ममता में मिलावट नहीं होती – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

      ” बस माँ…अब बंद करो अपना ये नाटक…जब देखो…।” कहते हुए विवेक ने दही की कटोरी नीचे फेंक दी और बेसिन का नल खोलकर अपने हाथ धोने लगा।देविका जी सकपका गई।कुछ गिरने की आवाज़ सुनकर वंदना किचन से बाहर आई…एक तरफ़ खड़ी अपनी सास को उसने देखा…फिर फ़र्श पर गिरी दही की कटोरी देखी तो  … Read more

दिल ना दुखाना –  विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    फ़ैमिली कोर्ट से बाहर निकलते हुए जूही ने एक बार प्रणय को देखा और फिर हाथ में पकड़े उस कागज़ को देखा जिस पर लिखा हुआ था कि अब उसका प्रणय से कोई संबंध नहीं है।उसकी बेटी रिया के पालन-पोषण  के लिये प्रणय को हर महीने एक निश्चित राशि जूही के अकाउंट में देनी होगी।दोनों … Read more

भाई की करतूत – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

” बस करो ज्योति…पापा के बारे में कुछ भी बोलने से पहले अपने लाडले भाई की करतूत तो देख लो कि वो क्या गुल खिला रहा है।” कहते हुए प्रकाश ज्योति को मोबाइल पर उसके भाई अंकित की तस्वीरें दिखाने लगा।          प्रकाश के पिता कस्बे के एक स्कूल में अध्यापक थें।सेवानिवृत्त होने के बाद पत्नी … Read more

बड़े दिलवाली है – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

 ” हा-हा…इसका रंग तो देखिये…कितना भड़कीला है..।” ” हाँ …डिजाईन तो ऐसा कि अपनी कामवाली चंपा भी देह पर न लगाये..।”      ” अब छोटे घर वालों की पसंद तो ऐसी ही होगी न बड़ी बहू…।”        ललिता जी अपनी दोनों बहुओं सुनिधि और अदिति के साथ बैठकर छोटी बहू पूजा के मायके से आये कपड़े-गहनों की … Read more

बस…अब और नहीं – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” अनिरुद्ध ….तेरा दिमाग तो ठीक है….बेटी को क्या उम्र भर यहीं बिठायेगा…समाज- बिरादरी वाले क्या कहेंगे…तू अभी के अभी सलोनी को उसके ससुराल भेज दे..।” रामराजी देवी अपने बेटे पर चिल्लाई।    ” बस माँ….अब और नहीं…सलोनी अब कहीं नहीं जायेगी।” अनिरुद्ध चीखते हुए बोले।       अनिरुद्ध और अनिता की इकलौती संतान थी सलोनी।विवाह के सात … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी –  विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

  ‘ स्मृति सदन’ का बड़ा हाॅल फूलों और रंग-बिरंगे बल्बों से जगमग कर रहा था।वहाँ आये मेहमानों का शोर इतना था कि सदन के बाहरी हिस्से में बनी एक छोटी-सी कोठरी के बिस्तर पर दर्द-से कराहती स्मृति जी के कानों में भी सुनाई दे रहा था।वे बुदबुदाने लगी, सभी मजे में नाच-गा रहें हैं लेकिन … Read more

अहम फ़ैसला – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

   ” तो तूने सोच लिया है कि अंशु को रज़िया के हवाले कर देगी…।”      ” हाँ दी…अंशु की खुशी में ही तो मेरा सुख है…।” कहते हुए वर्षा का गला भर्रा गया।उसने अपनी बहन मेघना से ‘ ‘रखती हूँ दी’ कहकर फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया और सोफ़े पर लेटे छह वर्षीय अंशु को वात्सल्य भरी … Read more

रुठा ना करो-   विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” ये रंग तुम पर खूब जँचेगा बड़ी बहू…और फिर ये कलर तेरा फेवरिट भी तो है..।” शकुन्तला जी अंजू को अंगूरी रंग की चंदेरी साड़ी दिखाती हुई मनुहार करने लगीं लेकिन अंजू तो बस गाल फुलाकर बैठी रही।         शकुन्तला जी के दो बेटे थें।घर में जब अंजू उनकी बड़ी बहू बनकर आईं तब उन्होंने … Read more

‘सिर्फ़ मेरा’ क्यों?-   विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

 ” देखो नंदा…तुम अपने भाई को एक रुपया भी नहीं दोगी।” शैलेश ने कड़े शब्दों में पत्नी से कहा तो वह बोली,” मैं आपसे तो माँग नहीं रही….अपनी सैलेरी से ही तो दे रही हूँ..।”    ” तुम्हारी सैलेरी क्या होती है…जब तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है तो तुम्हारी सैलेरी भी तो मेरी हुई ना….।” … Read more

माँ का दायित्व – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    डोरबेल बजते ही शैली ने दरवाज़ा खोला तो कोरियर वाले ने उसे एक लिफ़ाफा थमाया और उससे हस्ताक्षर करवाकर चला गया।शैली ने लिफ़ाफा खोला तो तलाक के पेपर देखकर वह दंग रह गई।शशांक ने उसे तलाक का नोटिस भेजा था।उसने अपनी मम्मी शकुंतला को तलाक के कागज़ात दिखाये तो वो खुश होकर बोली,” कर दे … Read more

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