भाग्यहीन – रोनिता : Moral Stories in Hindi

अरे गीत, इधर भी दो नाश्ता। ध्यान कहां रहता है तुम्हारा? यह कहते हुए कावेरी जी अपनी बेटी की सास शोभा जी से कहती है, वह क्या है ना बहन जी? इस पर से जो ज़रा सा भी ध्यान हटाओ तो इसकी कामचोरी शुरू  शोभा जी:  बहन जी! बुरा ना माने तो एक बात पूछूं? … Read more

किस्मत वाली बहू – रोनिता : Moral Stories in Hindi

क्या बात है मां? कुछ कहना था? राज ने खाना खाते हुए अपनी मां प्रभा जी से कहा।  प्रभा जी:   हां वह पूछना था कि आज भिंडी कैसी बनी है?  राज:  हां अच्छी बनी है।  प्रभा जी: वह तो बननी ही थी, भिंडी के काटने के तरीके पर ही उसका स्वाद निर्भर करता है, … Read more

बुरी बहुरानियां – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

क्या बात है सरला बहन? इतना बड़ा अनुष्ठान घर पर और बहुरानी और बेटा नहीं आया? आप तो कह रही थी वह लोग नौकरी की वजह से दूर गए हैं, क्योंकि मजबूरी थी, पर अब तो माजरा कुछ और ही लग रहा है, सुषमा जी ने अपनी पड़ोसन सरला जी से कहा  सरला जी:  देखो … Read more

सिंदूर हो रहा दूर – रोनिता : Moral Stories in Hindi

क्या बात है? कुछ दिनों से देख रहा हूं बड़ी बदली बदली सी दिख रही हो? अमर ने अपनी पत्नी मनीषा से कहा  मनीषा:  अच्छा आपको अपने काम के अलावा कुछ और भी दिख गया? पर यह अजूबा कैसे हो गया? अमर:  क्या मतलब? काम पर ध्यान नहीं दूंगा तो यह घर कैसे चलेगा? तुम … Read more

तुम टेढ़ी खीर, तो मैं सीधी जलेबी – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मां बाऊजी… मुझे आप दोनों से कुछ कहना है… हम अलग रहना चाहते हैं.. रोज-रोज की किच-किच से तंग आ चुका हूं, अब अलग रहकर ही चैन मिल सकता है, ऋषि ने कहा  पार्वती जी:  क्या अलग-अलग रहना चाहता है..? बेटा तू हमारा एकलौता बेटा है और यह घर तेरा ही है, झगड़े मन मुटाव … Read more

दर्द की दास्तान ( भाग-23 ) (अंतिम भाग ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा के, अंगद की मां आकर अंगद को सुरैया की बेरुखी का कारण बताती है.. पर फिर भी सुरैया इस रिश्ते को मना कर देती है.. अब आगे.. अंगद की मां:  अब क्या हुआ सुरैया..? मेरे मना करने पर ही तुम यह नाटक कर रही थी… पर … Read more

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दर्द की दास्तान ( भाग-22 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा के, सुरैया की दादी सुरैया की वजह से अपनी जान दे देती है… पर फिर भी सुरैया जिस को सहारा देने आया अंगद, के साथ बेरुखी से पेश आती है… अब आगे… सुरैया अकेले अपने कमरे में बैठी, अपनी दादी को याद कर रोए जा रही … Read more

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दर्द की दास्तान ( भाग-21 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा के, अंगद के सवाल से सुरैया भावुक हो जाती है, पर क्या उसने, उसके रोने की असली वजह बताई..? अब आगे… सुरैया:   सर जी..! कहां आप पढ़े-लिखे एक बड़े अफसर और कहां में एक गांव की मामूली सी लड़की..? माना आपको अपना फर्ज निभाने के … Read more

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दर्द की दास्तान ( भाग-20 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा, के सुरैया अपने और अंगद की शादी को मानने से इंकार कर देती है… जिससे उसकी दादी काफी नाराज हो जाती है.. अब आगे.. दादी:   अब तोहार का होई..? सुरैया:   दादी..! कोई भी भला इंसान एक पागल के साथ शादी कर लेता है… क्योंकि … Read more

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दर्द की दास्तान ( भाग-19 ) – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

कहानी के पिछले भाग के अंत में आपने पढ़ा, के आनंद सुरैया से उसकी कहानी सुनता है और अंदाजा लगाकर कहता है, कि उसके साथ क्या हुआ होगा..? पर सुरैया ने कहा कि वह जान ही नहीं सकता कि क्या हुआ था उसके साथ..? जब तक के वह खुद ना बताएं.. अब आगे… सुरैया:   … Read more

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