सज़ा का फ़रमान – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi

अमित पुणे में सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम करता है। उसका घर राजस्थान में है , इसलिए बार -बार आना -जाना नहीं हो पाता। आज पूरे तीन महीने बाद वो अपने घर आ रहा है। उसके घर में मम्मी -पापा, भाई -भाभी और उसकी पत्नी रेणुका है। भाई के दो बच्चे हैं … Read more

साज़िश – समिता बडियाल Moral Stories in Hindi

रीमा गुनगुनाती हुई अपने छोटे से बैग में कपडे डाल रही थी। उसकी माँ ने पूछा बेटा सारा सामान रख लिया ना कुछ और तो नहीं चाहिए। नहीं माँ सब हो गया , और हाँ कल सुबह ११-१२ बजे तक वापिस आ ही जाएंगे। आप परेशान मत होना। रीमा ने अपनी माँ से कहा और … Read more

घर की बड़ी बहु – समिता बड़ियाल : Moral Stories in Hindi

शोभा , अमित की पत्नी बनकर शर्मा परिवार में आई , आते ही उसे पहला नाम मिला "बहु "।शर्मा परिवार में सास (नीना), ससुर (दीपक ), देवर (अंशुल), कुल मिलकर छः सदस्य ही थे। शोभा के आते ही घर की सारी ज़िम्मेदारी उसके ऊपर डाल दी गई। सास नीना का मन होता तो मदद करवा … Read more

तलाक़ – समिता बड़ियाल : Moral Stories in Hindi

कोर्ट में जज के आते ही सभी खड़े हो गए। जज की अनुमति के बाद कार्यवाही शुरु की गई।  प्रीति के वक़ील ने इजाज़त मांगी  और प्रीति को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया।  प्रीति ने भरी आँखों से जज को नमस्ते कहा।  ३२ साल की प्रीति , सांवला रंग , सामान्य कद -काठी  और … Read more

आशीर्वाद – समिता बड़ियाल : Moral Stories in Hindi

आँखों में आँसू , उलझे बाल, चेहरे पर थकावट और दुःख की मलिनता……… ये दिव्या थी। साथ में उसका पति दीपक भी कुछ ऐसे ही हाल में साथ बैठा था। कभी दिव्या को तसल्ली देता कभी खुद को। दोनों हॉस्पिटल की लॉबी में बैठे हुए थे ।उनकी आहें रात के सन्नाटे को चीर रही थीं।दोनों … Read more

साँच को आँच नहीं – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi

नीलिमा जी जबसे बाज़ार से लौटी हैं , गुस्से में इधर – उधर बड़बड़ाते हुए घूम रहीं थी।  माधव जी (उनके पति ) ने  बेचैनी का कारण पूछा  नीलिमा जी फट पड़ी : हे भगवान् क्या बताऊँ आपको ? ऐसी चरित्रहीन बहु पल्ले पड़ी है की पूछो मत।  अरे हुआ क्या भाग्यवान ये तो बताओ … Read more

“रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ” – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi

`सलोनी और सोमेश, अजीत और गीता के दो बच्चे थे। दोनों होनहार और पढाई में अब्बल। संस्कार तो कूट -कूट कर भरे थे। कभी पलटकर जबाब नहीं देते सलोनी नाम के जैसे साँवले रंग की , तीखे नैन -नक्श , कमर तक लम्बे बाल, आँखों में हल्का सा काजल। बहुत सुंदर लगती। माँ गीता तो … Read more

सिर्फ़ बहु से बेटी बनने की उम्मीद क्यों ?? : Moral Stories in Hindi

सुबह -सुबह घर की घंटी बजी , देविका ने दरवाजा खोल कर देखा तो सामने शर्मा ऑन्टी थीं।  उसने अभिवादन कर उन्हें बैठाया।  तभी उसकी सासूमाँ सरिता जी भी अपने कमरे से बाहर आकर हॉल में बैठ गयी।  दोनों बातें करने लगी।  देविका चाय-नाश्ता लेकर हॉल में पहुँची तो उसकी सास हर बार की तरह … Read more

सौभाग्यवती भव : – समिता बड़ियाल : Moral Stories in Hindi

रूपा ने आज सुबह काकी के पैर छुए तो काकी के मुँह से निकला सौभाग्यवती भव : . रूपा की ऑंखें भर आयीं : काहे की सौभाग्यवती अम्मा , वो तो चले गए ?? कहकर रूपा रो पड़ी। काकी ने उसे उठाकर अपने पास बिठा लिया। तू जानती है सौभाग्यवति का मतलब क्या होता है … Read more

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मुझे माफ़ कर दो – समिता बड़ियाल  : Moral Stories in Hindi

माँ, मैं और अविनाश आ रहें हैं आज आपके पास, हनीमून से वापिस आई रोहिणी चहकती हुई अपनी माँ से बोली |मगर दूसरी तरफ़ से सिर्फ ठीक है सुनकर उसका उत्साह थोड़ा कम पड़ गया | शादी के बाद पहली बार वो अपने पति के साथ मायके आ रही थी , लेकिन उसकी माँ को … Read more

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