अनकहे जवाब – संध्या त्रिपाठी : short story with moral

Moral Stories in Hindi : बाप रे ठंडी में इतनी सुबह-सुबह ….पालक , बैगन , टमाटर …ले लो ….मैं अभी बिस्तर से उठी भी नहीं हूँ और वह दूर गाँव से आकर सब्जी भी बेचने लगी…! बिस्तर पर लेटे-लेटे तेजस्वी के कानों में सब्जी बेचने वाली की आवाज सुनाई दी …चलो उठ ही गई हूँ … Read more

सुकून भरा सफर – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे मम्मी , फ्लाइट में टिकट क्यों नहीं कराया..  ट्रेन में कितना समय लगेगा जानती भी हो..? कंजूस कहीं की..!  ट्रेन का टिकट कंफर्म होते ही सुमेधा ने बेटी स्वर्णा को जानकारी दी थी , बेटी का जवाब सुनते ही सुमेधा बोली …..           अरे हमारे पास तेरे पापा के रिटायरमेंट … Read more

पतझड़ – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुजाता का जब ब्याह हुआ था, अल्हड़ उम्र थी। अक्सर सासु माँ की डांट खाती। सासु माँ ने भी तय कर लिया था, छोटी बहु को सुधार कर ही दम लेंगी। अतः सुजाता पर उनकी पैनी नजर रहती थी। कब वो गलती करें, और उनको मौका मिले उसे डांटने और … Read more

सासू मां का असली रूप – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” तो ये है सासू मां का असली रूप……. और सामने से तो बड़ी प्यारी बनती है…. मोबाइल पर ऑडियो क्लिप सुनते हुए स्वरा ने मन ही मन बुदबुदाया…..!        वो पूरा सुन भी नहीं पाई थी कि सामने शिशिर को देखते ही हड़बड़ा कर मोबाइल बंद करना चाहा….. अरे ये … Read more

खडूस पति – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : प्रतिदिन की भांति उस दिन भी अनन्या शाम को झूले में बैठकर समीर के ऑफिस से आने का इंतजार कर रही थी… वो सोच रही थी रोज-रोज बस वही एक ही दिनचर्या , कभी-कभी जिंदगी में एक ही दिनचर्या से ऊब सी गई हूं ।           तभी अनन्या ने सोचा… आज … Read more

पुनर्विवाह – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : मम्मी – मम्मी बारात वापस आ गई है चलो ना नई दुल्हन बनी चाची को देखने …..6 वर्षीय रिक्की ने नव्या का हाथ खींचते हुए बाहर ले जाने की कोशिश की ….! रुक जा बेटा , तू जा… मैं बाद में आऊंगी …पर क्यों मम्मी  , बाद में क्यों…? सब … Read more

गृहस्थी के कार्य में लिंगभेद क्यों…?? – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  बेटा अब तो नौकरी भी करने लगा है…. कई अच्छे रिश्ते आ ही रहे हैं तो तू अब शादी के लिए तैयार हो जा…! ज्वाला जी ने बेटे अभिमन्यु से कहा…. हां मम्मी तो मैंने भी कहां मना किया है…?? मैं तो शादी के लिए तैयार हूं… बस मुझे नौकरी … Read more

सासु जी तूने मेरी कदर न जानी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  बस का इंतजार करते लगभग एक घंटा बीत गया.. कोई भी बस गंतव्य की ओर जाने को तैयार ही नहीं , शायद समय ही गलत निर्धारित हो गया था घर लौटने का, …रात बढ़ती जा रही थी मन में भय , अकेले होने का एहसास और सबसे बड़ी बात महिला … Read more

किस्मत या खुशकिस्मत – संध्या त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : गूगल… प्लीज बताइए… विक्टिम कार्ड , सिंपैथी , त्रिया चरित्र किसे कहते हैं ,ओ के गूगल ….     रूंधे गले से , आंखों में आंसू डबडबाए गूगल पर वॉइस रिकॉर्ड कर दीप्ति ने पूछा । आज दीप्ति बहुत परेशान थी । बात सुबह की ही  तो थी , रविवार की छुट्टी का … Read more

रिश्तों का अधिग्रहण – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : क्या बात है श्रीमती जी… ये डायरी में क्या लिखा जा रहा है….. और मंद मंद मुस्कुराया जा रहा है …? चिट्ठी …चिट्ठी लिख रही हूं श्रीमान जी और प्लीज मुझे डिस्टर्ब ना करें.. आज के जमाने में कोई चिट्ठी लिखता है क्या ..?? और वैसे वो महत्वपूर्ण व्यक्ति है … Read more

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