कुंडली – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi
पांच साल के बाद गीता आंटी को देखा था,करुणा ने।इस शहर में,इस अस्पताल में क्या कर रहीं हैं आंटी?वही हैं ना!क्या मैं गलती कर रही हूं?अपनी आंखों से चश्मा उतारकर साफ किया करुणा ने,दुबारा देखा। नहीं-नहीं,ये गीता आंटी ही हैं।दौड़कर मिलने जाना चाहा,पर कदम रोक लिए उसने।उन्हें दिया वचन कैसे तोड़ सकती थी वह?पलट कर … Read more