शुरुआत – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi
Moral stories in hindi :शुरू में जब मैं यहां आई ..तो ये कॉलोनी के छोटे-छोटे घर ….मेरे तो कभी पैर की उंगलियों में …कभी घुटनों में …कभी हाथ की कोहनी में… सोफे पलंग से चोट लग जाया करता था …..बाप रे इतना कन्जेस्टेड…..भौं चढ़ाते हुए शीतल ने कहा …..बहू की बात सुनकर आरती (सास) चुप … Read more