टूटते रिश्ते – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

आज सुमित की शादी की दूसरी सालगिरह और बेटे की छठी दोनो है… बहुत मनुहार किया आना जरूर आशीर्वाद देने… शहर का नामी संपन्न परिवार… धन्य धान्य से भरपूर…शहर के तीन फैक्ट्रियों के मालिक…उड़ीसा में पिछले साल एक और नई फैक्ट्री लगी है… इसलिए शहर के नामी गिरामी हस्ती आमंत्रित हैं…. मेरे नजरें सुमित की … Read more

गुरुर – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

सुमी का फोन सुबह सुबह देख कर मुस्कुरा उठी.. बचपन की सहेली..सुमी ने एक सांस में हीं कह डाला जान तुझे याद है मेरी छोटी बहन सेजल.. एचडीएफसी बैंक में पीओ बनकर तुम्हारे शहर में तीन महीने पहले हीं गई है.. उसके पति दूसरे शहर में जॉब करते हैं इसलिए शनिवार और रविवार को रहते … Read more

रिश्तों की डोर टूटे ना – वीणा सिंह Moral Stories in Hindi

  जूही इंफोसिस में इंजीनियर है, देखने में सुंदर पांच फीट छः इंच लंबी छरहरी, बेहद व्यवहारिक खुशमिजाज और मधुर स्वभाव की है… पर इतना काफी नही है, उसके ससुराल वालों को संतुष्ट करने के लिए… जूही और रोहन पांच साल से एक दूसरे को जानते हैं…. एक हीं कॉलेज से इंजीनियरिंग की.…जूही बेंगलुरु में नौकरी … Read more

बुढ़ापा – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

मेडिका हॉस्पिटल के प्राईवेट केबिन में पड़ी मैं सत्तर साल की जानकी भगवान से प्रार्थना कर रही हूं मुझे अपने पास बुला ले… आंखों से आंसुओं की बरसात हो रही है… आज हीं डॉक्टर डिस्चार्ज करने के लिए बोला था पर बड़े बेटे राहुल के पास समय नहीं था और बहु अटेंडेंट के लिए जिन … Read more

दो पल के गुस्से में प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

करवटें बदलते हुए आधी रात बीत चुकी है… नींद आंखों से कोसों दूर है.. किसी को कमजोरी बनाना या आदत बनाना अच्छा नहीं होता ये आज खुशी को समझ में आ रहा था…                       मनोज कितने निष्ठुर हैं… शादी के बाद नौ महीने की ट्रेनिंग पर जाते वक्त मेरे आंसू देखकर मनोज ने मुझसे वादा किया … Read more

हमसफर- वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

ठाकुर महेंद्र प्रताप शहर की जानी मानी हस्ती. आयरन ओर का व्यापार से खूब पैसा कमाया बड़बिल (उड़ीसा का एक शहर) में! उसी पैसे से कई तरह के बिजनेस किया. बेटा ठाकुर आशुतोष प्रताप चांदी का चम्मच ले कर पैदा हुआ. आलीशान बंगला! दो जर्मन शेफर्ड उनकी देखभाल के लिए एक नौकर. एक तरफ फलदार … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

सत्यम का मन ऑफिस में भी नही लगा.. घर भी जाने की इच्छा नहीं थी खाली खाली सा ये घर !जहां नेहा और निधी की शरारतों से घर का कोना कोना चहकता रहता था.. मां बाबूजी की उदास डबडबाई आंखे उफ्फ! कैसे सामना करूं.. भगवान तू मेरी कैसी परीक्षा ले रहा है.. अर्चना तूने #ऐसा … Read more

अटूट बंधन – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

दो गोरे चिट्टे भाई  बहन के बाद उसका जन्म हुआ था.. नर्स ने जैसे हीं दादी के हाथ में नवजात बच्ची को दिया, दादी लगभग चीख पड़ी.. ये हमारे खानदान की नही हो सकती है काली कलूटी…                           समय गुजरता गया.. उसका नाम मां ने कृष्णा रखा… पड़ोसी रिश्तेदार परिचित तीनों बच्चों को साथ देखते तो … Read more

तकरार – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

निशी के दरवाजे पर लोगों की भीड़ लगी थी… कॉलेज जाते समय तो सब कुछ सामान्य था पर अभी ये भीड़ कैसी… अनहोनी की आशंका से मन कांप उठा… थोड़ा पास जाने पर पड़ोस की रमा चाची ने बताया निशी का तीन साल का बेटा सीढ़ियों से गिर कर.. निशी रिल्स बनाने में व्यस्त थी … Read more

तनाव – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

मैं मणि मध्यम वर्गीय परिवार में पली बढ़ी लड़की.. बेफिक्र बिंदास हंसती खिलखिलाती.. कब मध्यम वर्गीय परिवार की  की हीं इकलौती बहु बनकर ससुराल आ गई पता हीं नहीं चला… मां की गोद से स्कूल कॉलेज का सफर तय करते करते ससुराल की देहरी पर सपनों के साथ कदम रख दिया… जैसे वक्त पंख लगा … Read more

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