गर्व – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : कामकाजी महिला होने के नाते फूल पौधों के लिए वक्त निकालना बहुत मुश्किल हो रहा था और  ये शौक जुनून की हद तक था इसलिए दस साल से मनोहर चाचा को माली के काम के लिए रखा था… बिल्कुल परिवार के सदस्य जैसा हो गए थे..          पास के गांव में … Read more

खानदान – वीणा सिंह : short moral stories in hindi

धानी …  बड़े पापा क्रोध में जैसे दुर्वासा ऋषि बन गए थे.. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये प्रस्ताव हमारे सामने रखने की.. तुम अच्छी तरह से जानती हो हमारे #खानदान #में लड़कियों की मर्जी शादी ब्याह में नही चलती… तुम्हारी शादी का फैसला हम तीनों भाई हीं लेंगे…. अंदर जाओ नही तो मेरा हाथ उठ … Read more

तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : तनु ज्यूडिशियरी की परीक्षा पास कर ली… फोन से और घर आकर बधाई देने वालों का सिलसिला चालू हो गया था.. तनु के साथ साथ मुझे भी बधाइयां मिल रही थी.. अखबार  वाले टीवी वाले कोचिंग सेंटर वाले …बधाई देने वाले चले गए तब तनु मेरे गोद में सर रखकर … Read more

मयूरी – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मयूरपंखी यानी मेरी बहु मेरा रिपोर्ट हाथ में लिए डांस करते हुए मेरे पास आई और मुझे भी नाचने के लिए मजबूर कर दिया.. मैं पूछ रही थी बताओ  न मयूरी.. मनोज और मानस हंसे जा रहे थे.. पगली मयूरी मुझे बिठाते हुए कहा मां आप के रिपोर्ट ने … Read more

आशीर्वाद – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

एनसीआर  के बहुत पॉश इलाके के एक अपार्टमेंट से शुरू होती है ये कहानी…         अपार्टमेंट के नजदीक के एक पार्क में अक्सर सत्तर साल के बुजुर्ग मिल जाते.. ऑफिस का रास्ता पार्क से होकर हीं जाता था… हाथ जोड़कर नमस्ते करती और आगे निकल जाती..                               लगभग एक महीने से वो बुजुर्ग मुझे दिखाई नहीं दे … Read more

Categories Uncategorized

आशीर्वाद विला – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

   पापा आप इस दुनिया में नहीं हैं… पर जहां भी हैं मेरे आसूं और मेरे दिल का दर्द शायद अब आप तक पहुंच पाए.. आज पूरे पंद्रह साल बाद अपने शहर अपनी सहेली मधु के बहुत मनुहार करने पर आई हूं… मधु कामिनी सुधा रीता सरला सब मधु के यहां इकट्ठे हुए हैं… अपनी स्टूडेंट … Read more

Categories Uncategorized

शेरनी बिटिया – वीणा सिंह  : Moral Stories in Hindi

शुभी बेटा दरवाजा खोलो.. क्या बात है मुझे चिंता हो रही है. शुभी धड़ाम से दरवाजा खोल बाहर आई..गोरा चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ लाल लग रहा था.. पापा सूरज के गले से लिपटी शुभी बोलने लगी जिस इंसान ने मेरी मां के मरने पर मुझे हॉस्पिटल में लावारिस छोड़ दिया ये कहकर किसी जरूरतमंद … Read more

Categories Uncategorized

गंवार दीदीया – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : निम्न मध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार में जन्म हुआ था गंगा का.. आठ भाई बहनों में बड़ी गंगा पिता से छोटे तीन भाइयों के बच्चों से भी बड़ी थी.. इसलिए सभी छोटे भाई बहन उसे दीदीया कह के बुलाते.. उस समय के हिसाब से चौदह वर्ष की उम्र में हीं गंगा … Read more

जब मैने कोई गलती नही की तो क्यों बर्दाश्त करूं – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : पूरे दो साल बाद मयंक अपनी मां पापा के साथ मेरे घर समझौते के लिए आए हैं.. मेरे पापा मम्मी मुझे आवाज दे रहे हैं नव्या आ जाओ बेटा.. मैं सधे संतुलित कदमों से तीन साल की बेटी तन्वी को गोद में लिए कमरे में गई.. सास ससुर को संस्कार … Read more

वैदेही निकुंज – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बचपन में जब भी ननिहाल जाती वैदेही निकुंज और ठीक उसके सामने सड़क के उस पार आशुतोष निवास मेरे लिए आकर्षण का केंद्र होता…                           बड़े मामा के दोस्त थे डॉक्टर आशुतोष .. सदर अस्पताल में जेनरल फिजिशियन थे..              वैदेही निकुंज की मालकिन भी डॉक्टर हीं थी…                  दोनो घरों की डिजाईन … Read more

error: Content is protected !!