सफ़ेद बालों वाली आँटी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

” वो देख..सफ़ेद बालों वाली आँटी जा रहीं हैं।” कंधे पर बैग डाले सीढ़ियों से उतरते हुए अठ्ठावन वर्षीय अनिता सूद ने फिर से अपने लिये सफ़ेद बालों वाली आँटी संबोधन सुना तो उन्हें लगा जैसे किसी ने उनके कानों में पिघला शीशा उड़ेल दिया हो।उसी समय उन्होंने तय कर लिया कि अब तो वो … Read more

अपने नाम से पहचान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” सीमा..चलो ना…नये जीएम की वाइफ़ की पहली मीटिंग हैं..सुना है..वो स्पीच(भाषण) बहुत अच्छा देती हैं।कल ‘महिला-दिवस’ भी तो है..वो ज़रूर कुछ अच्छा ही बोलेंगी।” राधिका ने अपनी सहेली से कहा तो वो ना-नुकुर करने लगी।तब राधिका बोली,” ठीक है..तुम चलो, अगर बोर होने लगी तो हम वापस आ जायेंगे।” वापस आने की कंडीशन पर … Read more

बेटी- बहू में कोई फ़र्क नहीं –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 ” डाॅक्टर साहब…अब मेरी बहू कैसी है? डिलीवरी में कितना समय है…।” जानकी जी घबराते हुए पूछने लगीं तो डाॅक्टर साहिबा बोलीं,” बहन जी..मैंने तो आपको पहले ही बताया था कि केस काॅम्प्लीकेकेटड है..।हम माँ और बच्चे, दोनों को बचाने की कोशिश करेंगे..फिर भी अगर एक को ही बचाना पड़े तो..।आप बता दीजिये कि आप … Read more

कुंभ- स्नान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” जानकी जी, महाकुंभ खत्म होने में अब तो कुछ ही दिन रह गये हैं..आप चलेंगी ना..हम टिकट करवा ले…।” शांति जी अपनी पड़ोसिन से पूछने लगी तो जानकी जी बोलीं,” नहीं शांति बहन..हम नहीं जा सकेंगे..आप और सुलोचना बहन चले जाईये..।” ” पिछले कई महीनों से तो आप ही रट लगाये हुए थी..फिर अब … Read more

फ़र्ज़ – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

       ” प्रकाश..कुछ दिनों में मैं तुम्हारे रुपये लौटा दूँगा..बहन की शादी आ पड़ी है।बचाये हुए रुपये बेटे की बीमारी में खर्च हो गये वरना मैं तुमसे कभी नहीं…।”   ” लौटाने की बात नहीं है भाई..सच में इस वक्त इतनी बड़ी रकम मेरे पास नहीं है..बिजनेस में भी घाटा हो रहा है तो…।” मित्र दिनेश की … Read more

ममता का त्याग – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

   ” मीनू…शादी के बाद तुम मुझे आप कहोगी ना..।”    ” हर्गिज़ नहीं..शादी के बाद तुम अपना भाव बढ़ा लोगे..तो मैं तुमसे शादी नहीं करूँगी..।”  ” अच्छा…मुझसे नहीं करोगी..तो फिर किससे…।” कहते हुए मयंक उससे दिल्लगी करने लगा तो मीनू ने ‘जाओ..मैं तुमसे बात नहीं करती..।’ रूठते हुए फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया।          मीनू के पिता रामदयाल … Read more

बेटी बिना घर सूना – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” अम्मा..मिनी की शादी तय हो गई है।अब उसकी शादी में आप अपने सारे #अरमान निकाल लीजियेगा।” नरेश ने फ़ोन पर अपनी माँ को थोड़ी ऊँची आवाज़ बोला।सुनकर राजेश्वरी देवी चहक उठी,” कब है शादी है बाबू…।”  ” अम्मा..बस अगले महीने के पहिले हफ़्ते में है।भाईसाहब और भाभी को कह दिया है।आप तैयार रहियेगा..सप्ताह भर … Read more

आँचल की छाँव – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  चौंसठ वर्षीय कमला जी के शरीर में आज गजब की फ़ुर्ती थी।सुबह से ही वो कभी चंदा को कहतीं कि दीपक के कमरे में फूल वाली प्रिंटेड चादर बिछा देना तो कभी माली को कहती कि गुलदस्ता बढ़िया बनाना।आज उनका दीपक आ रहा है, फ़ोन पर उसने चार बजे तक आने को कहा था..उनकी तो … Read more

रिश्ते प्यार से बनते हैं – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

   ” देवरानी जी..ऐसी साड़ियाँ तो मेरे मायके की नौकरानियाँ भी न पहने..कितना भद्दा रंग है..और मिठाई तो देखो..हा-हा.. देखकर ही उल्टी आ रही है..है ना जीजी..।”      ” हाँ..मधु..मैं भी तो यही कह रही हूँ..।” कहकर दोनों हँसने लगीं।           सेठ श्यामलाल शहर के जाने-माने ‘आयरन’ व्यापारी थे।पत्नी कमला सुघड़ गृहिणी थी।उनके महेश, सुरेश और निलेश नाम … Read more

प्यार कभी पुराना नहीं होता – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    पिछले कुछ दिनों से सीमा बहुत व्यस्त थी।पहले ननद की बेटी की शादी..फिर सूरत से बेटी-नातिन आ गई।एक महीना कैसे बीत गया, उसे पता ही नहीं चला।पति जब तक थें, तब तक तो वो सोशल मीडिया का स भी नहीं जानती थी।उसकी सहेलियाँ फेसबुक पर आने को कहती तो हँसकर कहती,” मेरा फेसबुक तो मेरे … Read more

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