आग में घी डालना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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दोपहर में अचानक से फोन की घंटी बजने से सुधा की नींद टूट जाती है।उधर से फोन पर उसका पति कमल कहता है -“सुधा! तैयार रहना। मैं जल्द आ जाऊॅंगा। पुस्तक मेला देखने प्रगति मैदान चलेंगे।”  “अच्छा” खुश होकर सुधा कहती हैं। सुधा मन-ही-मन सोचती है कि    अब फिर से  कमल मेरी भावनाओं की … Read more

घर की इज्जत – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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एक दिन जिस बेटी निशा के कारण घर की इज्जत नीलाम हो चुकी थी,पूरे समाज में थू-थू हो रही थी, आज उसी बेटी को बेस्ट उद्यमी महिला का पुरस्कार लेते देखकर  उसके परिवार का का सीना गर्व से चौड़ा हो उठा। निशा आफिस से आकर कमरे में टेबल पर पड़ी हुई चिट्ठी देखकर पूछा बैठती … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती! – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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आज की घटना देखकर मुझे समझ में आ गया कि सचमुच एक हाथ से ताली नहीं बजती है!शरद की सुबह ठंड से मानो सबकुछ जमा हुआ प्रतीत होता है,उस पर से सूर्य देव का रुठना तो मानो रुधिर ही जमाने लगता है। जिस सूरज की तपन गर्मी में तन-बदन को झुलसा देती है,उसी सूर्य को … Read more

बड़ा दिल – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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महाभारत प्राचीन भारत का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इसके रचयिता व्यास मुनि हैं। हमारे ऐतिहासिक और पौराणिक काल के बहुत सारे ऐसे योद्धा हुए हैं, जिन्होंने बड़ा दिल रखते हुए अपने त्याग और समर्पण से अपनी वीरता की कहानी को स्वर्णाक्षरों में लिखा।उन योद्धाओं में पाण्डु पुत्र  महान गदाधारी भीम और  हिडिंबा के प्रपौत्र वीर … Read more

फूटी आंखों न भाना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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ज़िन्दगी में कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जातीं हैं कि जो हमें फूटी आंखों नहीं भाता है,वहीं विपत्ति की घड़ी में मजबूत संबल बनकर खड़ा हो जाता है।रीना को अपनी ननद ऊषा फूटी आंखों न भाती थी।जब रीना शादी कर ससुराल आई,उस समय ऊषा मात्र पन्द्रह वर्ष की थी।कौतूहलवश ऊषा अपनी भाभी से बहुत सारी … Read more

आंँखों पर चर्बी चढ़ना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

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बेटियां मुहावरा लघु -कथा प्रतियोगिता  इतिहास में महाभारत युद्ध को सबसे भयंकर माना जाता है।इस युद्ध में करोड़ों  लोगों की जानें गईं,इसका सबसे बड़ा कारण हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र ही थे। धृतराष्ट्र की आंखों पर पुत्र -मोह की चर्बी चढ़ी हुई थी,जिसके कारण उन्होंने अपने ही वंश का समूल नाश करवा दिया। धर्म और अधर्म … Read more

मन का रिश्ता – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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अंकिता और आरव ने कभी नहीं सोचा था कि विपरीत स्वभाव  और विपरीत आर्थिक पारिवारिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद  दोनों में मन का रिश्ता अटूट  रुप से बँध जाएगा।अंकिता और आरव एक ही कम्पनी में काम करते थे,परन्तु दोनों के दफ्तर अलग-अलग थे।दोनों आरंभ से ही पढ़ाकू रहे थे, दोनों के मन में कैरियर को … Read more

आवाज उठाना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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गरीब परिवार की मातृहीन ऊषा शादी के बाद ससुराल आ गई। संपन्न ससुराल पाकर ऊषा को अपने भाग्य पर रश्क होता था।कुछ समय बाद ऊषा पति  अजय के साथ शहर आ गई। कम पढ़ी-लिखी ऊषा के लिए पति देवता समान था।वह  जी-जान से पति को खुश रखने की कोशिश करती,परन्तु यहाँ आकर उसे पति के … Read more

आखिरी फैसला – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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मनुष्य की जिन्दगी में कब कौन-सा मोड़ आकर उपस्थित  हो जाएँ और कौन-सा फैसला लेना पड़ जाएँ,कुछ  कहा नहीं जा सकता है।कथानायिका सरोज भी  आज इसी दोराहे पर खड़ी है।सरोज को उसके पिता बहुत प्यार करते थे।सभी भाई-बहनों में बड़ी सरोज पिता की अत्यधिक दुलारी थी।पिता हमेशा उसे रानी कहकर ही बुलाते थे। उसे देखकर  … Read more

भाग्यहीन – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

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माता-पिता की दुलारी,सास-ससुर की प्यारी और दो बेटों की माँ सुमन मात्र 35 वर्ष की उम्र में भगवान को प्यारी हो गई। किसी ने सोचा भी न था कि इतनी खुबसूरत  और बड़े घर की बेटी होने के बावजूद   सुमन का भाग्य विधाता ने इतना खराब लिख दिया था।  नाम  अनुसार ही बचपन में … Read more

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