एक बार तो सोचती…. : Moral Stories in Hindi

New Project 40

Moral Stories in Hindi : रत्ना के हाथ रखने से पहले ही उसका ननदोई श्रीधर ने अपना हाथ पुस्तक पर से हटा लिया तो वह तिलमिला गई।अपनी इच्छा पर पानी फिरते देख उसने श्रीधर को नीचा दिखाने का ठान लिया। आठ साल पहले रत्ना की छोटी ननद दीपाली के साथ श्रीधर का विवाह हुआ था।श्रीधर … Read more

वक्त से डरो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2

Moral Stories in Hindi : ” क्या मम्मी जी…जब देखो..कोई न कोई चीज़ आप तोड़ ही देती हैं।चुपचाप एक जगह क्यों नहीं बैठ जाती…।” अपनी सास को तीखे स्वर में कहती हुई तान्या ने फ़र्श पर गिरे काँच के टुकड़ों को साफ़ करने के लिये नौकर को आवाज़ दी।      निखिल भी उसी वक्त ऑफ़िस से … Read more

एक डाली के फूल – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 96

Moral Stories in Hindi :   ” सूर्यप्रकाश जी, आपका कोई वकील…?” ” वकील…नहीं जज साहब….मेरा केस लेने को कोई वकील तैयार नहीं हो रहा है…, अपनी बेटी की फ़रियाद लेकर….।” हताश-लाचार सूर्यप्रकाश जी जज साहब को कहते हुए रो पड़े, तभी उनके कंधे पर काला चोगा पहने एक सज्जन ने हाथ रखते हुए कहा,” धीरज … Read more

दादी की शिकायतें : Moral Stories in Hindi

New Project 13

Moral Stories in Hindi : हमारे परिवार में दादी सबसे अनोखी थीं।माँ बताती थीं कि जब मेरा जन्म हुआ था तब दादी खूब नाची थी।सबसे कहतीं थीं कि हमारे घर का चिराग आया है।मेरे दादाजी ने तो मेरा नाम आशीष रखा था लेकिन दादी ने मुझे इस नाम से कभी नहीं पुकारा।वो तो हमेशा गोलू … Read more

‘ पुरुष अहं ‘ – विभा गुप्ता

New Project 40

  सुमेश को आज लड़की देखने जाना था।वह स्वयं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर के पद पर चेन्नई में कार्यरत था।अपने लिये वह वर्किंग वाइफ ही चाहता था।पहले तो उसके माता-पिता वर्किंग बहू के लिये ना कह दिये थें लेकिन फिर सोचे,घर में बेटे के साथ बहू की आमदनी भी आये तो क्या बुराई है।            सुमेश … Read more

पश्चाताप की आग –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

Moral Stories in Hindi :  ” अरे-अरे..ज़रा देखिये तो…लगता है,बाहर कोई महिला बेहोश हो गई है…।”  ‘ संजिवनी केमिस्ट ‘ पर दवाइयाँ खरीदते हुए ग्राहकों में से एक ने कहा तो नम्रता ने पीछे मुड़कर देखा।शाॅप के बाहर लगी भीड़ को देखकर उत्सुकतावश वह एक हाथ में पर्स-दवा थामकर दूसरे हाथ से लोगों के बीच … Read more

आँखें खुल गई – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

New Project 43

Moral Stories in Hindi : ‘रिलैक्स क्लीनिक ‘ के परिसर में रखी कुर्सियों में से एक कुरसी पर बैठी आनंदी परेशान-सी सोच रही थी कि पता नहीं डाॅक्टर क्या कहेंगे? नेहा कब तक ठीक होगी? नहीं हुई तो…।तभी उसकी नज़र साथ बैठी महिला पर पड़ी।उसने पूछ लिया,” आपकी भी बेटी यहाँ ट्रीटमेंट…।”    ” नहीं..मेरी बेटी … Read more

अधूरी चाह – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 87

Moral Stories in Hindi : ” डॉक्टर साहब.., माँ की तबीयत…, कोई चिंता वाली बात तो नहीं है।” मनीष ने अपनी माँ की सेहत की जानकारी लेनी चाही। ” नहीं …चिंता वाली तो कोई बात नहीं है…, बस ज़रा परहेज़ रखना होगा।तेल-मसाले वाली चटपटी चीजों और मिठाइयों से उन्हें दूर रहना होगा।” मनीष ने राहत … Read more

तेरे सब अरमान पूरे हों (भाग 2)-  विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सप्ताह भर बाद मनोज दिल्ली से घर लौटा, बस तभी से उसने अपने हाथ तंग करने शुरु कर दिये।बीना समझ नहीं पाती कि इतने खुले हाथ वाला उसका पति अचानक इतना कंजूस कैसे हो गया।दीपावली पर माँ के लिये नई साड़ी और पिता के लिये नया कुर्ता लाया तो बीना ने … Read more

तेरे सब अरमान पूरे हों (भाग 1)-  विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” अरे….! आप फिर से भिंडी पाव भर ही लाए हैं।कितनी बार तो आपसे कह चुकी हूँ कि भिंडी गल जाती है, घर में पाँच जने हैं… पूरी नहीं पड़ती लेकिन आप हैं कि सुनते ही नहीं…।” सब्ज़ी के थैले में कम भिंडी देखी तो बीना अपने पति मनोज पर … Read more

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