“खुद की तलाश: बेटी बनने से बहू बनने तक” – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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नमिता और वृंदा पड़ोसी बहुएं हैं। दोनों की दोस्ती पूरे मोहल्ले में प्रसिद्ध है। दोनों रोज शाम को पास के पार्क में सैर करने अवश्य जाती हैं और इस बहाने मन की बातें भी कर लेती हैं।  एक शाम की सैर के दौरान, वृंदा को कुछ चिंतित और परेशान देख नमिता ने पूछा,  “आज तेरा … Read more

“संबंधों में सहनशीलता: भाभी से मिली सीख” – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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मेरी सास और मेरे बीच हमेशा 36 का आंकड़ा रहा है। लेकिन मायके में खुशी-खुशी कुछ दिन बिताकर अपने पति श्लोक के साथ जब मैं ससुराल वापस आ रही थी तो रास्ते भर अपने निश्चय को दृढ़ कर रही थी, “मैं प्रभा, अपनी ओर से अपने व्यवहार में सुधार लाने की हर संभव कोशिश करूंगी … Read more

मन का रिश्ता – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 97

“परी, तुम्हें पता है ना! मुझे सिर्फ तुम्हारे हाथ का गर्म खाना अच्छा लगता है। फिर भी तुम इतनी देर से आई। जो लंच तुम सुबह पैक करके देती हो, वह तो मैं ऑफिस में ठंडा ही खा लेता हूं। मैंने कभी शिकायत की क्या? पर यार, मुझे ब्रेकफास्ट और डिनर तो गर्म ही चाहिएं। … Read more

‘मन्नत: एक छोटी सी ख्वाहिश’ – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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श्यामा प्रसाद जी के बंगले में खूब चहल-पहल है। खुशियों से सबके चेहरे चमक रहे हैं। वाद्य यंत्रों और बधाई गीतों की आवाज दूर-दूर तक जा रही है। दादू-दादी आओ, पापा-मम्मी आओ…. मन्नत को झूला झुलाओ…….. गाओ सखियों मंगल गान… जन्मी हमारी राजदुलारी… मन्नतों से मांगी गई मन्नत आज 40 दिन की हो गई है। … Read more

बांह चढ़ाना – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 91

“अरे अमन! आज लंच नहीं करना है क्या?” “लगता है आज घर से बहुत खा कर आया है!” “हां हां, कुंभकरण की तरह!” “इसलिए कुंभकरण की तरह घोड़े बेचकर सो रहा है!” अपने सहपाठियों की ये टिप्पणियां सुनकर अमन गुस्से में उठा और अपनी बांह चढ़ा ली। “मैं कुंभकरण हूं ना! अब दिखाता हूं तुम्हें … Read more

मां-बाप की दुआ से सिंचित सफलता – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 36

हमारे भारत में आज भी सैंकड़ों गांव ऐसे हैं जहां शिक्षा व्यवस्था सीमित है। यह कहानी उत्तर प्रदेश के ऐसे ही एक छोटे से गांव से संबंध रखती है जहां 10वीं कक्षा के बाद बच्चों को पढ़ाई जारी रखने के लिए आसपास के शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इस गांव में चिकित्सा की … Read more

आखिरी फैसला – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता ही परमं तप: ……” पंडित जी राजेश से पूजा अर्चना करवा रहे हैं। वह भी पूर्ण निष्ठा और विधि-विधान से पूजा में तल्लीन है। पंडित जी के निर्देशों का अक्षरशः पालन कर रहा है। कहीं कोई कमी न रह जाए, इस बात का पूरा ध्यान रख रहा है। आज उसके … Read more

भाग्यहीन – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“अरे! इस भाग्यहीन को यहाँ क्यों उठा ले आए? पैदा होते ही अपनी माँ को खा गई और अब बाप को! मैं इस मनहूस को यहाँ नहीं रहने दूंगी।” माँ जी अपनी बहू रीना पर चिल्लाई। “मां जी, मैं प्राची को आपकी सेवा के लिए ही लाई हूँ।” माँ जी को शांत करते हुए रीना … Read more

किस्मत वाली – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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अनु का पालन-पोषण एक ऐसे पारिवारिक परिवेश में हुआ था, जहाँ बेटों को सिर चढ़ाया जाता और बेटियों पर सख्त नियम थोपे जाते थे। बेटे देर रात तक आवारगी करते, लेकिन बेटियों के कॉलेज जाने पर भी प्रतिबंध था। मां, चाची और भाभी, सभी को रिश्तों के अनुसार पुरुष वर्ग के सामने घूंघट में रहने … Read more

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