परिवार और पड़ोस का अंतर – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“छोटी, सब्ज़ी और सलाद वगैरह सब तैयार हैं। ऐसा करते हैं कि तुम चपातियां बना दो, मैं सबको परोस देती हूं।” स्मृति ने प्यार से अपनी देवरानी मनीषा से कहा।  “वाह भाभी, कितनी चालाक हैं आप! ताकि मैं रसोई में खड़ी रहूं और बाहर आप सबको भ्रमित कर सकें कि खाना आपने बनाया है।” मनीषा … Read more

बड़ा दिल – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 39

“सुगंधा बहू, तुम तो बहुत बड़े दिल वाली हो फिर मन छोटा क्यों करती हो! बेटी तो पराई धरोहर होती है। उसे तो एक दिन विदा करना ही पड़ता है।” सुगंधा की बुआ सास उसके कंधे पर हाथ रख यह कहते हुए उसे ढाढस बंधाने की कोशिश करती हैं, जो अपनी दुल्हन बनी बेटी महक … Read more

संस्कार और सम्मान – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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“सक्सेना साहब, आपकी बेटी चार पैसे क्या कमाती है, उसका तो दिमाग ही सातवें आसमान पर पहुंच गया है। अपने बड़ों से कैसे बात की जाती है, वह सब भूल गई है। अपने पति तक को वह अपने सामने कुछ नहीं समझती। मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि आपने उसे कैसे संस्कार दिए हैं!” … Read more

अपमान बना वरदान – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

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राधिका का जीवन हमेशा से हिंदी भाषा और संस्कृति से जुड़ा रहा था। स्कूल, कॉलेज में पढ़ते हुए, वह जब भी कुछ महसूस करती, उसे शब्दों में ढालने के लिए हिंदी ही उसका प्रिय साधन बनती। वह अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती। हिंदी को वह अपनी आत्मा मानती … Read more

मोहताज – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 86

“नमस्ते आंटी! आंटी, मैंने बैंक की लिपिक भर्ती परीक्षा पास कर ली है! अगले हफ्ते मेरी ज्वाइनिंग है!” शालू ने मिठाई का डिब्बा मेरे हाथ में पकड़ाते हुए ख़ुशी से कहा। उसके चेहरे पर आत्मविश्वास की एक नई चमक थी। मैं खुशी से झूम उठी। “वाह! ये तो बहुत बड़ी बात है, शालू! बहुत-बहुत बधाई! … Read more

प्यार का बंधन – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 86

अतुल और हीनल की मुलाकात दिल्ली के एक मैनेजमेंट कॉलेज में हुई थी। इसके बाद, दोनों की नियुक्ति गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में हो गई। दोनों परिवारों की सहर्ष सहमति से अक्टूबर में उनका विवाह हुआ, और दिल्ली की रहने वाली मीनल, अपने ससुराल गुड़गांव आ गई। क्रिसमस के बाद वीकेंड पर, वह अतुल … Read more

पछतावे के आंसू – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 69

“क्या मैंने बहुत देर कर दी?” ये विचार बार-बार अंकित के मन में कौंध रहा है और उसे अधीर कर रहा है। इसी विचार के साथ ही कैंपेगौडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बेंगलुरु की ओर दौड़ती टैक्सी में बैठा वह बेंगलुरु से नई दिल्ली की फ्लाइट के लिए इमरजेंसी टिकट बुक करता है। राजस्थान के भिवाड़ी का … Read more

समझदारी से स्नेह की बुनाई – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 40

इस छोकरी को कितना समझाया कि इन किताबों को छोड़। थोड़ा घर का काम धंधा सीख। पर कोई अच्छी बात पल्ले पड़े तब ना।‌ और जुबान तो कैंची की तरह चले है इसकी। न छोटे का पता है, न बड़े का।‌ मेरे को पहले ही पता था कि सासरे में ये पक्का नाक कटवाएगी।‌ पता … Read more

भाभी मां – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T105042.754

“ये भाभी भी ना! … अब क्यों मुझे बार-बार फोन कर रही हैं? बाइक की चाबी भाभी को सौंप तो दी है! अब क्या चाहती हैं कि मैं हमेशा उनका गुलाम बनकर रहूं जैसे मेरा कोई अस्तित्व ही ना हो?” चिढ़ते हुए मैंने भाभी का फोन काटकर मीनू को फोन मिला दिया। पर यह क्या? … Read more

अपमान – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

आज रचना की खुशी का पारावार नहीं है। कार तेज गति से चल रही है और रचना के मन की गति उससे भी तेज चल रही है। वह जल्दी से मायके पहुंचकर अपने भैया विशाल के गले लगकर उसे बधाई देना चाहती है। तभी उसका पति अमित ड्राइवर को हिदायत देता है, “अरे सोहन! गाड़ी … Read more

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