कर्ज़ नहीं, फ़र्ज है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
” इसमें बड़ी बात क्या है मामाजी!… मैं तो उनका बेटा हूँ…पाल-पोसकर बड़ा किया तो इसमें अपनों का एहसान कैसा? ये तो उनका फ़र्ज़ था जो उन्होंने किया।” नितिन ने लापरवाही से कहा। मामाजी बोले,” पर बेटा….।” द्वारिकानाथ जी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर धीरे-से थपथपाया जैसे कह रहें हों, रहने दो…कहने से कोई … Read more