सीमा रेखा – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

बेटा… अगर हो सके तो तुम्हारी सैलरी आते ही इस बार सबसे पहले मेरा चश्मा बनवा देना या फिर नया ही दिलवा देना… बड़ी तकलीफ होती है बेटा… चश्मा के बगैर… अशोक जी ने अपनी बेटे नामित से कहा  नामित:   आपका ना मुझे समझ नहीं आता पापा… हर बार सैलरी आई नहीं उससे पहले … Read more

बासी बहू के लिए, और अच्छा उसे नसीब नहीं – रोनिता कुंडु   : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी.. मैं खाना खाने बैठी हूं… खा लूं फिर आपकी दवाई देती हूं.. मनीषी ने कहा  जब तुम्हें पता ही होता है खाना खाने के बाद ही मुझे दवाई लेनी होती है… फिर पहले ही मुझे दवाई देकर क्यों नहीं खाने बैठी..? या फिर यूं कह लो आज पुलाव देखकर तुम्हारी जीभ सब्र नहीं … Read more

किसी को तो बदलना पड़ेगा – रोनिता : Moral Stories in Hindi

बहू…! आज खाना मिल जाएगा क्या..? 1:30 बज गए हैं… तुम्हें नहीं पता मुझे दवाई भी लेनी होती है..? कमला जी ने आवाज लगाई, तभी अंदर से रागिनी अपने 8 महीने के बेटे बबलू को लेकर बाहर आई… बबलू रोए जा रहा था और रागिनी उसे थपकी देते हुए कमला जी से कहती है… मम्मी … Read more

बेचारी..? कौन बेचारी..? – रोनिता : Moral Stories in Hindi

सुना है मनोज…. हमारे पड़ोस के वर्मा जी के बेटे का तलाक हो रहा है… यह तो होना ही था… रोज-रोज के झगड़ों से अच्छा है कि एक ही बार में अलग हो जाए… आशा जी ने अपने बेटे मनोज से कहा  मनोज:   अच्छा..? पर अतुल भैया और सीमा भाभी तो बड़े खुश दिखते … Read more

बेटी गुरुर.. बहू क्लेश..? – रोनिता : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी..! आंचल की सासू मां का फोन आया था… वह आंचल की गोद भराई की रस्म है, हमें बुलाया है…. नायरा ने अपनी सास गायत्री जी से कहा…  गायत्री जी:   अच्छा… पर समधन जी ने मुझे फोन ना करके तुम्हें क्यों किया…? नायरा:   वह कर रही थी कि आपका फोन नहीं लग … Read more

रिश्तो की जरूरत – रोनिता कुंडु Moral Stories in Hindi

नेहा..! तुम आ गई..? तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए पानी लेकर आती हूं… वही अरनव बैठा टीवी देख रहा था… नमिता के ऐसा कहते ही अरनव थोड़ा चिढ़ गया… थोड़ी देर में नेहा के लिए, नामित पानी लेकर आती है… जिसे पीकर नेहा कहती है… बड़ी राहत मिली दीदी… बहुत गर्मी है, बहुत थक भी … Read more

बुढ़ापा सबको आना है Moral Stories in Hindi

बेटा… तुम लोग कहीं जा रहे हो क्या..? मालती जी ने कहा…  बस टोक दिया ना..? क्या मां..? आपसे चुप नहीं रहा जाता है ना..? उम्र हो गई है तो बस अपना ध्यान भजन कीर्तन में लगाओ ना… हम एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहे हैं खाने-पीने का सारा सामान रख दिया है और … Read more

हमसफर ऐसा भी – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

कुकर की सिटी की आवाज से रिचा की आंखें खुली.. बिस्तर के पास पड़ी टेबल के ऊपर रखी घड़ी पर नजर गई, तो वह एकदम से बिस्तर से उठ खड़ी हुई और कहा… हे भगवान… 7:30 बज गए..? इतनी देर हो गई और मैं सोती रही… पर मेरी अलार्म क्यों नहीं बजी..? छोड़ो यह सब … Read more

हम औरतें ससुराल बस क्लेश करने ही तो आती हैं.. -रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

बहु… यह कहां जाने की तैयारी कर रही हो..? मनोरमा जी ने अपनी बहू अक्षरा से कहा  अक्षरा:   मम्मी जी… बताया तो था सिम्मी का रोका है, तो मायके जाना है उसी के तैयारी कर रही हूं मैं… कमला दीदी को सब अच्छे से समझा दिया है और अगर आपको कुछ अलग से कहना … Read more

तकरार रिश्तों का – रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

मम्मी जी…. मैं रोटियां सेकने जा रही हूं, तब तक स्वाति से बोलिए ना के मटर छील दे… ताकि मैं रोटी बनाने के बाद, तुरंत ही सब्जी बना सकूं, पूनम ने अपनी सासू मां केतकी की से कहा  केतकी जी:   क्यों..? स्वाति क्यों छिलेगी..? तुझे जब पता ही था आज मटर बनेगा, फिर पहले … Read more

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