आपने भी तो सुना होगा..? – रोनिता कुंडु : short story with moral

short story with moral : अरे रंजन और बता कैसा चल रहा है सब..? सुना है तेरा इस बार भी प्रमोशन नहीं हुआ..? रंजन की बहन की शादी में उसके दोस्तों ने उससे कहा…  हां यार अब यह सब छोड़… शादी पर आया है तो ऑफिस की बात रहने दे और शादी इंजॉय कर, उधर … Read more

आखिर खानदान का नाम मिट्टी में थोड़े ही न मिलने दूंगी.! – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे भाभी..! तुम समझाओ ना पल्लवी को, आखिर लड़कियों में इतना घमंड ठीक नहीं.. हमारे पूरे खानदान में आज तक किसी ने डिवोर्स की बात नहीं कि, इस लड़की ने तो पूरे खानदान का नाम ही डुबो दिया… रजनी अपनी भाभी माया से कहती है माया:  अब क्या कहूं रजनी..? … Read more

आत्मग्लानी – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे सुषमा बहन… कल मेरे बबलू का जन्मदिन है, करण को भेज देना.. 7:00 बजे.. वह क्या है ना सबका जन्मदिन मनता देख उसे भी अपना जन्मदिन मनाना है, पर आपको तो पता ही है हमारी माली हालत..? इसलिए सोचा बस उसके खास दोस्तों को बुलाकर केक कटवा देंगे, तो … Read more

इन्हें ना समझे बोझ -रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

विदाई की घड़ी चल रही थी, तनु कभी अपने भाई तो कभी अपने माता-पिता से लिपट कर रो रही थी… तभी अचानक उसे याद आया उसकी दादी नहीं है वहां,  तनु:   मम्मी दादी कहां है..?  राधा जी:   होगी कहीं, तू जा बेटा… दामाद जी कब से खड़े हैं…? वैसे भी हम सब तो … Read more

गवाँर मां की बेटी – रोनिता कुंडु : hindi stories with moral

hindi stories with moral : तन्वी..! प्रियंका बता रही थी कि तुम्हारे स्कूल में मम्मी पापा को बुलाया गया था पर तुमने तो कभी हमसे कुछ बताया ही नहीं… क्यों..? सुनैना ने अपनी बेटी तन्वी से कहा…  हां नहीं बताया.. तन्वी ने कहा  पर क्यों..? तेरे स्कूल का कोई भी अनुष्ठान होता है तू कभी … Read more

कहां हैं बेटियों का अपना घर..? – रोनिता कुंडु   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : पापा… जब भी मेरी याद आए, मेरी गुड़िया से बातें कर लेना कविता अपनी विदाई की घड़ी में अपने पापा अशोक जी से कहती है…  अशोक जी:   बेटा तू जिस तरह इस घर में खुशियां बिखेरती थी, अपने उसे घर में भी इसी तरह खुशियां बिखेरना… अशोक जी के … Read more

संस्कारहीन – रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : सुमन..! चाय नाश्ते का क्या हुआ..? बुआ जी के जाने के बाद नाश्ता लाओगी क्या.? सरला जी ने कहा…  सुमन हड़बड़ाते हुए चाय नाश्ता लेकर आई और कहा हो गया मम्मी जी… ले आई… सरला जी:   क्या कहूं जीजी..? यह आजकल की लड़कियां सिर्फ फैशन करना जानती है… कुछ … Read more

फर्क ऑनलाइन और ऑफलाइन परिवार का – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : हैप्पी बर्थडे मां… आप अपनी आंखें बंद करो… हां अब खोलो, अब इन मोमबत्तियां को बुझा कर जल्दी से केक काटो… वरुण ने अपनी मां कविता को सरप्राइज देते हुए कहा  यह सब क्या है बेटा..? इतने सालों में तो तूने कभी मेरा जन्मदिन ऐसे नहीं मनाया, फिर आज क्या … Read more

सिर्फ नाम की गृहलक्ष्मी नहीं – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शिवानी, अतुल, सभी बाहर आओ… देखो मैं और भैया तुम सभी के लिए क्या लाए हैं..? प्रज्ञा जी ने कहा… अतुल: क्या है मां..?  शिवानी:  हां मां क्या लाई हो..? प्रज्ञा जी:  तुम्हारे भैया तुम लोगों के लिए दिवाली का तोहफा लाया है… आज हम उसी के खरीदारी करने गए … Read more

पिता की ममता – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : दो दो बच्चियां… बिन मां के कैसे पालोगे इन्हें..? ना तो इसकी दादी है और ना ही कोई बुआ.. फिर कैसे संभालेगा तू इन्हें..? रमन की बुआ मीना जी ने कहा… रमन की पत्नी शारदा जुड़वा बेटियों को जन्म देकर चल बसी… शारदा अनाथ थी… रमन के पिता तो बचपन … Read more

error: Content is protected !!