नई सोच नए नियम : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बारात दरवाज़े पर पहुँच चुकी थी । सब वर पक्ष का स्वागत करने में लगे हुए थे । दूल्हे को स्टेज पर बैठाने के बाद दुल्हन की बहन और सखियाँ मैथिली को लेने के लिए कमरें में दाखिल होती है । लेकिन कमरें में मैथिली को ना पाकर एक दूसरे … Read more

पल दो पल का साथ – स्नेह ज्योति: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शंभु भागत हुआ अंदर आया , मैम जल्दी चले ! इस सीजन की पहली बर्फ गिर रही है । तभी शंभु ने मुझे झकझोरा मैम उठो और मैं धड़ाम से नीचे गिर पड़ी । ये देख शंभु घबरा गया क्योंकि वो नया नया ही आया था । उसे मेरे बारे … Read more

प्यार का मौसम (भाग 5)- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

तभी प्रशांत अपने पापा के साथ आया और हम लोगों ने खूब बाते करी ।वीर ने उन्हें पहले ही बता दिया कि वो उनकी तरह अमीर नही हैं ,पर अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकता हैं । मिस्टर वर्मा ने कहा -“मैं ये सब बातें नही मानता….मैं तो बस अपने बेटे की ख़ुशी … Read more

प्यार का मौसम (भाग 4 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

नूरी ने कहा -माँ जी मैं आपसे कुछ नहीं छिपाना चाहती । मैं विजय से प्यार करती हूँ हम दोनो एक साथ काम करते है ,और शादी करना चाहते है । लेकिन बेला मेरी ज़िम्मेदारी है ! जब तक मैं इसे सुरक्षित रुखसत नहीं कर देती , तब तक मैं भी शादी नहीं करूँगी । … Read more

प्यार का मौसम (भाग 3 )- स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

माफ़ करना मुझे आने में थोड़ी देरी हो गयी ! कोई बात नहीं …….मैम सर आप बस इसे कभी कभार आकर थोड़ा पढ़ा दिया करे ताकि इसका मनोबल बना रहे । आपका बहुत आभार होगा । मै इसकी पढ़ाई की वजह से चिंतित रहती हूँ । वीर उसकी निःशब्द आँखो को ना कह ही नही … Read more

प्यार का मौसम (भाग 1 )– स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

सोचो के झीलों का शहर हो उसमें अपना एक घर हो ..ये सुनने में जितना अच्छा लगता है। हक़ीक़त में झीलों का शहर सब उथल पुथल कर देता है । ये कहानी भी ऐसे ही झीलों के शहर की है ,जिसमें सब तैर कर पार जाना चाहते है ।वीर और आरोही दो नाम ,दो जान … Read more

रंग बदलती ज़िंदगी – स्नेह ज्योति: Moral Stories in Hindi

रूपा और पलक दोनों अच्छी दोस्त थी । जो भी कुछ करती एक दूसरे को बता के करती थी । कॉलेज में रूपा को एक लड़का पसंद था और पलक को भी इस बारे में सब पता था । लेकिन वो हमेशा रूपा को कहती थी , कि ऐसे रोज़ रोज़ मिलना ठीक नहीं है … Read more

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बर्दाश्त की हद : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रोज़ की तरह मैं बस स्टॉप पे खड़ा बस का इंतज़ार कर रहा था । लाईन इतनी लम्बी थी लग रहा था कि आज भी ऑफ़िस जाने में देरी हो जाएगी । तभी थोड़ी देर में बस आयी और अंदर जाने के लिए सब एक दूसरे को धक्का देने लगे … Read more

जो जीता वही सिकंदर – स्नेह ज्योति : Moral Stories in Hindi

भवानी प्रसाद जी ने अपने दोस्त से बहुत मिन्नत समाजत की , तब जाकर उसने बहुत जुगाड़ से किंशुक की नौकरी का इंतज़ाम किया । भवानी प्रसाद जी ने किंशुक को कहा कि तुम्हें कल एक ऑफ़िस में साक्षात्कार के लिए जाना है । बस तुम्हें वहाँ जाकर उनसें मिलना है और नौकरी मिल जाएगी … Read more

वक्त गुजर जाने पर शर्मिंदगी ही हाथ लगती है – स्नेह ज्योति  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : एक दिन माँ को आने में देरी हो गई थी । मैं उनका बाहर खड़े होकर इंतज़ार कर रहा था , कि अचानक से एक तेज रोशनी मेरी आँखो में लगी । अंधेरे को चीरते हुए जब रोशनी दिखी तो मेरी नज़र कार से बाहर आते हुए पैर पर पड़ी … Read more

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