#ऐसे शब्द सुनकर गुस्से से मेरा खून खौल उठा – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

झाड़ू पोंछा करने के लिए दस दिन से लगभग साठ की रधिया काकी को पुरानी काम वाली रखकर अपने गांव गई है गेहूं की फसल कटने के बाद आएगी.. साठ साल की बुजुर्ग काकी से काम करवाने में अपराध बोध और ग्लानि महसूस हो रही थी.. पर पुरानी काम वाली ने बताया एक घर  कर … Read more

धिक्कार – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

पैंसठ साल की झुनकी फुआ की आंखों से अनवरत आंसू बह रहे थे.. भतीजे के बेटे की शादी थी… कितना मन था शादी में जाने का…. पर उम्रदराज महिलाओं और पुरुषों को ना हीं घरवाले ना हीं रिश्तेदार चाहते हैं शादी में शामिल हो!! अखबार में मोबाइल में मातृदिवस और पितृदिवस छाया हुआ है पर … Read more

मां की ममता – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

आईसीयू के बाहर बैठे मनोहर बाबू उदास और चिंतित से महादेव का स्मरण कर रहे थे आंखों से आंसुओं की बरसात हो रही थी..                         इंसान जब हर तरह से निराश हताश हो जाता है तभी अपने ईष्ट देव को याद करता है.. ये मानव स्वभाव की प्रकृति होती है.. बेटी मान्या और बेटा मयंक को … Read more

औकात – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

 आराधना! बहुत प्यारा सा नाम उतनी हीं प्यारी सी सूरत और सीरत! पर किस्मत! पिता पीडब्ल्यूडी में किरानी थे! मां मिडिल स्कूल की शिक्षिका! मां के संस्कार और आदर्श बेटी में कूट कूट के भरे थे! छोटा भाई आयुष! बेहद प्यारा बच्चा था! भाई बहन में खूब प्यार था! आराधना के रिश्ते की बात एक … Read more

मां… – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

छोटा सा शहर जो गांव की संस्कृति और आत्मा को जिंदा रखा था वहीं जन्म हुआ था शांभवी का.. दादा दादी चाचा चाची सब एक हीं घर में एक साथ रहते थे.. पिता मां भगवती के उपासक थे .. पहली संतान जब बेटी हुई तो नाम रखा शांभवी! बेहद शांत सहनशील और ठंडे स्वभाव की … Read more

समय चक्र – वीणा सिंह  : Moral stories in hindi

शीतल का मन आज बहुत व्यथित हो गया था सुबह से हीं.. पति ने बताया आशुतोष भाई नही रहे.. शीतल चालीस साल पहले बीते वक्त के आगोश मे डूब गई.. बाबूजी दो भाई थे.. बाबूजी बड़े थे और चाचा छोटे.. मेरे जन्म के बाद बहुत मन्नत और झाड़ फूंक के बाद भी मेरा कोई भाई … Read more

जीने का मकसद – वीणा कुमारी : Moral stories in hindi

बनारस स्टेशन के एक कोने में बैठ पार्वती काकी ज़ार ज़ार रोए जा रही थी कि तभी पवन की नजर उन पर पड़ी। वह पास जाकर पूछा– क्या हुआ काकी,क्यों इतना रोए जा रहे हो? कुछ खो गया का? रोते रोते ही काकी ने कहा – सब कुछ तो खो ही गया है बिटवा। जब … Read more

गुल खिलाना – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

गाड़ी में बैठकर अनूप ने सीट बेल्ट बांधा और गाड़ी हवा से बातें करने लगी.. मुझे हर हाल में तुहिना के पहले एयरपोर्ट पहुंचना होगा ड्राइवर को निर्देश दे परेशान अनूप इष्टदेव को याद करने लगा.. एयर पोर्ट शहर से बहुत दूर था, बिल्कुल एक छोर पर.. तुहिना से पहले पहुंचना होगा वरना.. जब से … Read more

खिलाफ – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

आज की मेरी कहानी की मुख्य पात्र हैं मंगला जायसवाल! अठारह साल की उम्र में जो गांव के लिहाज से ज्यादा हीं था, शादी हो गई.. थोड़ा बहुत पढ़ना लिखना सीख गई थी.. रंग रूप देने में भगवान ने पूरी उदारता दिखाई थी.. ससुराल में बूढ़े सास ससुर दो देवर एक ननद और बेहद सीधा … Read more

घुटन – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

मैं प्लस टू पास कर ली हूं मां…. आज आप अपने वादे के अनुसार अपनी जिंदगी की कहानी और सारे राज मुझे बताएंगी.  परी मेरे गले में बाहें डाल कर बोली.   अभिशप्त जिंदगी श्रापित शहर और घुटन भरा घर का माहौल…. परी के जनम के साथ हीं मैने ये वादा अपने आप से किया था, … Read more

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