बड़ी बहू का सबक – रोनिता कुंडु   : Moral Stories in Hindi

अरे दीपिका… हमारा सामान समेटा या नहीं? पूरा कमरा बिखरा पड़ा है, पता नहीं यह क्या कर रही है? आशा जी ने चिल्लाते हुए कहा.. तब तक दीपिका हड़बड़ाती हुई रसोई से आई और अपना पसीना पहुंचते हुए कहा, क्या हुआ मम्मी जी रसोई का सारा काम अब निपटा है, अभी जाकर आपका सामान लगा … Read more

वक्त पर काम आना – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

रेखा:   जानते हो रवि…? कल हमारी पड़ोसन एक नई साड़ी पहनकर रमा जी के यहां पूजा में आई थी… वह अपने पति का बखान करते थक नहीं रही थी… कह रही थी वह साड़ी 18000 की है… यह कहकर वह इतना इतरा रही थी कि क्या ही बोलूं? कल अगर आप साथ होते तो, … Read more

कैसी किस्मत पाई है? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी! आपकी रिपोर्ट आ गई है, उनका फोन आया था अभी, वह शाम को घर लौटते वक्त ले आएंगे, पलक ने अपनी सास नर्मदा जी से कहा नर्मदा जी:  तो क्या है उस रिपोर्ट में?  पलक:  अभी ज्यादा कुछ तो बताया नहीं, पर आपका ऑपरेशन जल्द से जल्द करवाना पड़ेगा, बाकी का आकर बताएंगे, … Read more

ज़माना खराब हैं – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी! अगले हफ्ते मेरे भाई की शादी है, मेरे गहने दे दीजिए, मुझे पहना है शादी पर, महक ने अपनी सास कावेरी जी से कहा। कावेरी जी:  गहने? भला आजकल के ज़माने में कौन असली गहने पहनता है? जो चली गई ना तो फिर कभी ना बनेंगे। इतने आर्टिफिशियल गहने तो बिकते हैं बाज़ार … Read more

और बोलो मीठे बोल? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अच्छा, गोलू की 15 दिन की छुट्टी हो गई? वाह! यह तो अच्छा हुआ, तो फिर तू आ जा ना यहां! सुमन जी ने फोन पर अपनी बेटी कंचन से कहा  कंचन:  क्या मां आप भी.? आपका बस चले तो मैं वही रहूं, पर भाभी? उनसे भी तो पूछ लो? वह क्या सोचेगी जब देखो … Read more

सबक एक नए अंदाज़ में – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

बताओ विमला, कैसे आना हुआ और सब ठीक-ठाक है ना? फोन पर तो ठीक से बात ही नहीं हो पाती, अब इतने दिनों बाद आई हो तो एक-दो महीने रुक कर जाना, कमला जी ने अपनी बहन विमला जी से कहा  विमला जी:  अरे दीदी! अब मैं यहां एक-दो महीने रुक जाऊंगी तो मेरा घर … Read more

मोहताज वाली जिंदगी – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

मम्मी, निवेदिता दीदी आई है! चाहत में अपनी सास रमा जी से कहा,  रमा जी:  क्या? निवेदिता? वह लोग आ गए मनाली घूम कर? चलो पूछती हूं, यह कहते हुए रमा जी दौड़ती हुई अपने कमरे से बाहर आई, फिर कहा अरे निवेदिता तुम लोग कब आए मनाली से?  निवेदिता: कल ही आई मम्मी और … Read more

भाभी है नौकरानी नहीं – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

मम्मी! फ्रिज में मैं कल केक देखा था, आज नहीं है किसने खाया? तिथि ने कहा  मुझे क्या पता? मैं कौन सा केक खाती हूं? पूछ तेरी भाभी से, पूरे दिन घर पर वही रहती है, खाया होगा तभी, कमला जी ने कहा  तिथि:  भाभी! कल मैंने केक का एक पीस देखा था फ्रिज में, … Read more

ना बोलना सीखो – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

बारात में क्या पहनने वाली हो? अलका ने अपनी देवरानी ममता से कहा  वह मैंने इस बार करवा चौथ पर एक साड़ी ली थी, जो मुझे इन्होंने बड़े प्यार से लाकर दी थी वही पहनने वाली हूं, वैसे जीजी आपने तो नई साड़ी ली होगी ना? आखिर देवर की शादी है सबसे बड़ी जेठानी तो … Read more

बहू से बेटी और बेटी से बहू तक का सफर – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

नहीं बहू नहीं जाएगी और यही मेरा आखिरी फैसला है, मुझे और कोई बहस नहीं करनी। जानकी जी ने चिल्लाते हुए कहा  निशांत:  फिर ठीक है, अब जब आपने फैसला कर ही लिया है फिर तो कोई आगे बात करने का कोई मतलब ही नहीं। सोनम तुमने सुन लिया ना? अब मेरे कान के सामने … Read more

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