“अनकहा दर्द” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

मैं स्कूल जा रही थी ड्राइवर अंकल के साथ। जाते समय सड़क किनारे एक बूढ़ी अम्मा दिखाई दी जो सर्दी में कपकपा रही थी। उनके शरीर पर एक छोटा सा कंबल था जो उनको पूरी सर्दी से बचाने में असमर्थ हो रहा था। मेरे मन में इनको देखकर बहुत दुख हुआ मेरा मन दर्द से … Read more

अपने अहंकार में रिश्तों का महत्व – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

मैं अपने परिवार में मां-बाप की लाडली बेटी थी ! मेरे पापा बिजनेसमैन है, घर में किसी भी चीज का अभाव नहीं था !मैं दोनों के प्यार में मगरूर रहती थी ! अपनी पढ़ाई में अपने दोस्तों में और नए-नए वेस्टर्न कपड़े पहनती, यही मेरा शौक था ! कभी मम्मी पापा से कहती बेटी है … Read more

जिम्मेदारियां और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

जिम्मेदारियां और जीवन एक दूसरे के पूरक हैं ! दादी मां कहा करती थी लाडो पढ़ाई के साथ साथ मम्मी के साथ थोड़ा काम भी करवा लिया करो, तेरी मां पर घर की जिम्मेदारियां बहुत हैं ! सारा दिन काम कर के थक जाती हैं ! मैं ज्यादा उनकी बातो पर ध्यान नहीं देती थी … Read more

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