करनी का फल ‘ – विभा गुप्ता 

  ” प्रिया,मेरा लंचबाॅक्स दो “     ” मम्मी, मेरा टिफ़िन बाॅक्स “          ” बहू, मेरी मालिश करने वाली तेल की शीशी कहाँ है?”          सुबह उठते ही प्रतिदिन इन आवाज़ों को सुनने की मेरी आदत-सी हो गई थी।दरअसल ये आवाज़ें मेरी पड़ोसिन शर्मा आंटी के घर से आती थीं।उनके घर में उनके पति ,एक बेटा और बेटे … Read more

 ‘ उम्मीद से ज़्यादा मिला ‘ – विभा गुप्ता

पुरुषोत्तम बाबू सरकारी नौकरी से रिटायर होकर आराम की जिंदगी बिता रहें थें।बेटी काजल का विवाह अपने ही शहर के एक अध्यापक के पुत्र से दो साल पहले ही कर चुके थें, बेटा आकाश एक प्राइवेट बैंक में काम करता था और पत्नी मंगला सुघड़ गृहिणी थी।पत्नी के सहयोग से ही उन्होंने अपनी सीमित आय … Read more

बड़प्पन – विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या नेहा….इतने दिनों में एक सैंडविच बनाना भी नहीं सीख पाई…।” कहते हुए सुनीता ने हाथ में लिया हुआ सैंडविच ज़मीन पर फेंक दिया।तभी उसकी एक सहेली व्यंग्य से बोली, ” इसके मायके में किसी ने ब्रेड देखा ही नहीं होगा..।” इतना सुनते ही ड्राइंग रूम में बैठी सुनीता … Read more

एक बार तो सोचती…. : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : रत्ना के हाथ रखने से पहले ही उसका ननदोई श्रीधर ने अपना हाथ पुस्तक पर से हटा लिया तो वह तिलमिला गई।अपनी इच्छा पर पानी फिरते देख उसने श्रीधर को नीचा दिखाने का ठान लिया। आठ साल पहले रत्ना की छोटी ननद दीपाली के साथ श्रीधर का विवाह हुआ था।श्रीधर … Read more

वक्त से डरो – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या मम्मी जी…जब देखो..कोई न कोई चीज़ आप तोड़ ही देती हैं।चुपचाप एक जगह क्यों नहीं बैठ जाती…।” अपनी सास को तीखे स्वर में कहती हुई तान्या ने फ़र्श पर गिरे काँच के टुकड़ों को साफ़ करने के लिये नौकर को आवाज़ दी।      निखिल भी उसी वक्त ऑफ़िस से … Read more

एक डाली के फूल – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   ” सूर्यप्रकाश जी, आपका कोई वकील…?” ” वकील…नहीं जज साहब….मेरा केस लेने को कोई वकील तैयार नहीं हो रहा है…, अपनी बेटी की फ़रियाद लेकर….।” हताश-लाचार सूर्यप्रकाश जी जज साहब को कहते हुए रो पड़े, तभी उनके कंधे पर काला चोगा पहने एक सज्जन ने हाथ रखते हुए कहा,” धीरज … Read more

दादी की शिकायतें : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हमारे परिवार में दादी सबसे अनोखी थीं।माँ बताती थीं कि जब मेरा जन्म हुआ था तब दादी खूब नाची थी।सबसे कहतीं थीं कि हमारे घर का चिराग आया है।मेरे दादाजी ने तो मेरा नाम आशीष रखा था लेकिन दादी ने मुझे इस नाम से कभी नहीं पुकारा।वो तो हमेशा गोलू … Read more

‘ पुरुष अहं ‘ – विभा गुप्ता

  सुमेश को आज लड़की देखने जाना था।वह स्वयं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर के पद पर चेन्नई में कार्यरत था।अपने लिये वह वर्किंग वाइफ ही चाहता था।पहले तो उसके माता-पिता वर्किंग बहू के लिये ना कह दिये थें लेकिन फिर सोचे,घर में बेटे के साथ बहू की आमदनी भी आये तो क्या बुराई है।            सुमेश … Read more

पश्चाताप की आग –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” अरे-अरे..ज़रा देखिये तो…लगता है,बाहर कोई महिला बेहोश हो गई है…।”  ‘ संजिवनी केमिस्ट ‘ पर दवाइयाँ खरीदते हुए ग्राहकों में से एक ने कहा तो नम्रता ने पीछे मुड़कर देखा।शाॅप के बाहर लगी भीड़ को देखकर उत्सुकतावश वह एक हाथ में पर्स-दवा थामकर दूसरे हाथ से लोगों के बीच … Read more

आँखें खुल गई – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘रिलैक्स क्लीनिक ‘ के परिसर में रखी कुर्सियों में से एक कुरसी पर बैठी आनंदी परेशान-सी सोच रही थी कि पता नहीं डाॅक्टर क्या कहेंगे? नेहा कब तक ठीक होगी? नहीं हुई तो…।तभी उसकी नज़र साथ बैठी महिला पर पड़ी।उसने पूछ लिया,” आपकी भी बेटी यहाँ ट्रीटमेंट…।”    ” नहीं..मेरी बेटी … Read more

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