किचन क्वीन – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

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 उनकी पोती के जन्मदिन की पार्टी खूब जोरों-शोरों से चल रही थी. कोविड की एहतियात के मद्देनजर उनकी बहू ने अपने पाँच-छः पारिवारिक मित्रों के साथ एक छोटी सी पार्टी का ही आयोजन किया था. अपनी-अपनी पसंद के अनुसार प्लेटों में स्नैक्स लेकर सभी मित्र यहाँ-वहाँ गपशप में मशगूल थे. पुरुष वर्ग अपनी राजनीतिक तथा … Read more

नींव – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

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    रोहन ने अत्यन्त तीव्रता पूर्वक बड़े उल्लसित मन से अपने घर‌ में प्रवेश किया और इधर-उधर नजरें घुमाते हुए अपने दादाजी को बरामदे में बैठा न पाकर वह तुरंत लगभग दौड़ता हुआ सा उनके कमरे में जा पहुंचा। दरअसल बरामदे में आ चुकी हल्की-हल्की धूप के कारण इस वक्त दादाजी अपने कमरे में ही समाचार … Read more

अम्मा जी – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

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  अम्मा जी रुआंसे मन से कार में बैठीं। उनके सीट पर बैठते ही उनकी बेटी भी कार में उनके संग बैठ गई। उसने अम्मा जी की लातों पर कंबल ओढ़ाया और उनके सिर का स्कार्फ माथे की ओर आगे करते हुए पुनः एक बार उनका शॉल ठीक किया, लेकिन इस दौरान अम्माजी का सारा ध्यान … Read more

पढ़ी-लिखी बहू – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

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‘अरे कहने को तो बहू पढ़ी-लिखी है, परंतु कितनी बार समझाया इसको कि ये तीखे-तेज मसाले मेरा पेट खराब कर देते हैं। छाती में जलन होने लगती है। जीभ जल जाती है, सो अलग। सुलगती-जलती जीभ से खाने के स्वाद का ही पता नहीं चल पाता’ खाना शुरु करते ही  मनोहर बाबू भुनभुनाने लगे थे। … Read more

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