चैन की नींद – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    ” लो बेला..पानी पी लो..आज तो लगता है..बहुत थक गई हो..।” बेला को पानी का गिलास थमाते हुए रामनाथ ने पूछा तो वो पानी पीते हुए नीचे बैठ गई और बोली,” हाँ भईया..आज हम महिलाओं को सीमेंट की बोरियाँ भी ढ़ोनी पड़ी थी..पर कोई बात नहीं..रूही और आपको देखकर सारी थकान उतर गई..मैं अभी खाना … Read more

 गिरह : विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” सुलोचना जी..सैर करने जा रहा हूँ..अपनी फ़रमाईशों की लिस्ट दे दीजिये…लौटते वक्त सब लेता आऊँगा…।” थोड़े ऊँचे स्वर में गिरधारी लाल जी अपनी पत्नी से बोले तो सुलोचना जी रसोई से निकलीं और उन्हें कपड़े के थैले के साथ एक पर्ची थमाती हुई बोलीं,” लिस्ट के साथ थैला दे रही हूँ..प्लास्टिक की थैलियों में … Read more

बस करो माँ.. – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

” रचना बेटी..तू पहले ही दिन अपने पति को मुट्ठी में कर लेना…किचन में तू बिल्कल नहीं जाना…हमने तो…।” कावेरी जी अपनी भतीजी को ज्ञान की#पट्टी पढ़ाने लगीं। रचना कावेरी के बड़े भाई की बेटी थी।उसकी शादी एक सम्पन्न घराने में तय हो गई थी।विवाह की तिथि के एक सप्ताह पहले ही उसकी बुआ उसके … Read more

अपने मन की सुनो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

ड्राॅइंग रूम के सोफ़े पर बैठकर श्रुति टेलीविज़न पर कार्टून शो देख रही थी।फिर वो रिमोट से चैनल बदलकर न्यूज़ देखने लगी।एक रिपोर्टर बोल रही थी,” आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों पर गोलियाँ बरसा दीं..।उसने तुरन्त टीवी बंद कर दिया और पास बैठे अपने पिता से बोली,” पापा..कल स्कूल में मेरी एक सहेली कह … Read more

 सच्चा सुख – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    छाया के बीए के इम्तिहान का आज आखिरी पर्चा था।उसने मेज पर से पेंसिलबाॅक्स उठाया और दुपट्टा डालती हुई बोली,” माँ..मैं जा रही हूँ…।”वो बाहर निकलने लगी तभी उसकी दादी ने आकर उसके माथे पर तिलक लगाकर उसे आशीर्वाद दिया और चाची चम्मच से दही-चीनी खिलाने लगीं तो वो चिढ़ गई,” क्या चाची..आप लोगों की … Read more

 लालच की सज़ा – ​विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” ये आप क्या कह रहें हैं महेश जी..मैंने तो आपसे बस तारीख आगे बढ़ाने की विनती की थी पर आपने तो सगाई का सामान लौटाकर रिश्ते से ही #मुँह मोड़ लिया…एक बार सोचि..।” फ़ोन डिस्कनेक्ट हो गया और प्रदीप जी बात अधूरी रह गई।    एक विवाह-समारोह में प्रदीप और महेश की मुलाकात हुई थी।महेश … Read more

कैसे-कैसे लोग –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” सीमा..किसी का फ़ोन आ रहा है..मैं तुमसे फिर बात करती हूँ..।” कहते हुए अंजू ने फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया।     सीमा की पड़ोसन थी अंजू।दोनों ऊपर-नीचे के फ़्लैट में रहतीं थीं।अंजू अक्सर ही सीमा के घर चली आती और सास-ननद, पति-बच्चे की बातें करती।कभी बहुत प्रशंसा तो कभी बहुत शिकायत।सीमा उसकी बातें सुनती..हाँ- हूँ कर … Read more

 ईश्वर की मर्ज़ी – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

  ” ये क्या कामिनी बहन..आज फिर किसी अबला- बेसहारा को अपने घर ले आईं..जानती हैं ना इस#स्वार्थी संसार को…फिर भी..।”     ” ऐसी कोई बात नहीं है बहन..ये सब तो ईश्वर की मर्ज़ी से होता है…।” मुस्कुराते हुए कामिनी ने राजेश्वरी के हाथ में चीनी की कटोरी रख दी।     ” आपके हृदय को खूब समझती हूँ…।”हँसती … Read more

मैं नहीं सहूँगी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” बस आलोक..खबरदार जो तूने अलका पर हाथ उठाया..क्रोध में तू ये भी भूल गया कि वो तेरे बेटे की माँ है..तेरे सुख के लिये वो दिन-रात खटती है और तू उसी पर…।” बेटे का हाथ रोकते हुए आनंदी लगभग चीखते हुए बोली।तब आलोक भी उन पर चीखा,” आज मेरा हाथ तो रोक लिया..उस वक्त … Read more

मैं तो बहुत खुश हूँ – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 ” सुनिये ना.. सोफ़ा खरीद लीजिये ना..बच्चों के दोस्त आते हैं तो उन्हें कुरसी पर बैठाना बहुत खराब लगता है..सबके घर में…।” छवि की बात पूरी होने से पहले ही मानव बोल पड़ा,” ओफ़्फ ओ…तुम फिर से शुरु हो गई..।”      ” तो आप मेरी बात मान क्यों नहीं लेते…।” मनुहार करते हुए वो बोली तो … Read more

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