हमारे प्यार को किसी की नजर लग गई थी – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ट्रेन खुल चुकी है.. स्टेशन पर अनजान अपरिचित चेहरे खोमचे वालों की आवाजें सब धीरे धीरे दूर होते जा रहे हैं और उनमें तुम भी शामिल हो चुके हो विवेक.. प्यार का इतना दुखद अंजाम उफ्फ सोचा न था… बेटी अन्वी का हाथ जोड़ से पकड़ लेती हूं.. अन्वी को … Read more

बच्चों और परिवार के पीछे वो खुद को भूल गई – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आज बाईस साल से दबाया हुआ ज्वालामुखी अचानक फट गया.. गौरी के सब्र का बांध टूट गया.. पति मयंक और सासु मां हतप्रध रह गए, ऐसी तो कोई बड़ी बात नहीं थी.…            मितभाषी गौरी बेतहासा बोले जा रही थी.. बेटा जब टेंथ क्लास में साठ परसेंट नंबर लाया तो आपने … Read more

बहू का तिरस्कार – वीणा सिंह  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तड़ाक! की आवाज से रसोई घर गूंज उठा. अपने समान समेट और अपने बाप के घर जाने की तैयारी कर निर्लज्ज औरत! गाल सहलाती आंखों से आंसू बहाती मुन्नी सहमी सी नजरें जमीन में गड़ाए खड़ी थी! मां जी की बड़ बड़ चालू थी.. नीच खानदान से आई है तेरे … Read more

सुंदरम आंटी – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पता नही क्यों बचपन से हीं मुझे   उम्रदराज और बुजुर्ग लोगों का साथ  उनका स्नेह आशीर्वाद उनकी बातें उनके अनुभव मुझे सम्मोहित करता था! अपने दादा जी के साथ मैं घंटों बैठी बाते करती सुनती! समय पता हीं नही चलता!  ऐसी हीं थी मेरी प्यारी सी सुंदरम आंटी! प्यार … Read more

रिश्तों के बीच कई बार… – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :सावन में मायके से हर साल की तरह इस साल भी बुलावा आया तो शुभा आत्मग्लानि और शर्मिंदगी से गड़ गई.. शुभा की शादी के पांचवे सालगिरह पर उसकी ननद कनाडा से दो महीने के लिए अपने मायके आई थी.. शादी में सिर्फ तीन दिन हीं रही फिर पति को छुट्टी … Read more

इल्जाम –  वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  सबको खिला कर किचन समेट रही थी.. बच्चों का स्कूल सुबह सुबह होता है, किचन साफ रहने से लंच बनाना आसान हो जाता है.. फुरसत से थोड़ी देर टीवी पर बिग बॉस मे होने वाले झगड़े का आनंद लूंगी.. तभी डोर बेल बजी.. सामने सोना मेरी कामवाली अपनी सात साल … Read more

खून का रिश्ता – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगाती मंजुला को गुड मॉर्निंग मम्मा बोलती बहु नव्या गले से लिपट गई. मम्मा आपने नाश्ता भी लगा दिए. वाओ मूंग दाल की हींग वाली कचौड़ियां हरे धनिए की चटनी और गाजर का हलवा. अम्मा जी के लिए बेसन का चीला तवे पर डाल कर आई … Read more

बेघर माँ – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बहुत दिनों बाद आज बाजार गई! रास्ते में रोड के किनारे एक बुजुर्ग औरत फटे पुराने कपड़े डिब्बे और न जाने क्या क्या जमा कर के रखती थी! आज वो जगह खाली थी! मुझे अनहोनी जैसा कुछ आभास हुआ! बाजार में भी मन नहीं लगा! लौटते समय बगल के ठेले … Read more

पन्ना का रिश्ता – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पति की तेरहवीं पर किशोरवय बेटी का हाथ पकड़े लिपट कर रोती हुई पन्ना बेबस सी सास और ननद का ये इल्जाम मेरे बेटे को मेरे भाई को यही मनहूस खा गई.. उफ्फ लग रहा है जैसे कलेजे में खंजर घुसेड़ कर घुमा दिया हो.. आज का दिन हीं मिला … Read more

शादी करना कोई गुनाह तो नहीं – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मैं तुम तीनों भाई बहनों को कोई सफाई नही देना चाहता की मैं पैंसठ साल की उम्र में एक बेटी की मां से शादी क्यों की.. तुम लोगों की बहुत बदनामी हो रही है.. उसकी चिंता है तुम्हे..  पैंसठ साल की उम्र में शादी करना तुम लोगों की नजरों में … Read more

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