ है??? ये दिल का कनैक्शन है मैडम इतनी आसानी से नहीं टूटेगा।
शेखर मैं धोखा बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी उसके आंसू निकल पड़े।
शेखर ने आंसुओं को देख कर धीरे से उसे अपने सीने से भींच कर उसके माथे को चूम लिया देखो तुम्हारे आंसू मेरी कमजोरी हैं रोना बंद करो।
वो लड़की श्वेता है पापा के दोस्त अमरजीत सिंह रंधावा की बेटी वो मेरी अच्छी दोस्त है।
वो लोग लंदन रहते हैं मम्मी पापा उससे मेरी शादी करना चाहते थे पर मैंने मना कर दिया था। ये काफी पहले की बात है।
उनके घर पर लंच था।
मैं वाशरूम गया था इस बीच तुम्हारा फोन आया तो उसने रिसीव किया???
किसी का फोन रिसीव करना अच्छी बात नहीं है प्रिया बोली।
हां ये तो है
क्या कहा था तुमने??? कि मैं उनकी होने वाली वाइफ बोल रही हूं।
हां और फिर उसने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया था।
शायद उसे बुरा लगा होगा??? प्रिया बोली
लगा होगा मैं उन्हें बता चुका हूं कि दो महीने बाद मेरी शादी है।
बेवकूफ लड़की इस बात के लिए तुम इतनी परेशान थी।
अगर आप मुझे फोन करते और मेरा फ़ोन कोई लड़का रिसीव करता तो आपको कैसा लगता???
तुम्हारी बात समझ रहा हूं।
छोड़िए मुझे
कॉफी लेंगे या चाय???
नहीं छोडूंगा “तू है तो फिर मुझे और क्या चाहिए किसी की मदद न दुआ चाहिए” वो मस्ती में गुनगुनाते हुए बोला।
मैं अपनी उसी शर्त पर कायम हूं प्रिया शरमाते हुए बोली।
उसने अपने हाथ खोल दिए। इज्जत करता हूं तुम्हारी भी और तुम्हारी शर्त की भी।
डिनर करेंगे???
नहीं एक ग्रीन टी पिलाओ फिर चलता हूं।
क्या पता शादी की डेट आगे बढ़ानी पड़े जीजा जी की तबीयत इतने दिनों में ठीक हो जाएगी क्या???
मैं यहां दिन गिन रहा हूं और तुम आगे बढ़ाना चाह रही हो।
अगर तुम्हारी ज्यादती ऐसे ही रही तो‌ मैं सचमुच यहीं रहने चला आऊंगा।
प्रिया को असमंजस में देख कर बोला अरे! मैं मजाक कर रहा था। चलो कल मैं भी दीदी के यहां मिलता हूं साथ में बात करेंगे।
प्रिया का मन नहीं था कि वो‌ जाए पर जाना ही ठीक था क्योंकि भावनाओं में बहकर इंसान गलतियां कर ही बैठता है।
अगले दिन दी के घर जाकर उसनेे जीजा जी और दी से शादी की डेट के बारे में बातचीत करने का फैसला किया।
शेखर ने भी आने को कहा था।
क्रमशः

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