मजबूरी – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 48

आजकल मिसिज गुप्ता के घर में खूब रौनक लगी है। अमेरिका से उनके बेटा- बहू और बेटी- दामाद बच्चों संग छुट्टियां मनाने उनके पास आए हुए हैं। सन्नाटा लीलकर उनका घर बोलने लगा है। चारों ओर चहल-पहल मची हुई है।   समय को जैसे पंख लग गए हैं। कभी खरीददारी, कभी पिक्चर, कभी पिकनिक, कभी परिजनों … Read more

बचुआ! इक छोटा-सा ‘मुबैल’ हमें भी दिला दो.. – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 86

 आज शनिवार है। पूरे एक हफ्ते बाद दादी पहले वाली दादी बन गई हैं। इतनी कड़कती ठंड में भी , पापा के मना करने के बावजूद, उन्होंने सुबह-सुबह अपना बिस्तर छोड़ दिया और नहा-धोकर, हाथ में माला लेकर वे पुनः अपने बिस्तर में विराजमान हो गईं और अपनी चिर-परिचित ऊंची आवाज में बहू को इतनी … Read more

हैसियत ! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

अंजना देख रही थी कि रागिनी और रमन के पांव आज जमीन पर नहीं पड़ रहे । उनके बच्चे भी खुशी से  इठलाते हुए घर-भर में घूमते फिर रहे थे। खुशी होती भी क्यों न उन्हें ? ‘किराएदार’ शब्द में छिपी सामाजिक अवहेलना तथा उसके कटु अनुभवों को झेलते हुए आज एक लंबे समय के … Read more

सुनो, सुन रहे हो न तुम ….? – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

    सुनो ! सुन रहे हो न तुम ?  तुमसे ही कह रही हूं। मेरे अंदर का अनकहा दर्द अब सैलाब बनकर शब्दों के रूप में अनवरत बहने लगा है ।  मैंने​ तुम्हें बहुत रोका , लेकिन तुम नहीं रुके ! मानो दौड़ते रहना ही तुम्हारी नियति थी। वैसे एक सच कहूं ?  यदि तुम चाहते … Read more

उफान – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 11

   ‘अरे ! राधा! ध्यान कहां है तुम्हारा ?  कितनी लापरवाही से काम करती हो आजकल ? आज फिर तुम से सारा दूध उबलकर भगोने से बाहर आ गया ? तुमसे कितनी बार कहा है कि तुम्हें चार बर्नर पर एक साथ काम करने का कौशल नहीं है,क्योंकि अपने घर में तुम्हें इस प्रकार काम करने … Read more

मौन सामंजस्य – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 34

 आज भी शाम की सैर के समय मेरा ध्यान अपनी सैर में कम और उस वरिष्ठ दंपति की धीमी गति से चल रही सैर की ओर ही अधिक था। उन पति महोदय के एक पैर में संभवतः कुछ तकलीफ थी क्योंकि वे अपने दूसरे पैर पर तनिक अधिक दबाव बनाते हुए अत्यंत धीमी गति से … Read more

नेलपॉलिश बनाम लिपस्टिक – उमा महाजन  : Moral Stories in Hindi

New Project 43

  रमा जी ने किचन का सारा काम समेटा और बैड रूम में आईं। बिस्तर पर बैठकर जैसे ही उन्होंने अपनी रजाई खोली कि उनके दाहिने हाथ की एक उंगली के नाखून में रजाई के गरम गिलाफ का एक हिस्सा फँस गया। मुँह से ‘उफ्फ़’ की आवाज निकालते हुए उन्होंने बड़ी सावधानी से उसे निकालकर अपने … Read more

आयु स्वयं बोलती है.. – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 47

 आज बिना किसी भूमिका के,अपना एक नया अनुभव अपने पाठकों के साथ साझा करने जा रही हूँ, जिसने जीवन की वास्तविकता से मेरा प्रत्यक्ष साक्षात्कार करवा दिया।    हुआ यूं कि शीत ऋतु की प्रचंड सर्दी के कारण एक लंबे अंतराल के पश्चात,कल हम घर की  आवश्यक वस्तुएँ लेने के लिए घर से कुछ ही दूरी … Read more

दूसरी भूल – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104516.742

       ‘पापा! यह देखो आपके लाड़ले को आज स्कूल में ‘बैस्ट स्टूडेंट् आफ द ईयर’ का इनाम मिला है’ अनामिका ने चहकते हुए अपने पुत्र के साथ घर में प्रवेश किया था ।          “जाओ समीर ! नानू को अपना इनाम दिखाओ और उनके पांव छू कर उनसे आशीर्वाद लो।” मि. शर्मा ने समीर को गले से … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

New Project 37

‘मैं कोई अनपढ़, गंवार और पिछड़ी पृष्ठभूमि से आने वाली तुम्हारी मोहताज नहीं हूँ कि तुम मुझे किसी के भी सामने डांट-फटकार लगा दो।  तुम्हारा हमेशा ही यही रवैया रहता है। मैं एक पढ़ी-लिखी मॉडर्न पत्नी हूँ, आत्मनिर्भर हूं, सामने वाले का व्यवहार और उचित-अनुचित का अंतर खूब समझती हूँ। इस प्रकार बार-बार‌ मुझे सबके … Read more

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