थैंक्स पापा! – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” बस आरव, बहुत हो चुका…अब मैं तुम्हारी तानाशाही हर्गिज़ नहीं सहूँगी।” निशा लगभग चीखते हुए बोली। ” हाँ तो…मैं भी अब तुम्हारी गुलामी बर्दाश्त नहीं कर सकता।आरव.. ये मत करो..ऐसे नहीं बैठो..ये मत खाओ..तंग आ चुका हूँ तुम्हारी इस दादागिरी से..।”आरव भी उसी लहज़े में बोला तो निशा भड़क उठी,” अच्छा…शादी से पहले तो … Read more