टू इन वन – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” देखो सुशील… इस समय मेरे पापा को मेरी ज़रूरत है।भाई रहते तो एक अलग बात थी, लेकिन…।”   ” हाँ तो…तुम उन्हें पैसे तो दे ही रही हो ना..।” तीखे स्वर में सुशील बोला तो श्रद्धा तिलमिला उठी, ” पैसे दे रही हो..से तुम्हारा क्या मतलब है सुशील।मैं सिर्फ़ तुम्हारी … Read more

गृहलक्ष्मी-2 – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रंग-बिरगी बल्बों की लड़ियों से पूरा ‘जानकी निवास’  जगमगा रहा था।मनोहर बाबू लाॅन के बीचोंबीच अपनी आरामकुर्सी डालकर बड़े प्यार-से अपने घर की शोभा निहार रहें थें।बरसों बाद दीवाली के दिन उनके घर में इतनी चहल-पहल हो रही थी।बच्चे छोटे थे तब यहाँ की रौनक देखते बनती थी,उनकी पत्नी जानकी … Read more

ज़िम्मेदारी – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :    ” अरे…ये क्या छोटी भाभी…इतना सारी मठरियाँ आप अकेले कैसे बनाएँगी….लाइये..मैं आपकी कुछ मदद कर देती हूँ।” कहते हुए नंदा ने मैदे की एक लोई अपने हाथ में ले ली।    ” नहीं-नहीं नंदा…आप टेंशन मत लीजिये, वैसे भी मुझे आदत हो गई है इस सबकी।” मुस्कुराते हुए सुनीता ने … Read more

ममता जीत गई – विभा गुप्ता  : family story hindi kahani

family story hindi kahani :    ” साथियों…., आज मैं जो कुछ भी हूँ उसके पीछे मेरी माँ नम्रता का प्यार और उनका ममता भरा स्पर्श है।मेरी माँ ने…।” संदीप अपनी बात कहता जा रहा था और  दर्शक-दीर्घा के पहली पंक्ति की सीट पर बैठी नम्रता उसे बहुत ध्यान-से सुन रही थी।अपने लिये माँ शब्द … Read more

तिल का ताड़ बना दिया – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   ” क्या हुआ सुनील..तुम दोनों आज फिर से…।”   ” तो क्या करुँ आँटी…सुमेधा के रोज के चिकचिक से मैं तंग आ गया हूँ।जी करता है कि अभी तलाक लेकर इससे नारकीय ज़िंदगी से छुटकारा पा लूँ..।” सुनील ने लगभग चीखते हुए कहा।    ” तलाक!…नहीं बेटा, ऐसा नहीं कहते।सुमेधा बेटी…एक-दूसरे … Read more

करनी का फल ‘ – विभा गुप्ता 

  ” प्रिया,मेरा लंचबाॅक्स दो “     ” मम्मी, मेरा टिफ़िन बाॅक्स “          ” बहू, मेरी मालिश करने वाली तेल की शीशी कहाँ है?”          सुबह उठते ही प्रतिदिन इन आवाज़ों को सुनने की मेरी आदत-सी हो गई थी।दरअसल ये आवाज़ें मेरी पड़ोसिन शर्मा आंटी के घर से आती थीं।उनके घर में उनके पति ,एक बेटा और बेटे … Read more

 ‘ उम्मीद से ज़्यादा मिला ‘ – विभा गुप्ता

पुरुषोत्तम बाबू सरकारी नौकरी से रिटायर होकर आराम की जिंदगी बिता रहें थें।बेटी काजल का विवाह अपने ही शहर के एक अध्यापक के पुत्र से दो साल पहले ही कर चुके थें, बेटा आकाश एक प्राइवेट बैंक में काम करता था और पत्नी मंगला सुघड़ गृहिणी थी।पत्नी के सहयोग से ही उन्होंने अपनी सीमित आय … Read more

बड़प्पन – विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या नेहा….इतने दिनों में एक सैंडविच बनाना भी नहीं सीख पाई…।” कहते हुए सुनीता ने हाथ में लिया हुआ सैंडविच ज़मीन पर फेंक दिया।तभी उसकी एक सहेली व्यंग्य से बोली, ” इसके मायके में किसी ने ब्रेड देखा ही नहीं होगा..।” इतना सुनते ही ड्राइंग रूम में बैठी सुनीता … Read more

एक बार तो सोचती…. : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रत्ना के हाथ रखने से पहले ही उसका ननदोई श्रीधर ने अपना हाथ पुस्तक पर से हटा लिया तो वह तिलमिला गई।अपनी इच्छा पर पानी फिरते देख उसने श्रीधर को नीचा दिखाने का ठान लिया। आठ साल पहले रत्ना की छोटी ननद दीपाली के साथ श्रीधर का विवाह हुआ था।श्रीधर … Read more

वक्त से डरो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या मम्मी जी…जब देखो..कोई न कोई चीज़ आप तोड़ ही देती हैं।चुपचाप एक जगह क्यों नहीं बैठ जाती…।” अपनी सास को तीखे स्वर में कहती हुई तान्या ने फ़र्श पर गिरे काँच के टुकड़ों को साफ़ करने के लिये नौकर को आवाज़ दी।      निखिल भी उसी वक्त ऑफ़िस से … Read more

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