अनकहे जवाब – संध्या त्रिपाठी : short story with moral
Moral Stories in Hindi : बाप रे ठंडी में इतनी सुबह-सुबह ….पालक , बैगन , टमाटर …ले लो ….मैं अभी बिस्तर से उठी भी नहीं हूँ और वह दूर गाँव से आकर सब्जी भी बेचने लगी…! बिस्तर पर लेटे-लेटे तेजस्वी के कानों में सब्जी बेचने वाली की आवाज सुनाई दी …चलो उठ ही गई हूँ … Read more