दिन में तारे देखना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

हर बीमारी का इलाज सिर्फ दवा नहीं होती- रश्मि झा मिश्रा । Moral stories in hindi

चुप रहो…रश्मि झा मिश्रा  “मां… तुम चुप रहा करो ना… तुमको क्या मतलब है… वे आपस में लड़ें… झगड़ें… जो करें… पति-पत्नी हैं… आज लड़ेंगे कल फिर सुलह हो जाएगी… तुम्हें बीच में पड़कर किसी की सिफारिश करने की क्या जरूरत है…!” ” पर बेटा मैं भी इंसान हूं… घर में दिन भर हल्ला मचा … Read more

अटूट बंधन…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

सुमित को स्कूल बस में चढ़ाकर… बाय करती हुई… जैसे ही सुधा पीछे मुड़ी… उसकी टक्कर अदिति से हो गई… “ओह…! माफ करना…!” ” कोई बात नहीं…!” ” लगी तो नहीं…!” ” नहीं…!” ” यह बेटी है तुम्हारी…!” ” हां… जिया नमस्ते करो आंटी को…!” ” नमस्ते आंटी…!” ” ठीक है ठीक है पहले बस … Read more

तकरार नहीं प्यार…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

“बड़े भैया का आज सुबह फोन आया था… बहुत परेशान लग रहे थे…!” ” इसमें कोई नई बात तो नहीं है… भैया भाभी तो हमेशा परेशान ही रहते हैं…!” बोलती हुई जूही अंदर जाने को हुई तो प्रतीक ने उसका हाथ पकड़ लिया बोला… ” सुनो ना जूही… भैया सचमुच परेशान थे… जब से छोटे … Read more

भैया बदल गए…रश्मि झा मिश्रा   : Moral stories in hindi

“मुझे नहीं पता मां… पर यहां पर घर में सबको यही लगता है कि मेरे आने से हर्ष बदल गए हैं… मैं क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा…! कल तो निम्मी रो रही थी… मां के पास बोल रही थी सब भाभी के कारण हुआ… पता नहीं भैया को हमसे क्यों दूर करना … Read more

सही दिशा…रश्मि झा मिश्रा: Moral stories in hindi

दरवाजे पर आह.. की आवाज के साथ गिरने की हड़बड़ाहट सुनकर दृष्टि ने दरवाजा खोला… तो सामने एक प्यारी सी लड़की साड़ी में लिपटी पैर पकड़े बैठी कराह रही थी…” क्या हुआ…!” दृष्टि बोल पड़ी… उसने पैर सीधा करने की कोशिश करते हुए कहा…” सीढ़ियां उतरने में अचानक पैर मुड़ गया… बहुत दर्द हो रहा … Read more

साथ की जरूरत…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

बच्चे दरवाजे पर आज तीन दिनों से… सुबह शाम नजर गड़ाए हुए थे…कब आएंगे अंकल… गोलू बोला… “लगता है आज भी नहीं आएंगे अंकल…!” ” नहीं ऐसा मत बोलो… अंकल जरूर आएंगे…! गुड़िया बोल पड़ी…  अचानक से एक बच्चा चीखा…” वह देखो अंकल की कार…!”  सारे बच्चे उधर ही दौड़े… हां यह तो अंकल की … Read more

जिसके थे उसके काम आ गए…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

एक तुम्हीं पर तो मुझे भरोसा था… तुमने भी मेरा भरोसा तोड़ दिया… ऐसा कैसे किया तुमने… धिक्कार है तुम्हें जीवा… धिक्कार है… धिक्कार है……!   जीवन उठ बैठा… स्वप्न में मां को इस तरह रोते हुए खुद को धिक्कारता देख उसकी आंखें भर आई… सच ही तो कह रही है अम्मा… मैंने काम ही ऐसा … Read more

प्यार बोझ नहीं बनेगा…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

पूर्णिमा की चांदनी… पूरे आकाश पर फैली हुई थी… हल्की-हल्की ठंडी हवा के झोंके… साथ में मस्त चांदनी… राधिका खिड़की खोले बस निहारे जा रही थी… वह जैसे खो सी गई थी… हजार द्वंदों से उलझे हुए मन पर… जैसे यह चांदनी रात की ठंडी हवा अमृत वर्षा कर रही हो… कहीं दूर से हरि … Read more

औकात नहीं भूला…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

वह शायद भिखारी ही था… एक पैर से लंगड़ा… अपनी बैसाखी टेकता… स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों के पास हाथ फैला रहा था… कभी एक-दो खिड़कियों पर कुछ मिल भी जाता… कभी सिक्का.… कभी रोटी… कभी सड़े गले फल… सबको झोलियों में डालता हुआ फिर दूसरी खिड़की के पास पहुंच जाता था… कुछ सभ्य लोग मुंह … Read more

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