आँखें खुल गई – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘रिलैक्स क्लीनिक ‘ के परिसर में रखी कुर्सियों में से एक कुरसी पर बैठी आनंदी परेशान-सी सोच रही थी कि पता नहीं डाॅक्टर क्या कहेंगे? नेहा कब तक ठीक होगी? नहीं हुई तो…।तभी उसकी नज़र साथ बैठी महिला पर पड़ी।उसने पूछ लिया,” आपकी भी बेटी यहाँ ट्रीटमेंट…।”    ” नहीं..मेरी बेटी … Read more

अधूरी चाह – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” डॉक्टर साहब.., माँ की तबीयत…, कोई चिंता वाली बात तो नहीं है।” मनीष ने अपनी माँ की सेहत की जानकारी लेनी चाही। ” नहीं …चिंता वाली तो कोई बात नहीं है…, बस ज़रा परहेज़ रखना होगा।तेल-मसाले वाली चटपटी चीजों और मिठाइयों से उन्हें दूर रहना होगा।” मनीष ने राहत … Read more

तेरे सब अरमान पूरे हों (भाग 2)-  विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सप्ताह भर बाद मनोज दिल्ली से घर लौटा, बस तभी से उसने अपने हाथ तंग करने शुरु कर दिये।बीना समझ नहीं पाती कि इतने खुले हाथ वाला उसका पति अचानक इतना कंजूस कैसे हो गया।दीपावली पर माँ के लिये नई साड़ी और पिता के लिये नया कुर्ता लाया तो बीना ने … Read more

तेरे सब अरमान पूरे हों (भाग 1)-  विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” अरे….! आप फिर से भिंडी पाव भर ही लाए हैं।कितनी बार तो आपसे कह चुकी हूँ कि भिंडी गल जाती है, घर में पाँच जने हैं… पूरी नहीं पड़ती लेकिन आप हैं कि सुनते ही नहीं…।” सब्ज़ी के थैले में कम भिंडी देखी तो बीना अपने पति मनोज पर … Read more

प्राइस टैग – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” बड़ी बहू , कल मिनी आ रही है।सगुना से कहकर उसका कमरा ठीक करा देना।”       ” जी माँजी, जानती हूँ , माली काका को भी कह दिया है कि कल लाल गुलाब उनके कमरे के फूलदान में लगा देंगे।” सास के प्रश्न का बड़ी बहू ने जवाब दिया।             मनोरमा देवी के तीन संतानों में … Read more

देर से आना – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” पापा….देखिये ना…., आज फिर से भइया को देर हो रही है…।आज तो मैं उनसे बिलकुल भी बात नहीं करूँगी।” तुनकते हुए विधि अपने कमरे में जाकर बेड पर औंधे मुँह लेट गई। विधि का भाई स्नेहिल उससे तकरीबन आठ साल बड़े थें, फिर भी वह उनसे छोटी-छोटी बातों पर … Read more

सुख-दुख अपने हाथ में – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

” दीदी…दीजिये ना..पराँठे मैं बेल देती हूँ।” कहते हुए गरिमा अपनी जेठानी सुषमा के हाथ से बेलन लेने लगी।   ” अरे नहीं गरिमा..मैं कर लूँगी।तुम अपना नाॅवेल पूरा कर लो..इस समय तो तुम पढ़ती हो।” कहते हुए सुषमा ने गरिमा के हाथ से बेलन ले लिया और पराँठे बेलकर सेंकने लगी।       गरिमा को अच्छा नहीं … Read more

माँ को समर्पित –  विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi:   ” हा-हा…पगली काकी…पगली काकी….” कहते हुए मुहल्ले के बच्चे उन्हें देखकर तालियाँ बजाने लगें और वे हर आने-जाने वालों को ऐसे देखने लगीं जैसे किसी अपने को तलाश कर रहीं हों।तभी अपनी बाइक को साइड में रोककर अभिनव उस महिला की तरफ़ लपका और उन्हें अपने हाथों से पकड़कर घर ले जाते … Read more

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‘ एक माँ का संघर्ष ‘ – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : दो वर्ष पूर्व मेरा हैदराबाद जाना हुआ।वहाँ एक परिचित से मिलने जब उनके घर गई तो उनके यहाँ काम करने वाली महिला को देखकर मैं चौंक पड़ी।उसने भी मुझे पहचान लिया था, इसीलिए इशारे से मुझे चुप रहने को कहा और किचन में जाने पर चुपके-से मुझे एक चिट पकड़ा … Read more

तू मेरी सहेली है ना – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बसंती और देवकी पहले पड़ोसिन थीं, फिर दोनों सहेलियाँ बन गईं।दोनों के पति ज़मींदार थें।खेती की आमदनी से ही उन्होंने अपने बच्चों को खूब पढ़ाया। बसंती के दो बेटे थें-विवेक और विकास।विवेक अमेरिका पढ़ने जाना चाहता था, बसंती के पति ने अपनी ज़मीन का कुछ हिस्सा बेचकर उसे अमेरिका भेज … Read more

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