समय बलवान है – विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आसमान में गरजते बादलों को देख गोमती समझ गई कि इंद्र देवता कभी भी अपनी कृपा बरसा सकते हैं तो उसने चंपा और जमुना को कहा कि वे जल्दी-जल्दी हाथ चलाकर फ़सलों की कटाई पूरी कर ले और खुद भी तेजी-से हंसिया चलाने लगी तभी उसने देखा कि उसका पड़ोसी … Read more

तुम पर नाज़ है –   विभा गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शहर के जाने-माने बिजनेसमैन श्री डी• एल• ताल्लुकदार यानि देवीलाल ताल्लुकदार के आवास ‘ दुर्गा निवास ‘ के लाॅन में बड़ी पार्टी आयोजित की गई थी।वज़ह दो थी, एक उनके बड़े सुपुत्र सुमित को ‘ बिजनेसमैन ऑफ़ द ईयर ‘ के पुरस्कार से नवाज़ा गया था और दूसरा आज उसकी … Read more

बड़प्पन (भाग 2)- विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जब नेहा निखिल की पत्नी बन गई तो अपनी बहन को देवरानी बनाने का सुनीता की इच्छा पर पानी फिर गया।बस उसी बात का गुस्सा वह गाहे-बेगाहे नेहा को जलील करके निकालने लगी।कभी उसपर अपने पैसे का रौब दिखाती तो कभी घर के नौकरों के सामने उसे ‘ छोटे घर … Read more

बड़प्पन (भाग 1)- विभा गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” क्या नेहा….इतने दिनों में एक सैंडविच बनाना भी नहीं सीख पाई…।” कहते हुए सुनीता ने हाथ में लिया हुआ सैंडविच ज़मीन पर फेंक दिया।तभी उसकी एक सहेली व्यंग्य से बोली, ” इसके मायके में किसी ने ब्रेड देखा ही नहीं होगा..।” इतना सुनते ही ड्राइंग रूम में बैठी सुनीता … Read more

कर्ज़ नहीं, फ़र्ज है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” इसमें बड़ी बात क्या है मामाजी!… मैं तो उनका बेटा हूँ…पाल-पोसकर बड़ा किया तो इसमें अपनों का एहसान कैसा? ये तो उनका फ़र्ज़ था जो उन्होंने किया।” नितिन ने लापरवाही से कहा।   मामाजी बोले,” पर बेटा….।” द्वारिकानाथ जी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर धीरे-से थपथपाया जैसे कह रहें … Read more

कर्ज़ नहीं, फ़र्ज है – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” इसमें बड़ी बात क्या है मामाजी!… मैं तो उनका बेटा हूँ…पाल-पोसकर बड़ा किया तो इसमें अपनों का एहसान कैसा? ये तो उनका फ़र्ज़ था जो उन्होंने किया।” नितिन ने लापरवाही से कहा।   मामाजी बोले,” पर बेटा….।” द्वारिकानाथ जी ने उनके कंधे पर हाथ रखकर धीरे-से थपथपाया जैसे कह रहें हों, रहने दो…कहने से कोई … Read more

खानदान का नाम – विभा गुप्ता : moral stories in hindi

moral stories in hindi : ” मम्…मी…कहाँ हैं आप!…।इस बार मेरा ट्रांसफर आपके प्रिय शहर बरेली में हुआ है।” चहकते हुए नित्या आई और अपनी माँ के गले में बाँहें डालते हुए बोली तो कपड़ों को तह लगाते हुए रजनी के हाथ एकाएक रुक गये।    ‘ बरेली….।’ वह धीरे-से बुदबुदाई। ” हाँ मम्मी…ज़्यादा सोचिये मत … Read more

मेरी माँ है – विभा गुप्ता: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इसे हाथ लगाने की…टूट जाता तो……।” सावित्री ने ज़ोर-से चीखते हुए काँच का फूलदान दीपक के हाथ से छीन लिया।आठ वर्षीय दीपक सहम गया।नहीं कह पाया कि माँ आपके पैर से लगकर गिरने वाला था,आपको चोट लग जाती तो.., इसीलिए मैं उसे हटा रहा था…। … Read more

ताउम्र ग्लानि रही : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” साहब…आज गरीबों में कपड़े और खाना-दवाइयाँ बँटवानी है।” बहादुर ने अपने मालिक से कहा।   ” हाँ बहादुर, याद है…हाॅल में रखे सभी सामानों को तुम गाड़ी में भरो..मैं अभी आता हूँ।” कहकर अविनाश ने बीस-पचास के नोटों का बंडल अपने पर्स में रखे, गर्म शाॅल अपने कंधे पर डाली … Read more

आपका साथ चाहिए – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” आप समझते क्यों नहीं विवेक…मनु को आप चाहिये…मँहगे खिलौने या कीमती कपड़े नहीं…आप थोड़ा समय…।”     ” आखिर ये सब मैं किसके लिये कर रहा हूँ ऋचा…तुम्हारे लिये ही ना…।” ” लेकिन ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना आपकी संपत्ति।मुझे तो आपका साथ चाहिये।हमारे पास बैठकर दो बातें कीजिए…बेटे के … Read more

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