मर्यादा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 88

अंजु की अभी नई-नई शादी हुई थी। वह अभी परिवार के लोगों को जानने समझने की कोशिश कर रही थी। सभी रिश्ते के देवर ननद उससे हंसी ठिठोली  करते और खुश  हो रहे थे। वह भी हम उम्र के साथ घुल मिल खुश हो रही थी। किन्तु उसने अनुभव किया कि दो जोडी आंखें उसी … Read more

समस्या का समाधान – शिव कुमारी शुक्ला   : Moral Stories in Hindi

New Project 45

नुपुर और दीपेश दोनों ही साफ्टवेयर इंजिनियर थे और दोनों अलग-अलग कम्पनी में कार्यरत थे। किसी कामन मित्र के घर पार्टी में दोनों का परिचय हुआ ।धीरे -धीरे बारबार मिलने पर उनकी दोस्ती गहरी हो गई। दोनों ही एक दूसरे के व्यक्तित्व से प्रभावित हुए और कब उनके दिल के तार जुड़ गए उन्हें भी … Read more

खूबसूरत धोखा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 77

राजा एक सात वर्षीय  बच्चा अपने पिता से स्मार्टफोन की  फरमाइश कर रहा है। पापा मुझे स्मार्टफोन ही चाहिये। पर बेटा तुम अभी बहुत छोटे हो ऐसा फोन लेकर  क्या करोगे। तुम्हे बात ही करनी है तो अभी जो फोन तुम्हारे पास है वही ठीक है। नहीं पापा मुझे स्मार्ट फोन ही चाहिए उसमें  बहुत … Read more

NRI दामाद – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 87

न जाने किस घडी में मेरे मम्मी-पापा ने एक  एन आर आइ दामाद क सपना देखा था। असल में हुआ  ऐसा कि मेरी मौसी की लड़की की शादी NRI से हुई और वह अमेरीका में रहकर अपने पति के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही थी। तभी मेरी मम्मी ने भी सोच लिया कि वे … Read more

शहीद बेटे की मां – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 97

जैसे ही तेजाराम का  पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुँचा तो पूरा  गांव उमड़  पड़ा अपने लाडले  बेटे के अन्तिम दर्शन करने हेतु ।मां तो जैसे पत्थर  की मूर्ति बन गई। न रोना न कोई प्रतिक्रिया देना  जैसे बैठी थी बैठी रह गई  । पत्नी देखते ही  चीख मार कर बेहोश हो गई। अभी उन्होंने साथ … Read more

काव्या – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 55

कव्या अपने पापा के गले लगकर रोये जा रही थी। पापा  मैं बहुत बुरी हूं। मैंने आपकी बात नहीं मानी। पापा मैं उसकी बातों से ऐसी सम्मोहित हो गई थी कि किसी की बात सही नहीं लगती थी। केवल वही सही लगता था उसकी बात अच्छी लगती थी। तभी हो अपने मुंह पर कालिख पोत … Read more

कान का कच्चा – शिव कुमारी शुक्ला   : Moral Stories in Hindi

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अजय तुमने सोच भी कैसे लिया कि मैं ऐसा गलत काम कर सकती हूं। दस साल  हो गये हमारी  शादी को तुम मुझे इतना भी नहीं समझ पाये कि मैं किस तरह की सोच रखती हूं। इन दस सालों में तुम मुझे इतना ही परख पाये। मेरे बारे में तुम्हारी कितनी घिनौनी राय है। तुम्हें … Read more

पूर्वाग्रह – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 37

आज राखी का त्यौहार था। हंसी खुशी दोनों बहनों ने भाई-भाभी के राखी बांधी। और भाभी निशि  ने पैर छुते हुए गिफ्ट के पैकेट पकड़ा दिए।फिर  बोली दीदी खोल कर तो देखो।   दोनों बहनों ने पैकेट खोला। यह क्या सोच रहीं थीं कि साडी के नाम पर कलंक ऐसी साडी थी किन्तु प्रत्यक्ष बोलीं निशि … Read more

मायके की मेहमान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 86

निमिषा बहुत ही सुन्दर हँसमुख एवं खिलंदड़ स्वभाव की थी। वह अपने में ही मस्त रहती एवं किसी भी काम की चिन्ता नहीं पालती। जब उसे करना होता  तभी करती। हमेशा हँसती मुस्कराती रहती और  दूसरों को भी हँसाती रहती। अपने दोस्तों की बीच वह सबकी चहेती  थी। सबको हंसाती, बातें करने में कोई उसका … Read more

सवंरते रिश्ते – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 41

राघव एवं माधव दोनों पेशे से इंजिनियर थे और एक साथ ही एक ही कम्पनी में ज्वाइन  किया था। स्वाभाविक था कि दोनों में मित्रता  हो गई।दोनों ही पहली कम्पनी से जाॅव बदल कर  आये थे ।इस समय वे अकेले थे सो साथ ही रह  लिए।  बाद में राघव ने एक बडा फ्लैट लिया कारण … Read more

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