आंसू बने मोती – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आज मेधा पहली बार हवाई जहाज से सफर कर रही है। बैठते ही एकदम थोड़ा डर लगा पर फिर सब सामान्य सा ही था। साथ कोई नहीं था और फोन भी बंद था तो मेधा खो गई अपनी यादों के सफर में। कितना मुश्किल था वह दौर जब उसने अकेले अपने बेटे संस्कार की परवरिश … Read more

दूजबर से स्नेह का बंधन – ‘ऋतु यादव’ : Moral Stories in Hindi

शुभ्रा घर पहुंची तो देखा पति अग्रज टीवी में आँखें गड़ाए थे।टीवी पर ब्रेक आया तो, वहां से नजरें हटाकर, “तो कैसी रही शादी? तुम तो इतनी सजग हो अपनी सेहत को लेकर, कुछ खाया तो होगा नहीं?  शुभ्रा मुस्कुराकर, “जी,पर इसी बहाने पुरानी सहेलियों से मिल ली।” अग्रज, “अच्छा!!ऐसा कौन मिल गया तुम्हें?”  शुभ्रा, … Read more

हमारे खानदान में लेने देने की जगह रिश्तों में प्रेम और अपनापन हो इस पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आज कलाकृति जी की बहू सच्शमिता, अपने भाई की शादी के बाद मायके से आई है। कलाकृति जी आते ही पोते को गोद में लेते हुए बोली, हाय!! एकांश मेरा लाडला, मेरा तो बिल्कुल मन नहीं लग रहा था तेरे बिना। एकांश भी अपनी तोतली आवाज़ में बोला दादी मुझे भी आपकी बहुत याद आई। … Read more

ननद (कभी सहेली कभी बहन कभी दुश्मन) – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

उमा जी के गाड़ी में बैठते ही फोन आ गया, “ भाभी कहां हैं? चल दी की नहीं? कब तक पहुंचेंगी”? उमा जी “बाईजी ,चल दी हूँ, अब ट्रेन जितना समय लगाती है, उतना तो लगाएगी ही, वरना मेरा मन तो है कि उड़कर पहुंच जाऊं”। यह कहकर खिलखिलाकर हंस पड़ी। वहां से आवाज़ आई … Read more

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