दिव्यतारा (भाग-1) – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
जय बजरंगबली… जय पीड़ा हारी…. जय कष्ट निवारण…… मम्मी ओ मम्मी.. कहां गई , देखो भाई बाहर कोई तुम्हें बुला रहा है …..बहू ओ बहू जरा देखना चश्मा कहां रख दिया है मैंने ….मिल नहीं रहा , अरे कंघी करने को उतारा ….यही तो रखा था…. कहां चला गया… जैसे उसका भी पैर हो… हे … Read more