सीमा जी बहुत दुखी थी। अपने बेटे अमित और बहु रीटा से ।कुछ दिनों से ठीक से बात तक नहीं कर रही थी । अमित आया और बोला मां,गुस्सा छोड़ो और हमको अपना आशीर्वाद दो ।सीमा जी ने देखा बड़ा सा बैग लिए बिल्कुल तैयार हो के अमित आया था।उसके पीछे ,
रीटा भी पिट्ठू बैग कंधे पे टांगे खड़ी थी। दोनो को देख सीमा जी ने बोला जाओ जाओ , चले जाओ तुम दोनों यहां से ।”बेटा इतने जतनो से पाला पोसा और इस कल की आई के लिए हम सब को छोड़ के जा रहा है”। नहीं मां आप ऐसा नहीं सोचो बहुत जरूरी काम है , इस लिए जा रहे है , कुछ दिनों में आ जायेगे । अमित के पापा ने बोला तुम लोग जाओ बेटा , मै इनको संभाल लूंगा और वैसे भी काम वाली है ही सब काम कर देगी । तुम लोग आराम से जाओ ।
अमित और रीटा दिल्ली के लिए निकल गए। ट्रेन में मां की कही बात को सोच के अमित को बहुत दुख हो रहा था । मां मुझे तो इतना प्यार करती है,लेकिन अपनी बहु का कोई दुख उसे क्यों दिखाई नहीं देता । काश मेरी मां अपने बेटे की खुशी के लिए ही ,थोड़ा बहु को प्यार दिखा देती तो क्या हो जाता । तभी रीटा ने बोला अमित सुनो ,तुमने डॉक्टर से टाइम तो ले लिया था न? हमको कल किस टाइम डॉक्टर के पास जाना होगा? अमित ने बोला हा,बात हो गई है ।कल शाम को ,पांच बजे जाना है । अमित और रीटा दिल्ली पहुंच गए।
और डॉक्टर के पास गए । डॉक्टर ने दोनो का चेकअप किया । कुछ टेस्ट भी कराए । रीटा की कुछ रिपोर्ट ठीक नहीं आई थी । डॉक्टर ने बोला , आपका इलाज थोड़ा लंबा चलेगा, तब आप गर्भवती हो सकती है । लेकिन आपको लंबा सफर नहीं करना होगा । रीटा ने बोला ठीक है डॉक्टर। जैसा आप कहेंगे हम वैसा ही करेंगे। रीटा ने अमित से बोला अमित हमको अब दिल्ली में ही रहना होगा । हा ठीक है, यही किराए का मकान ले लेता हु। कुछ महीने यही रह लेगे।
अमित ने अपनी मां को कॉल करके बताया की मां रीटा की, दवा चलेगी कई महीनों तक , इस लिए हमको यही रहना होगा
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रह रह बेटा किसने मना किया है , सीमा जी की आवाज में नाराजगी दिख रही थी। लेकिन दिल्ली जा के बाहर का खाना नहीं खाना तु, तुझको पचता नहीं है, और हा ठंडी चीजें भी नहीं खाना , समझा । अमित को अच्छा लगा मां के डांट में भी प्यार के शब्द सुन के। फिर क्या था । धीरे धीरे एक एक दिन कट रहे थे। रीटा गर्भवती हो गई । अमित और रीटा बहुत बहुत खुश थे । दिल्ली आने का मकसद पूरा हो गया था । अमित अपने मां पापा को बहुत याद करता था लेकिन रीटा की हालत ऐसे नहीं थी , की वह ट्रेन में सफर कर सके ।
रीटा को दिल्ली में रहना बहुत अच्छा लगने लगा, दिन भर घर में आराम करती , टीवी देखती ,ऑनलाइन शॉपिंग करती ,। रीटा ने सोचा अब मैं सास ससुर के पास नहीं जाऊंगी। यही शिफ्ट हो जाऊंगी , बच्चा होने के बाद इस बारे में अमित से बात करूंगी । पूरे नौ महीने बीत गए । रीटा को बेटा हुआ। अमित रीटा दोनो बहुत बहुत खुश थे। अमित ने अपने मां को फोन कर बताया । अमित के मां पापा बहुत खुश हुए। अमित ने बोला मां आप यहां आ जाइए । इस टाइम हम दोनो को आप की जरूरत है , सीमा जी ने बोला नहीं मै तुम दोनों के लिए नहीं आऊंगी,
अमित ने बोला , मां आप से ये उम्मीद नहीं थी। सीमा जी ने बोला, चुप पगले , मै अपने मुन्ने के लिए आऊंगी । समझे, अमित जोर से हंस पड़ा । रीटा तीन दिन बाद हॉस्पिटल से घर आ गई । अमित ने बोला रीटा कल शाम को मां पापा आ जायेगे रीटा तुम खुश नहीं हो? रीटा के चेहरे पर, मां पापा के आने के नाम से ,मानो खुशी गायब हो गई हो। अमित बोला चलो आराम करो । कल से मां आ जाएंगी तो सब संभाल लेगी।
। अगले दिन सुबह से ही अमित बहुत खुश था की आज मां पापा आ जायेगे पूरे साल भर बाद उनसे मिलना होगा। जैसे जैसे आने का टाइम हो रहा है , अमित की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। लेकिन रीटा के चेहरे पर तनाव बढ़ रहा था। रीटा ने सोचा मां पापा के आने के पहले ही बात कर लेती हूं। अमित आप से कुछ बात करना है , कहो रीटा , अमित मै अब यही रहना चाहती हूं। घर नहीं जाना चाहती , यहां हम तीनो रहेंगे, वैसे भी आपकी की मां हमसे हमेशा नाराज ही तो रहती है , ठीक से बात तक नहीं करती। इतना सुन अमित को बहुत गुस्सा आया । वो चिल्ला पड़ा। , बोला की ऐसा नहीं होगा ।
क्यों की मै अपनी मां के बिना नहीं रह सकता । तुमको जब जरूरत थी। तो तुमको मै ले के आ गया था । अब मुझे अपने मां की जरूरत है। मै अपने मां पापा के बिना नहीं रह सकता । समझी , रीटा ने बोला ,मुझे और अपने बेटे को छोड़ के रह लोगो? बोलो? रीटा थोड़ा तो दिमाग से बात करो ,
तुम मेरी जिंदगी में ,तीन साल पहले आई हो, और ये बेटा, तो चार दिन पहले आया है, जरा सोचो मेरी मां ने तो मुझे पाल पोस इतना बड़ा किया है। उनके बिना तो मै जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता । मैने माना की मेरी मां ने गलत व्यवहार किया है ,तुम्हारे साथ । मै अपनी मां को समझाऊंगा , लेकिन छोड़ नहीं सकता । मेरी हजार गलतियों को मेरी मां ने माफ किया है , मै उनकी थोड़ी सी गलती के लिए इतनी बड़ी सजा नहीं दे सकता । दरवाजे पे खड़े मां पापा सब बात सुन लेते है । सीमा जी के आखों से आसू रुक नहीं रहे थे। बोली बहु मेरे बच्चे को मेरी ,गलती की सजा नहीं दो । मुझे माफ कर दो ।
अमित मां के गले लग गया । बोला नहीं मां आप माफी नहीं मांगो। आपने कोई गलती नहीं की है । रीटा अपने पति का, मां के प्रति प्यार देख पिघल गई । और सासु मां के गले लग गई । बोली मां , मेरे मुन्ने को आप आशीर्वाद दो की बिल्कुल अपने पापा जैसा , ही अपनी मां को प्यार करे । अब अमित रीटा और अपनी मां को देख बहुत खुश था
“
जैसे ,बचपन में हम हजार गलतियां करते है , मां बाप माफ कर देते है, ठीक वैसे ही , हम बच्चों को भी बुढ़ापे में अपने मां बाप की गलतियों को माफ कर देना चाहिए । उनको अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
रंजीता पाण्डेय