सास बिना ससुराल – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 55

नीलम एक सुंदर,प्यारी सी लडकी थी | पिता श्यामसुंदर एक बिजनेस मैन थे और माँ एक कुशल गृहणी | दो बडे भाईयों की इकलौती छोटी बहन थी वह | दोनों भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी |  ग्रेजुएशन पूरा करते ही उसके पिता उसकी शादी की चर्चा करने लगे | नीरज एक स्मार्ट, पढा-लिखा … Read more

घडियाली आंसू बहाना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 55

लता के पति की मृत्यु करीब बारह साल पहले हो चुकी थी | उसकी दो बेटियां थी | जब उसके पति की मृत्यु हुई थी तब उसकी बड़ी बेटी रमा तेरह साल और छोटी बेटी जया दस साल की थी | उसके पति एक कंपनी में काम करते थे | पति की मृत्यु पर परिवार … Read more

अभागन तू नहीं मैं हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 67 1

रश्मि अपने पति शिवम के साथ गाड़ी से अपने मायके जा रही थी | गाड़ी तेजी से आगे जा रही थी और रश्मि का मन उतनी ही तेजी से पीछे भाग रहा था | उसे अपने बीते दिनों की बातें याद आ रही थी |                   शिवम … Read more

सपना का पश्चाताप – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 57

  सपना का रो रो कर बुरा हाल था | वह अस्पताल में बैठी भगवान् को याद कर रही थी | उसके पति  की गाड़ी को आफिस से घर आते हुए एक दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दिया था और वे धायल हो गये थे | कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया था और उनके … Read more

सच्चा हमसफर- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 68

शिवम  एक सताईस वर्षीय लंबा ,स्मार्ट, हैंडसम नौजवान था | वह शिक्षा और संस्कार में भी बहुत अच्छा था | उसने बहुत मेहनत से अपनी पढ़ाई की थी और अब वह एक अच्छी कंपनी में बहुत अच्छे पद पर कार्यरत था | एक अच्छी कंपनी में वह इंजीनियर था | उसकी शादी के लिए बहुत … Read more

बहू का अनर्थ- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 42

” अरी ओ बहू, ये  क्या अनर्थ कर दिया तुमने |” सास शोभा जोर से  चिल्लाकर बोली  |       ” क्या हुआ मम्मी? क्या किया मैनें |” बहू  नीता पास आते हुए हडबडाकर बोली |        ” ये मैंने तुम्हें पूजा के लिए प्रसाद बनाने को कहा था |  प्रसाद बनाकर  पूजा के लिए रखना था ना … Read more

छोटा मुॅंह बड़ी बात – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

New Project 56

शाम का समय था | दिप्ती अपने लिए चाय बनाने जा रही थी, तभी उसे सब्जी वाले की आवाज सुनाई दी ” सब्जी ले लो, सब्जी ले लो “| दिप्ती तुरंत बाहर आई | सब्जी वाला अपना सब्जी का ठेला लेकर अक्सर आता था | उसकी सब्जियां ताजी होती थी और वह दाम भी ठीक … Read more

पुष्पा का तनाव – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

New Project 91

 छह महीने से शुभम घर नहीं आया था | माँ पुष्पा देवी बहुत तनाव में  थी | शुभम उनकी इकलौती संतान था | बहुत ही होनहार, आज्ञाकारी और संस्कारी था | पढाई में तेज होने के साथ-साथ संस्कार और व्यवहार में भी अच्छा था | सभी के साथ उचित व्यवहार करता था | अपनी पढाई … Read more

धिक्कार है धिक्कार – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

रात के दो बजकर दस मिनट हो चुके   थे |प्रियंका स्टेशन के प्लेटफार्म  पर शाल ओढ़े चुपचाप बैठी थी | उसे समझ नहीं आ रहा था,  वह क्या करे? रात दो बजे वाली ट्रेन आकर आगे जा चुकी थी और उसका मन तेजी से पीछे की ओर भाग रहा था |       … Read more

दायित्व अपना-अपना – सुभद्रा प्रसाद: Moral stories in hindi

New Project 63

आदित्य ने आफिस से आकर अपना बैग टेबल पर रखा तो उसकी निगाह फिर उस लिफाफे पर पड़ गई, जो उसे परसों मिला था  | यह लिफाफा उसके पिता ने उसे भेजा था और आदित्य ने उसे बिना खोले ही रख दिया था | वही, पिताजी ने उसे भारत आने के लिए लिखा होगा ,उसने … Read more

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