तुम मेरे साथ ऐसा बर्ताव करोगे, कभी सपने में भी नहीं सोचा था। – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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मधु ऐसे मत रो , देखो पहले ही तुम्हारी तबियत ख़राब है और उस पर से अगर तुम ऐसे रोई तो तबियत और बिगड़ जाएगी।  अपनी पत्नी मधु को समझाते हुए अशोक ने उसे चुप करने की कोशिश की लेकिन मधु आज जबसे हॉस्पिटल से आई वो लगातार रोये जा रही थी।  आज उसके चेकअप … Read more

ख़ुद को श्रेय क्यों न दूँ ??? – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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सपना एक गरीबी घर की लड़की थी , उसका बचपन बहुत ही अभाव में गुज़रा लेकिन उसे अपने घर की गरीबी से कोई शिकवा शिकायत नहीं थी।  सपना पढ़ने में होशियार थी।  उसके पिता रमेश जी ने एक सरकारी स्कूल में उसका दाखिला कराया हुआ था , इसी सरकारी स्कूल से सपना ने 12वीं का … Read more

कठपुतली – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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आख़िर क्यों कोई मुझे नहीं समझता , क्या मैं इस घर के लिए सिर्फ कमाई का एक साधन मात्र हूँ ??? क्या मेरे अपनी कोई इच्छा कोई चाहत नहीं है ??? यहां हर कोई मुझसे ही क्यों हर तरह की उम्मीद लगाए बैठा है ??? अपनी कुछ ज़िम्मेदारी ये सब ख़ुद क्यों नहीं उठा सकते … Read more

दिन में तारे दिखाई देना. – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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दिन में तारे दिखाई देना” मुहावरा संजना पर सही बैठता है , संजना जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हैं , और बहुत सुन्दर है।  संजना को बचपन से अपने गोरे रंग, ऊँचे क़द , लम्बे घने काले बाल और गहरी झील सी आँखों पर नाज़ रहा है।  संजना की खूबसूरती देखते ही बनती … Read more

दिन में तारे दिखाई देना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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संजना जो एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हैं , और बहुत सुन्दर है।  संजना को बचपन से अपने गोरे रंग, ऊँचे क़द , लम्बे घने काले बाल और गहरी झील सी आँखों पर नाज़ रहा है।  संजना की खूबसूरती देखते ही बनती थी। संजना हर वक़्त अपनी खूबसूरती को निहारती रहती थी ,उसे सारा … Read more

मेरे पिता – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

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ओडिटोरियम में व्हीलचेयर पर बैठी स्मिता के आते ही तालियों की गड़गड़ाह से स्मिता का स्वागत किया गया , कुर्सियों पर चारों तरफ़ बैठे हुए लोग अपनी अपनी जगह उठ कर खड़े हो गए और उन्होंने तालियां बजाकर स्मिता का स्वागत किया।  मंच तक पहुंचते पहुंचते स्मिता के गले में फूलों की कई मालाएं डल … Read more

रिश्तों की डोरी टूटे न – शनाया अहम: Moral Stories in Hindi

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ये आप क्या कर रही हैं , आज फिर आपने ये पुराना एल्बम उठा लिया है और फिर से अपना दिल दुखाना शुरू कर दिया है आप ने।  कितनी बार आपसे कहा है भूल जाइये उन रिश्तों को जिनकी डोरी इतनी कच्ची थी,जो ज़रा से झटके से टूट गई।   अपनी माँ सीता देवी के हाथों … Read more

औरत का असली धर्म – शनाया अहम् Moral Stories in Hindi

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ये क्या अनाप शनाप पका के रख दिया तुमने , एकदम बकवास।   न घर से कोई ख़ास दहेज़ लायी न ही खाना पकाने और ससुराल वालों को खुश रखने का तरीक़ा सीख कर आई।  सारा दिन बस इसे सिखाते रहो, जो इसकी माँ सीखा के भेजती तो आज हमें सीखाना न पड़ता।  अपने रूप के … Read more

गड़े मुर्दे उखाड़ना -शनाया अहम Moral Stories in Hindi

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आज सुबह से ही मीना का मूड कुछ उखड़ा उखड़ा था, वो सीधा रसोई में गई और अपना टिफ़िन लेकर ऑफिस के लिए निकल गई ,आज उसने किसी से न तो बात की न ही जाते वक़्त कुछ कहा।  घरवालों ने उससे बात कर ने और उसका मूड खराब होने का कारण जानना भी चाहा … Read more

मर्द का भी रोना ज़रूरी है -शनाया अहम Moral Stories in Hindi

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क्या दर्द सिर्फ औरतों को होता है ,मर्द को नहीं ??? क्या वाक़ई भावनाएं सिर्फ औरतों में होती हैं , मर्दों में नहीं ??? क्या औरतों को ही सबके सामने आंसू बहाने का हक़ है , मर्द अकेले में नहीं रो सकता ??? ये तमाम सवाल आज जवाब मांग रहे थे रितेश के दिल से … Read more

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