अंधे की लकड़ी – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

 डॉक्टर  रमेश आज  अस्पताल में  मरीज देखते-देखते काफी थक चुके हैं,परन्तु उनके चेहरे पर आत्मसंतुष्टि का भी भाव है।।वैसे तो डॉक्टर रमेश रोज सेवा-भावना से इलाज करते हैं,परन्तु कुछ दिन  पहले की घटना की  ने उनके अंतर्मन को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया था। उस दिन  एक औरत उनके पैर पकड़कर रोते हुए कह … Read more

सुख-दुःख का संगम – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मनुष्य का जीवन वास्तव में सुख-दुःख का संगम ही तो है!कभी उसके जीवन में सुखों की लाली छाई रहती है,तो कभी गमों का पहाड़ आ खड़ा होता है।महाकवि सुमित्रानंदन पंत जी ने भी कहा है’सुख-दुख के मधुर मिलन से यह जीवन हो परिपूरण।’ कथानायिका रीना के जीवन में भी सुख-दुःख की आँख मिचौली चल रही … Read more

आत्मसम्मान – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

आसमान में सुबह से सूरज बादलों की ओट लेकर आँख-मिचौनी खेल रहा था।कभी बादलों की ओट में बिल्कुल छुप जाता है,कभी अचानक से बादलों की ओट से निकलकर सारी पृथ्वी को अपनी स्वर्णिम किरणों से नहला देता है।मैं(नमिता),मेरी जिन्दगी में भी इसी तरह धूप-छाँव होते रहें।उम्र के 45वें वसंत में भी मैं खुद से सवाल … Read more

बहती गंगा में हाथ धोना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

हमारे देश में परोपकार करनेवालों की कमी नहीं है,परन्तु कुछ ऐसे लोग भी हैं ,जो देश में आपदा पड़ने पर भी बहती गंगा में हाथ धोने से बाज नहीं आते हैं।ऐसे लोग परमार्थ, दया,मानवता भूलकर अपनी स्वार्थपूर्ति हेतु आपदा में भी अवसर  ढ़ूँढ़  ही लेते हैं।अभी कुछ दिनों पहले आई महामारी कोरोनाकाल में भी कुछ … Read more

बाबुल – डाॅक्टर संजु झा। : Moral Stories in Hindi

औरत की चाहे कितनी भी उम्र भले ही क्यों न हो जाएँ,परन्तु बाबुल का घर उसके जेहन में धरोहर की भाँति संचित रहता है!मैं उमा काॅलेज के कुछ काम से मायके के शहर में आई हूँ।आते समय पति ने चुहल करते हुए कहा था -” उमा!माता-पिता अब न रहें तो क्या हुआ?एक बार बाबुल की … Read more

बहन – डाॅक्टर संजु झा  : Moral Stories in Hindi

मीना कुछ दिनों से अजीब कशमकश  में घिरी हुई है।बिस्तर पर लेटे-लेटे चिन्तामग्न थी। यह जिन्दगी का कैसा मोड़ उपस्थित हो गया है!हर तरफ अंधेरा और बर्बादी का आलम पसर चुका है।कोरोना महामारी तो आकर गुजर गई, परन्तु इसने कितनों की जिन्दगी के साथ उसकी रोजी-रोटी भी छीन ली!कोरोना में उसके माता-पिता की मृत्यु हो … Read more

हक – डाॅक्टर संजु झा  : Moral Stories in Hindi

परिस्थितियाँ व्यक्ति को अचानक से उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है,जिसकी उसने कभी कल्पना  भी नहीं की होती है।नई पीढ़ी इतनी तेजी से बदल रही है कि जिन बच्चों की जरुरतों और खुशियों के लिए  माता -पिता रातों की नींद और दिन का चैन त्यागते हैं,वे शादी होते ही नजरें फेर लेते हैं। … Read more

खानदान की इज्जत – डाॅ संजु झा   : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अपनी  संतान ही  खानदान  की इज्जत  में दाग लगा देती है, फिर  गलती का एहसास  होने पर उस कलंक को धोकर  खानदान की इज्ज़त  में चार चाँद  भी लगा देती है।नीना जैसी युवती की ऐसी ही कहानी है।नीना दफ्तर से आकर कमरे में मेज पर पड़ी चिट्ठी को देखकर पूछ बैठती है -“माँ!यह चिट्ठी … Read more

कलंक – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

कभी-कभी अनजाने में ही व्यक्ति के हाथों कुछ ऐसी घटना  हो जाती है,जिसका कलंक उसके सिर से ताउम्र नहीं मिटता है।सुनील सिंह के हाथों बचपन में ऐसी  ही घटना अनजाने में घटित हो गई थी और उस घटना का कलंक जब-तब उनके जीवन को काली स्याही से रंग देता है। आज भी सुनील सिंह जब … Read more

मतभेद – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

हर रिश्ते में मतभेद और गलफहमियाँ होती हैं।कुछ लोग बीच में पड़कर उस मतभेद को बढ़ावा देते हैं,परन्तु अगर थोड़ी सूझ-बूझ से काम लिया जाएँ,तो मतभेद को दूर कर सम्बन्ध को फिर से सँवारा जा सकता है। मीता और नीता जुड़वा बहनों में बचपन से ही मतभेद रहा है।थीं तो दोनों जुड़वाँ,परन्तु दोनों एक-दूसरे के … Read more

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