खानदान (भाग 1)- उमा वर्मा  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालती चुप चाप सोफे पर चिंता में बैठी है ।बेटा – बहू कल आ रहा है अपने बेटे के पास ।उसे तो खुश होना चाहिए था लेकिन वह बहुत परेशान है।दो महीने से मालती अपने पोते के पास है ।पूना में ।बेटा बहू पटना में रहते थे ।वहां पति का … Read more

आत्मग्लानि – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : -कैंसर की पीड़ा भोग रही रेणुका चौथे स्टेज पर पहुंच गयी है ।डाक्टर ने जवाब दे दिया है ।बेड पर पड़ी पड़ी उब गई है वह ।कहने को अब कुछ भी नहीं बचा है ।सोचते हुए अतीत में पहुंच गयी है रेणुका ।माता पिता की दुलारी तो बहुत थी वह … Read more

गंवार – उमा वर्मा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह सुबह दीदी का फोन आया ” रानू नहीं रही ” मै कुछ पूछती तभी फोन कट गया था ।ठीक है कुछ काम में लगी होगी, बाद में पूछ लूंगी ।यह सोच मन को तसल्ली दिया ।लेकिन मन कहाँ मानने वाला था ।फिर से फोन लगाया तो दीदी ने ही बताया … Read more

संस्कारहीन – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : भैया का फोन आया है, राधा काकी नहीं रही ” यह कब और कैसे हुआ ” मेरे लगातार सवाल से भैया भी हड़बड़ा गये।” अरे कुछ नहीं, बीमार तो थी ही बहुत दिनों से ।एक रात सोयी तो उठी ही नहीं ” मन में मैंने सोचा, ठीक ही हुआ ।जाना … Read more

ममता – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” मेरा नाम शुभ है ।पता नही क्यों आज मेरा मन बहुत बेचैन हो रहा है ।मम्मी, पापा बहुत याद आ रहे हैं ।वैसे ही बैठे बैठे फोन देख रहा था कि मेरी नजर ” बेटियां ” शीर्षक पर पड़ी ।ममता शीर्षक पर कहानी लिखने की मांग की गई थी … Read more

जलील – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : घर में आज खूब चहल-पहल है ।सौम्या की शादी हो रही है ।आज ही बारात आने वाली है ।घर रिश्ते दारो से भरा हुआ है ।सुना है वर भी हैंडसम और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके जाॅब कर रहा है ।अच्छी कम्पनी में है ।वर के पिता जी भी इन्जीनियर हैं … Read more

कैसा ये रिश्ता? – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राधा काकी मेरे पिता जी की रिश्ते की भाभी लगती थी ।हम लोग उन्हे काकी ही कहते थे।बहुत अच्छी, नेक और शालीन स्त्री थी वह ।मै शायद नौ साल की थी तभी उनका ब्याह राघव काका से हो गया था ।दुबली पतली, गोरी चिट्टी सी काकी बहुत प्यारी लगी थी … Read more

सुलझते रिश्ते – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दोपहर के बारह बज रहे हैं, पर अभी तक पता नहीं है—जेठानी जी का ।इनहें तो बस,बाहर जाने का बहाना मिलना चाहिए ।लगता है आज रसोई मुझे ही संभालनी पड़ेगी ।मेरे लिए तो मुसीबत खड़ी हो गई है ।थोड़ी देर और इन्तजार कर लेती हूँ ‘ बड़बड़ाती हुई नीतिका लेट … Read more

न्याय – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अनमनी सी मै घर के काम निपटा ही रही थी कि बेल बजी।काम वाली बसंती कयी दिन से नहीं आ रही थी तो मन बहुत खिन्न था।इनको जितना सुविधा दो यह अपने तरीके से बाज नहीं आने वाली।यही सोचती द्वार खोला तो बसंती हांफती हुई खड़ी थी ।पुरे दस दिन … Read more

अम्मा की तेरहवीं – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : आज अम्मा की तेरहवीं है ।कुछ बाकी रीति रिवाज निभाने हैं मुझे ।फिर सब कुछ खत्म हो जायेगा ।मै उनका इकलौता बेटा हूँ ।मेरे सिवा  और कौन समझ सकता है उन्हे ।जब से होश संभाला है घर में तिरस्कार ही सहते देखा है ।मै छोटा सा था शायद सात या … Read more

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