*”दामिनी का दम”* (भाग-22) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

राजेश ने रेलवे के प्रथम एसी विश्राम गृह में दामिनी को खाना खिलाया  और कहा _ आप थोड़ा आराम कर ले तब तक मैं बाहर उन संदिग्ध बाद बदमाशो की खोज खबर लेकर आता हूं।उसने सभी सिपाहियो से कहा _ आप लोग मैडम का ध्यान रखना मैं थोड़ी देर में आता हूं ।

इतना कहकर दो दो जवानों को लेकर स्टेशन से बाहर निकलकर उस होटल की तरफ गया जहा से उसने सबके लिए खाना  लिया था। वाहा जाकर देखा वहा वे बदमाश नही थे।होटल वाला खाना बनाने में बिजी था।

राजेश बगल में चाय की दुकान पे गया और चाय मांगा ।चाय मिलते ही सब चाय पीते हुए आपस में बात चीत करने लगे।लेकिन राजेश का ध्यान उस होटल की तरफ ही था।जैसे ही उनकी चाय खत्म हुई राजेश ने देखा  वे बदमाश शराब के नशे में आ धमके और होटल वाले को डांट कर बोले _ खाना बना की नही ।जल्दी खाना खिलाओ वरना तुम्हारी खैर नहीं ।

होटल वाले ने कहा _ आप लोग नाराज मत हो आप लोग बैठिए खाना तैयार है ।

तभी राजेश ने ध्यान दिया पहली बार वे लोग आए थे तो उनके हाथ खाली थे।

लेकिन इस बार सबके हाथो में बड़े बड़े बैग थे।कुछ बैग हल्के और कुछ बैग देखने से बहुत भारी लग रहे थे।

उसने देखा _ वे लोग खाने की टेबुल पर बैठकर आपस में खुसर फुसर कर रहे थे।

राजेश ने तुरंत दामिनी को फोन किया और वहा का हाल बताया।दामिनी ने कहा _ तुम उन दोनो सिपाहियो को वही उन पर नजर रखने बोलो और तुम्हे सूचना देते रहे उनकी हर संदिग्ध  हरकतों का और तुम तुरंत मेरे पास आओ ।

राजेश ने अपने सिपाहियो को सब समझाकर लपकता हुआ दामिनी के पास पहुंचा।उसके आते ही दामिनी ने कहा रात के ढाई बज चुके है।सुबह की पहली तीन चार बजे आने वाली है।

अगर वे लोग ट्रेन लुटेरे हो सकते हैं तो संभव है चार बजे की ट्रेन में लूट पाट करे।इसलिए जब हमे पूर्व में सूचना मिल चुकी है तो जितना हो सके हमे सावधानी बरतनी होगी।

तुम तुरंत स्टेशन मास्टर को बुलाकर लाओ।राजेश तुरंत चला गया।

दामिनी ने प्रभा से कहा तुम अपनी दो महिला सिपाहियों को लेकर जाओ और तुरंत जीआरपी थाना के इंचार्ज को बुलाकर ले आओ। प्रभा भी तुरंत निकल गई।

थोड़ी देर में राजेश स्टेशन मास्टर को बुलाकर ले आया ।वो भागा _ भागा आया।

स्टेशन मास्टर ने आते ही दामिनी को सलाम किया ।दामिनी ने उसको बैठाते हुए कहा _ बैठिए बहुत अर्जेंट बात है जीआरपी थाना इंचार्ज को आने दीजिए फि र बात करती हूं।तभी प्रभा भी जीआरपी थाना इंचार्ज को लेकर आ है ।थाना इंचार्ज ने दामिनी को सैल्यूट किया और सावधान की मुद्रा में खड़ा रहा।

दामिनी ने उसे भी बैठने के लिए कहा।

वो भी बैठ गया ।दामिनी ने देखा उस यात्री विश्राम गृह ने कुल दस यात्री सो रहे थे।

उसने राजेश से कहा _ दो जवान गेट पर खड़ा कर दो कोई अंदर न आए और गेट बंद कर दो थोड़ी देर के लिए।

राजेश ने तुरंत दो जवानों को गेट पर भेज दिया।

फिर दामिनी ने सबसे कहा_ मुझे खुफिया रिपोर्ट मिली है आज रात में यहां से गुजरने वाली दस से बारह बजे के बीच ट्रेन डकैती होने वाली है लेकिन वो नही हुई ।शायद लुटेरों को पुलिस के आने की खबर लग गई होगी ।इसलिए उन्होंने प्लान बदल लिया होगा और सुबह की ट्रेन में ट्रेन डकैती करने का सोचा होगा।उस समय सभी यात्री गहरी नींद में सो रहे होंगे और उनको लूटना आसान होगा।

उसकी बात सुनकर स्टेशन मास्टर और थाना इंचार्ज दोनो चौंक कर खड़े हो गए।

दामिनी ने उनको बैठाते हुए कहा ” कोई ऐसी हरकत मत करे की अपराधियो चौकन्ने हो जाए।

आप लोग ध्यान से मेरी बात सुनिए।

आप सबसे पहले चार बजे जो ट्रेन आती है ।आपके स्टेशन के पहले  और बाद में जो स्टेशन है उन स्टेशन मास्टर को सूचित करे और ट्रेन में सशस्त्र जीआरपी गार्ड बढ़ाने बोले ।साथ में अपने डीआरएम को भी खबर करे और अपने स्तर पर कार्यवाई करने बोले ।उसने स्टेशन मास्टर से कहा।

साथ ही तुरंत प्लेटफार्म के मेंन गेट पर टीटी को लगाए और बिना टिकट किसी को अंदर न आने दे।

दूसरा टीटी प्लेटफार्म पर लगाएं जो बिना टिकट यात्रियों को पकड़कर हाजत में डाले सुबह की सभी ट्रेनों के गुजरने तक।

साथ में जीआरपी गार्ड को भेज दीजिए ।

जी मैडम मैं अभी सब बंदोबस्त करता हूं। स्टेशन मास्टर ने कहा  और जाने लगा ।दामिनी ने कहा _ ध्यान से यह बात अन्य किसी को कानो कान खबर न हो ।

जी बिलकुल मैडम मु मैं ख्याल रखूंगा।

उसके जाने के बाद उसने थाना इंचार्ज से पूछा अभी आपके पास कितने जीआरपी जवान है ।

इंचार्ज ने कहा _ तीस है मैडम। पंद्रह गार्ड तीन ट्रेन लेकर जा चुके है वे सुबह दूसरी ट्रेनों से आयेंगे ।बाकी पन्द्रह गार्ड आने वाली ट्रेनों को लेकर जायेंगे।

ठीक है आपको केवल इतना करना है अपने गार्डों के सतर्क करना है की ट्रेन में हरकत संदिग्ध  यात्रियों पर निगाह रखे और आप को सूचित करते रहे और आप मुझे सूचित करेंगे।

साथ ही कोई भी अप्रिय घटना घटने पर उसका डटकर मुकाबला करे पुलिस भी उनके साथ है।

एक बात और बताए रेलवे लाइन के बगल से क्या कोई सड़क गई है।

इंचार्ज ने कहा_ जी मैडम करीब बीस किलो मीटर तक रोड गया है।

यहां से अगला स्टेशन कितना दूर है ।

इंचार्ज ने बताया _ साठ किलोमीटर पर एक छोटा स्टेशन है लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन वहा नही रुकती है ।

क्या रेलवे ट्रेक पर आगे कोई पुल पुलिया या नदी पड़ती हैं।दामिनी ने पूछा।

जी मैडम एक नदी पड़ती है और तीन पुलिया और एक नदी पर बड़ा पुल है।

इंचार्ज ने बताया

हमे इन जगहों पर सतर्क  रहना होगा ।ट्रेन डकैती इन स्थानों पर हो सकती है ।ठीक है इस बात को गुप्त रखे और जाकर अपने गार्ड्स को सतर्क करे।दोनो टीटी के साथ अपने गार्ड भेज दे जो यात्रियों के टिकट चेक कर रहे हैं।दामिनी ने कहा।

थाना इंचार्ज चला गया।

दामिनी ने प्रभा और राजेश से कहा अपने टीम के लोगो को बोलो सब लोग वर्दी खोलकर सिविल ड्रेस  पहन ले हमलोग यात्री के भेष में ट्रेन में चलेंगे ।

थोड़ी देर में  स्टेशन पर टिकट चेक होने लगा ।दामिनी ने फोन पर थाना इंचार्ज से कहा_ सावधानी हेतु सबके सामान भी चेक करवाए किसी के पास घातक हथियार हो सकता है ।

दामिनी ने फिर स्टेशन मास्टर को बुलाया और पूछा _ ट्रेन की बोगियो के बारे में बता सकते है क्या ।

स्टेशन मास्टर ने बताया_ दो दो जनरल बोगिया आगे पीछे होती है।

ग्यारह स्लीपर बोगियां ,थर्ड ,सेजेंड और फर्स्ट क्लास एसी बोगियां कुल मिलाकर दस बोगियां है ।एक पैंट्री कार दो लोगेज बोगी और एक मेल बोगी है।

ठीक है एसी बोगियां और जनरल बोगियो में खतरा नहीं है। घटना संभवतः स्लीपर बोगियों में हो सकती हैं। क्योंकि मध्यम वर्गीय लोग बाहर से  रोजगार, ब्यसाय करके दशहरा पूजा, दीपावली और छठ पूजा के लिए घर लौट रहे होंगे।उनके पास कीमती सामान,गहने हो सकते है। रुपया तो ज्यादा लेकर आजकल कोई चलता नही है।क्योंकि आज डिजिटल का जमाना है सब फोन पे, एटीएम और क्रेडिट कार्ड से लेन देन होने लगा है। फिर भी सभी यात्रियों की सुरक्षा और सुखद यात्रा बहुत  जरूरी है।

दामिनी ने अपने स्तर पर सारी तैयारियां कर लिया ।ठीक चार बजे एक ट्रेन स्टेशन पर आ कर उतरी।

यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए अफरा तफरी मचाने लगे ।

दामिनी की योजना के मुताबिक पांच  पांच लोगो की टीम बनी थी जो सादे भेष में सभी चिन्हित बोगियो में यात्री बनकर घूमते रहेंगे।

टीटी , गार्ड ,जीआरपी और दामिनी से सबका संपर्क बना रहेगा ऐसा तय हुआ था।

थोड़ी देर में ट्रेन ने प्लेटफार्म से सरकना शुरू किया ।उसकी सिटी दूर तक सुबह की बेला में गूंज रही थी।

अंदर सभी यात्री गहरी नींद में झपकियां ले रहे थे।

जनरल बोगियां यात्रियों से ठसाठस भरी हुई थी । वहा पैर रखने की जगह नही थी  ।

थोड़ी देर में ट्रेन ने एक सौ दस किलोमीटर प्रति घंटा की रफतार पकड़ ली थी ।ट्रेन तुफान की तरह पटरियों पर सरपट भागती चली जा रही थी। सभी यात्री आगे होने वाली विभत्स घटना से बेखबर नींद में हिचकोले खाते चले जा रहे थे ।

वही दामिनी की बैचेनी बढ़ती जा रही रहित ट्रेन की गति से भी ज्यादा उसका दिल धड़क रहा था।।राजेश हर पल उसके साथ लगा हुआ था ।करीब बीस किलोमीटर ट्रेन गई होगी तभी एक जोरदार ब्रेक के साथ ट्रेन पटरियों पर घसीटने लगी।

दामिनी और उसके सभी साथी चौंक गए और चौकन्ने होकर हर यात्री को शक की निगाह से देखने लगे।तभी कई बोगियो से औरतों और लोगो के जोर जोर से चीखने चिल्लाने और रोने की आवाजे आने लगी।दामिनी उसकी टीम उधर उन बोगियो की तरफ झटपट लपकने लगी ।

अगला भाग

*”दामिनी का दम”* (भाग-23) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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