रास्ते बदल गए – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

कई दशक पहले की बात है जब आज की तरह नौकरी को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। घर में बाग- बगीचा, खेती, कुआं, ट्यूबवेल,ट्रैक्टर जीप गाड़ी….इन सब से अमीरी  की पहचान होती थी। जयचंद्र एक पूंजीपति व्यक्ति थे।  उनकी लगभग 150 बीघा जमीन थी। कई बड़े-बड़े बाग, तालाब, बहुत बड़ी कोठी, घर में नौकर … Read more

यह रिश्ता मुझे मंजूर है। – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

उफ्फ!! दिनभर घर-घर काम करने के बाद गीतांजलि बहुत थक गई थी। घर आते ही उसका छोटा भाई दीपक दीदी! दीदी! करके लिपट गया। दीदी आज क्या लायी हो..??  गीतांजलि ने थैला से कुछ सामान निकाला और भाई को दे दिया। भाई बहुत चाव से खाने लगा। गीतांजलि जहां काम करती थी वहां की महिलाएं … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए….. – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुरभि बारहवीं पास करने के बाद अपनी मांँ से बोली…. मांँ मुझे अब आगे नहीं पढ़ना, मुझे नौकरी करनी है। घर वालों ने बहुत समझाया कि वह अभी पढ़ाई कर ले नौकरी करने के लिए सारे जीवन पड़ा हुआ है।  सुरभि के दिमाग में नौकरी ही नौकरी चल रही थी। घर वालों के समझाने का … Read more

बड़ी बहू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

निकिता..! तुम्हारे जेठ सलिल विवाह क्यों नहीं करना चाहते  हैं..?? अच्छी खासी उम्र है फिर भी कुंवारे बैठे हैं!! मेरे परिवार में एक लड़की है तुम कहो तो मैं बात चलाऊं?एक बार तुम अपने सास ससुर से बात करके देखो! सलिल मान जाते हैं तो मुझे बताना, चाची बोली। सच में..! सलिल भैया देखने में … Read more

छोटी माँ – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

राजीव जी राजकीय कॉलेज में प्रिंसिपल थे उनकी फिटनेस, हंसमुख स्वभाव एवं बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व था। उनकी प्रतिभा चारों ओर फैली हुई थी। वह अपने कार्य क्षेत्र में सख्त और अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे।  उनकी पत्नी सुवर्णा कदम- कदम पर उनका साथ देती, जिस कारण राजीव जी अपने काम को बेहतर अंजाम देते हुए … Read more

पैसे का गुरुर – सुनीता मुखर्जी श्रुति : Moral Stories in Hindi

भाभी यह देखो! कांचीपुरम साड़ी….पन्द्रह हजार की ली है। दूसरी साड़ी दिखाते हुए .. यह वाली साड़ी दस हजार की है। इस तरह अपनी साड़ियों की नुमाइश करते हुए दीप्ति अपने मायके में मां और भाभी को अपनी साड़ियां दिखा रही थी। भाभी हाथ लगा कर देखो, इतनी महंगी साड़ियां तुमने कभी देखी नहीं होंगी। … Read more

अनकहा दर्द – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”: Moral Stories in Hindi

अम्मा! ओ अम्मा! दरवाजा खोलो!….खोलो न अम्मा!  बस तुम्हें एक नजर देखना चाहती हूं!!! सुरभि घर का गेट पकड़ कर लगातार बोलकर रोये जा रही थी। शायद वह भूल गई कि गेट में एक मोटा सा ताला लगा हुआ है।  संजय जी एवं सुकन्या के तीन बेटे एवं एक बेटी थी। तीन बेटों के बाद … Read more

सपना मैम – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

उठो बेटा! जल्दी उठो! सुबह के साढ़े चार बज गए हैं। सपना दोनों बच्चों को सुबह-सुबह जगा रही थी…. यह सपना के दिन की शुरुआत का पहला महत्वपूर्ण पड़ाव होता था। सुबह बच्चों को उठाकर पढ़ने बैठाना बहुत ही टेढ़ी खीर होती, क्योंकि बच्चे तो बच्चे ही हैं!! जल्दी उठना ही नहीं चाहते। लेकिन मम्मी … Read more

सारिका – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सारिका अपनी कक्षा के सबसे होनहार छात्रा थी। पढ़ाई, खेल कूद,वाद विवाद प्रतियोगिता एवं स्कूल की जो भी गतिविधियां होती थी…. सारिका उन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती और हमेशा अव्वल स्थान प्राप्त करती थी‌। वह अध्यापकों एवं प्रिंसिपल की बहुत प्रिय छात्रा थी, लेकिन शरारती भी बहुत थी। क्लास में हर टीचर की मिमिक्री करती… … Read more

बड़ा दिल – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सागरिका का मुस्कुराता हुआ चेहरा और बोलती हुई आंखें!! चाहे जितनी गंभीर क्यों न हो….? लेकिन ऐसा लगता कि जैसे मुस्कुरा रही हो। छोटी सी छोटी बात पर बहुत जोर से ठहाका लगाती …। उसके हंसने से मानो आसपास की चीजें भी हंसने लगती। एक तो बला की खूबसूरत ऊपर से हंसमुख चेहरा… सोने पर … Read more

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