इसमे संकोच कैसा – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :     ” आप यहाँ बैठिये भाईसाहब…मैं अभी पानी लेकर आती हूँ।” सोफ़े की ओर इशारा करते हुए सुनंदा जी अपने समधी प्रशांत बाबू को कहकर रसोई में चली गईं।तभी दिवाकर बाबू भी प्रशांत बाबू का सामान लेकर आ गये और बोले,” अब आप यहाँ आराम से रहिये।”   ” मैं यहाँ… … Read more

तुम स्वयं भाग्यविधाता हो – विभा गुप्ता : Moral Stories in hindi

” देखो कल्याणी….तुम्हारी बेटी को जितना पढ़ना था…हम पढ़ा चुके हैं…अब वह चुपचाप ब्याह करके अपने ससुराल चली जाये, यही सबके लिए अच्छा रहेगा…।” ज्ञानेश्वर बाबू ने कड़े शब्दों में अपने छोटे भाई की पत्नी से कहा।    ” लेकिन जेठ जी….मेरी स्वाति पहले अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है…उसकी इच्छा है कि…।” सिर पर … Read more

वृद्धाश्रम –  विभा गुप्ता : Moral Stories in hindi

 ” बहू.., मैं सोच रही हूँ कि हमें वृद्धाश्रम चले ही जाना चाहिये।तुम्हें सुकून मिल जाएगा और हमें….।” गैस पर चढ़ा कढ़ी के भगोने में कलछी हिलाते हुए जानकी जी ने अपनी बहू आशी से कहा तो वह छहचकित हो गयी।चेहरे पर भाव ऐसे आ गये जैसे किसी ने उसे काले पानी की सज़ा सुना … Read more

बेटी क्यों नहीं…? – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ये क्या भाभी…आपने रजनी को भईया के मोटर गैराज चलाने को दे दिया।हमारे खानदान में तो लड़कियाँ ऐसा काम नहीं करती।वहाँ पर पचास तरह के लोग आते-जाते हैं…लड़की जात है…कुछ ऊँच-नीच हो गया तो…।” तीखे स्वर में सीमा ने अपनी भाभी सुनंदा से कहा।      सुनंदा का पति सोमेश्वर एक मोटर … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 2):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पत्र पढ़कर राजेश्वरी तो बहुत रोईं, नवल किशोर जी भी दुखी थे कि न जाने बेटा अकेले-अकेले कहाँ भटकेगा।वे रोज उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना करते।     हाथ में बैग लिये राघव सोचता चला जा रहा था कि आगे और कौन-कौन-सी मुसीबतें आएँगी…वह कैसे उनका सामना करेगा.. कि अचानक वह एक … Read more

भाई हूँ तेरा ( भाग 1):  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” बस माँ…अब तो इस घर में मैं रहूँगा या ये…।” हाथ से कोने में खड़े राघव की ओर इशारा करते हुए प्रशांत बोला।     ” ये तू क्या कह रहा है प्रशांत….राघव तेरा भाई है…।” राजेश्वरी जी आहत स्वर में बोली।   ” हाँ …मगर सौतेला जो मेरा हक…।” ” नहीं … Read more

पश्चाताप की आग –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” अरे-अरे..ज़रा देखिये तो…लगता है,बाहर कोई महिला बेहोश हो गई है…।”  ‘ संजिवनी केमिस्ट ‘ पर दवाइयाँ खरीदते हुए ग्राहकों में से एक ने कहा तो नम्रता ने पीछे मुड़कर देखा।शाॅप के बाहर लगी भीड़ को देखकर उत्सुकतावश वह एक हाथ में पर्स-दवा थामकर दूसरे हाथ से लोगों के बीच … Read more

शक का परिणाम – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  इतना बड़ा कलंक! उसकी आत्मा चित्कार उठी थी।वह समझ गई कि अब कुछ कहने-सुनने को रहा नहीं।उसने नज़र भर के बेटे को देखा और आँचल से अपने आँसुओं को पोंछती हुई भाई का हाथ पकड़कर चली गई।नन्हा आशु सब देखकर चकित था।माँ उसे छोटा भाई देने वाली थी तो फिर … Read more

शक का परिणाम – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  ” थोड़ी देर और बैठ जाइये, फिर सब साथ में चलते हैं।”     ” अरे नहीं माणिक,संध्या होने को आ गई और फिर तुम तो जानते ही हो कि…।” कहते हुए मिथिलेश बाबू एक ठंडी साँस भरते हुए उठे और अपने घर की तरफ़ जाने लगे।पीछे से उन्हें सुनाई दिया…     ” … Read more

धाकड़ दीदी – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : उसकी बड़ी बहन और भाई जिस काॅलेज़ में पढ़ रहे थें, उसी में नंदा भी दाखिला लेना चाहती थी लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि हमें सब लंगड़ी की बहन-भाई कहेंगे।नंदा सहनशील थी, उसने स्वयं को समझाया कि मुझे पढ़ाई अच्छे-से करनी है,काॅलेज़ चाहे कोई भी हो।बीए करने … Read more

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