निर्णय – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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तनिशा  हाथ में राखी लिए पारिवारिक फोटो के सामने उदास बैठी आंखों  में आंसू लिए सोच रही थी कि आज राखी है और न तो दोनों बहनों ने न भाई ने और तो और मम्मी ने भी मुझे याद नहीं किया। सुबह से शाम हो गई किसी  का एक फोन भी नहीं आया।सब इकट्ठे हो … Read more

भाग्यविधाता – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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हरिनारायण मीना एक सम्पन्न किसान परिवार से थे। खेती बाड़ी, जानवर, सब तरह से  सुखी थे एवं व्यावहारिक प्रवृती के थे। इसीके चलते गाँव वालों ने उन्हें बिधायक  का चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया । पहले  वे ग्राम प्रधान बने फिर विधायक के चुनाव के लिए खडे हुए और भारी मतों से विजयी हुए। … Read more

सास बहू का सुखद मिलन – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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किरण अभी ग्रेएज्यूशन के अन्तिम वर्ष की छात्रा थी हँसी-खुशी मौज मस्ती में दिन गुजर रहे थे। मम्मी-पापा की स्नेहिल छत्र छाया ये दोंनों बहन भाई पल रहे थे। पढना लिखना आपस में नोंक-झोंक  घूमना-फिरना सिवा पढ़ाई के और  किसी काम की कोई चिन्ता नहीं थी। अब उसके मम्मी-पापा ने उसकी शादी की तैयारी शुरु … Read more

बेटीयों का हक – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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मानसी की शादी मम्मी-पापा ने खूब ठोंक बजा कर अच्छा परिवार, अच्छा लड़का कम्पनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत। देखने में सुन्दर, सुशील, आकर्षक व्यक्तित्व  का धनी, विनम्र और क्या चाहिये एक इंसान में। शादी से पहले सास ससुर, ननद की बोली से भी शहद टपकता था अब किसी के मन में क्या चल … Read more

यादों का कारवां – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

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घूम फिर कर  देखा जग सारा, अपना घर सबसे प्यारा सबसे न्यारा  यह कहावत सौ प्रतिशत सही है कहीं भी रह आओ पर जो सकून, शांति और सन्तुष्टि अपने घर में मिलती है कहीं नहीं। चाहे फाइव स्टार होटल में रुक लो सारी  सुविधाएं होने के बावजूद दो-तीन दिन में ही लगने लगता है कि … Read more

अपराध बोध – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

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भरोसी एवं मीना सेठ भगवान दास के यहाँ कार्य  करते थे । भरोसी पौधों  एवं लान की देखभाल करता मीना घरेलु कार्य करती। उनके दो बच्चे थे  गीता एवं आकाश। गीता तो बड़ी थी करीब  दस साल की सो मां के साथ काम करवाती किन्तु आकाश छोटा था करीब सात साल का सो बैठे-बैठे सबको … Read more

मन की अशांति – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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माया जी शहर के अशांती भरे माहौल को छोड कर वापस अपने कस्बे जा रही थीं ।शहर की अशांति से तो निकल गई। किन्तु मन की अशांति से कैसे निकले। जो रह-रहकर मन में हूक मार रही थी। बेटे की बातों  ने हृदय छलनी कर दिया। यदि आज  बहू यह सब कहती तो शायद इतना … Read more

ऐसी भी सास होती है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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झूले  पर बेठे नीता जी एवं सोमेश जी ऐसे ही फुर्सत के क्षण व्यतीत कर रहे थे। तभी   नीता जी बोली भगवान ने मेरी एक न सुनी  क्या हो जाता यदि दो बेटों में से एक को बेटी बनाकर  भेज देते। कम से कम मुझे समझने वाला कोई तो होता घर में। एक बेटी … Read more

महिला कभी रिटायर नहीं होती – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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प्रशांत जी का ‘अगले माह रिटायरमेंट था सो एक छुट्टी बाले दिन वे सुबह चाय पी रहे थे तो पत्नी माधवी से बोले सुनो माधवी अगले माह मैं रिटायर हो जाऊंगा सो मैंने एक अपना रुटीन प्लान सोचा है कि कैसे  अपनी  दिनचर्या बनाऊंगा ।अब ऑफिस जाने का तो कोई ताम -झाम रहेगा नहीं सो … Read more

पद का नशा – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

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संजय शुक्ला रिटायर्ड IAS जो  सचिव के पद से रिटायर हुए एक  काॅलोनी  में अपने  निजी बनाये मकान में एक वर्ष पूर्व ही शिफ्ट हुए थे। रिटायर होने के बाद भी उनका रुतबा अभी वही बना हुआ था। वे अडोस – पडोस में न किसी से बात करते न घुलने मिलने का प्रयास। यदि कोई … Read more

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